हैदराबाद: भारत में ओमीक्रोन BA4 का पहला मामला इस महीने की 9 तारीख को हैदराबाद में दर्ज किया गया. भारतीय SARS Cov-2 कंसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स (INSACOG) ने गुरुवार को यह खुलासा किया. INSACOG का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका से आए एक डॉक्टर को Omicron BA4 वैरिएंट का पता चला है.
मेडिकल रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया के एक वैज्ञानिक का मानना है कि देशभर के और शहरों में इस सब-वेरिएंट के मामले सामने आने की संभावना है. BA4 भी दक्षिण अफ्रीका में कोविड मामलों के लिए जिम्मेदार दो ओमीक्रोन उप-प्रकारों में से एक है. पहले से ही उन लोगों में निदान किया जा चुका है जो पहले कोविड के संपर्क में आ चुके हैं और जिन्होंने टीके की दो खुराक ली है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख मारिया वैन केरखोव ने कहा कि यह ओमीक्रोन संस्करण से अधिक खतरनाक नहीं है लेकिन अधिक व्यापक होता है.
कई विशेषज्ञों की राय है कि भारत में एक बार ओमीक्रोन के प्रसार और वैक्सीन कार्यक्रम के व्यापक कार्यान्वयन के कारण बीए4 का प्रभाव नगण्य हो सकता है. नेशनल सेंटर फॉर डिजीज के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीए4 सब-वेरिएंट के कारण कुछ दिनों में मामले बढ़ सकते हैं लेकिन न्यूनतम नुकसान होगा. पीड़ितों को बीमारी का अधिक खतरा नहीं होगा और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता भी नहीं होगी.
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