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लद्दाख गतिरोध पर भारत की दो टूक- चीन पर अनसुलझे मुद्दों को सुलझाने की जवाबदेही

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Published : Jun 19, 2021, 4:24 AM IST

पूर्वी लद्दाख गतिरोध (eastern Ladakh row) पर विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) ने कहा कि अनसुलझे मुद्दों को सुलझाने की जवाबदेही चीन पर है. श्रृंगला ने 'कोविड बाद विश्व में भारत की विदेश नीति : नये खतरे, नये अवसर' विषय पर आयोजित डिजिटल संवाद के दौरान यह बात कही.

हर्षवर्द्धन श्रृंगला
हर्षवर्द्धन श्रृंगला

नई दिल्ली : विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख गतिरोध से जुड़े अनसुलझे मुद्दों को सुलझाने की जवाबदेही चीन की है और दोनों पक्षों के बीच सामान्य संबंध बहाल करने के लिये सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति महत्वपूर्ण है.

श्रृंगला ने 'कोविड बाद विश्व में भारत की विदेश नीति : नये खतरे, नये अवसर' विषय पर आयोजित डिजिटल संवाद के दौरान यह बात कही. इस कार्यक्रम का आयोजन पब्लिक अफेयर्स आफ इंडिया (पीएएफआई) (Public Affairs Forum of India) ने किया था.

उन्होंने कहा कि संबंधों के सम्पूर्ण आयामों का पूर्वानुमान सीमावर्ती क्षेत्र में शांति एवं समरसता के आधार पर निर्धारित किया गया था. विदेश सचिव ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले वर्ष विभिन्न प्रकार के उकसावे की गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज ऐसी स्थिति नहीं है.

उन्होंने कहा कि हमने एकतरफा ढंग से उकसावे के कार्यो को देखा है और हमने इससे निपटने का प्रयास किया. यह वार्ता के जरिये किया गया और कुछ हद तक हम कुछ मुद्दों को सुलझा पाए जो स्थिति चीन द्वारा पैदा की गई थी.

विदेश सचिव ने कहा कि अभी भी कुछ मुददे बने हुए हैं जिनका समाधान निकालने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख गतिरोध से जुड़े अनसुलझे मुद्दों को सुलझाने की जवाबदेही चीन की है और दोनों पक्षों के बीच सामान्य संबंध बहाल करने के लिये सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति महत्वपूर्ण है.

विदेश सचिव ने कहा कि चीन के उदय ने भू-राजनीतिक परिदृश्य में हमें केंद्रीय भूमिका में खड़ा कर दिया है. वह (चीन) हमारा सबसे बड़ा पड़ोसी है और उसके साथ हम सीमा से आगे कई चीजें साझा करते हैं.

उन्होंने कहा कि हमें चीन की ओर से एक विशिष्ट सामरिक चुनौती और साझी सीमा पर उसके हथकंडों का मुकाबला करना पड़ रहा है.

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली : विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख गतिरोध से जुड़े अनसुलझे मुद्दों को सुलझाने की जवाबदेही चीन की है और दोनों पक्षों के बीच सामान्य संबंध बहाल करने के लिये सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति महत्वपूर्ण है.

श्रृंगला ने 'कोविड बाद विश्व में भारत की विदेश नीति : नये खतरे, नये अवसर' विषय पर आयोजित डिजिटल संवाद के दौरान यह बात कही. इस कार्यक्रम का आयोजन पब्लिक अफेयर्स आफ इंडिया (पीएएफआई) (Public Affairs Forum of India) ने किया था.

उन्होंने कहा कि संबंधों के सम्पूर्ण आयामों का पूर्वानुमान सीमावर्ती क्षेत्र में शांति एवं समरसता के आधार पर निर्धारित किया गया था. विदेश सचिव ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले वर्ष विभिन्न प्रकार के उकसावे की गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज ऐसी स्थिति नहीं है.

उन्होंने कहा कि हमने एकतरफा ढंग से उकसावे के कार्यो को देखा है और हमने इससे निपटने का प्रयास किया. यह वार्ता के जरिये किया गया और कुछ हद तक हम कुछ मुद्दों को सुलझा पाए जो स्थिति चीन द्वारा पैदा की गई थी.

विदेश सचिव ने कहा कि अभी भी कुछ मुददे बने हुए हैं जिनका समाधान निकालने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख गतिरोध से जुड़े अनसुलझे मुद्दों को सुलझाने की जवाबदेही चीन की है और दोनों पक्षों के बीच सामान्य संबंध बहाल करने के लिये सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति महत्वपूर्ण है.

विदेश सचिव ने कहा कि चीन के उदय ने भू-राजनीतिक परिदृश्य में हमें केंद्रीय भूमिका में खड़ा कर दिया है. वह (चीन) हमारा सबसे बड़ा पड़ोसी है और उसके साथ हम सीमा से आगे कई चीजें साझा करते हैं.

उन्होंने कहा कि हमें चीन की ओर से एक विशिष्ट सामरिक चुनौती और साझी सीमा पर उसके हथकंडों का मुकाबला करना पड़ रहा है.

(पीटीआई भाषा)

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