नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस के आयुक्त राकेश अस्थाना (Delhi Police Commissioner Rakesh Asthana) ने शनिवार को घोषणा की कि बल के कर्मियों के लिए उनकी शिकायतों और अनसुलझे मुद्दों को उठाने के लिए हर हफ्ते एक 'ओपन हाउस' बैठक आयोजित की जाएगी.
उन्होंने सभी रैंकों के 10,550 से अधिक पुलिसकर्मियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि हर शुक्रवार को 'ओपन हाउस' का आयोजन किया जाएगा. स्वतंत्रता दिवस से पहले, अस्थाना ने स्थानीय पुलिस से रेहड़ी-पटरी वालों, छोटे दुकानदारों, ऑटो चालकों, रिक्शा चालकों आदि के सहयोग को 'बड़े पैमाने पर' तैयार करने के लिए कहा ताकि वे आतंकवादियों या आपराधिक साजिश के खिलाफ दिल्ली पुलिस की 'आंख और कान' के रूप में कार्य कर सकें.
गत 27 जुलाई को दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में पदभार संभालने वाले अस्थाना ने पुलिस थाने के अधिकारियों, निरीक्षकों और जांच अधिकारियों को बताया कि साक्ष्य-आधारित पुलिसिंग और वैज्ञानिक जांच का समय आ गया है. अस्थाना ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक सद्भाव का अत्यधिक महत्व है और इसे पुलिस द्वारा नेताओं और सभी समुदायों के सम्मानित लोगों के साथ जुड़ाव के माध्यम से बनाए रखा जाना चाहिए.
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उन्होंने कहा, 'दिल्ली पुलिस के जवानों को ऐसे कई मुद्दों से निपटना पड़ता है, जो शहर के लिए महत्वपूर्ण हैं. कानून व्यवस्था, वीवीआईपी सुरक्षा और अपराध जांच के क्षेत्रों में आपका काम प्रशंसनीय है. इसे बनाए रखने और बढ़ाने की जरूरत है.' उन्होंने यह आश्वासन दिया कि किसी भी पुलिसकर्मी को कर्तव्य के वास्तविक निर्वहन के लिए किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा.
अस्थाना ने कहा कि अपराधों की रोकथाम और जांच के लिए अंतर-संचालित आपराधिक न्याय प्रणाली और एकीकृत शिकायत निगरानी प्रणाली के साथ-साथ ई-बीटबुक का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि साथ ही, जबरन वसूली, नशीले पदार्थों, अवैध शराब की बिक्री, जुआ, मानव तस्करी आदि जैसे संगठित अपराधों पर नकेल कसने के लिए कार्रवाई को बढ़ाया जाना चाहिए.
उन्होंने एसएचओ से कहा, 'थानों में शिकायतकर्ताओं, पीड़ितों और आगंतुकों को समय और ध्यान देकर उनके साथ विनम्रतापूर्ण और सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'अपराधियों में पुलिस का भय और कानून का पालन करने वाले नागरिकों में सुरक्षा की भावना पैदा होनी चाहिए.'
(पीटीआई-भाषा)