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ओम प्रकाश राजभर ने कांग्रेस से गठबंधन के दिए संकेत, अन्य नेताओं को बताया दो मुंह वाला सांप

वाराणसी में ओम प्रकाश राजभर (Om prakash Rajbhar) ने देश के नेताओं को दो मुंहा सांप बताया हैं. उन्होंने खुद को पूर्वांचल की राजनीति की धुरी बताते हुए कहा कि बीजेपी की बीजेपी के बड़े नेता कहते हैं कि पूर्वांचल में सपा और बसपा को खत्म करना है तो ओपी राजभर को लाना होगा.

ओमप्रकाश राजभर.
ओमप्रकाश राजभर.
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Published : Dec 14, 2022, 8:21 PM IST

मीडिया से बातचीत करते ओमप्रकाश राजभर.

वाराणसी: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर (Om prakash Rajbhar) एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. जिले के दौरे पर पहुंचे ओमप्रकाश राजभर ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए देशभर के नेताओं को कटघरे में खड़ा किया. वहीं, इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के साथ गंठबंधन के भी संकेत दिए (OP Rajbhar alliance with Congress). राजभर ने निकाय चुनाव अकेले अपने दम पर जीतने की बात कही. इसके साथ ही कांग्रेस की तारीफ करते हुए एक नई राजनीति की शुरुआत करने का इशारा भी किया.

कोई पार्टी नहीं है खराबः ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि वह पूर्वांचल की राजनीति की धुरी है, नेता तो दो मुंहा सांप हैं. बीजेपी के बड़े नेता कहते हैं कि सपा और बसपा को खत्म करना है तो पूर्वांचल में ओम प्रकाश राजभर को साथ लेना होगा. सपा के शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि जो पुराने साथी किन्हीं कारणों से अखिलेश यादव से नाराज हैं, हम उन्हें मनाएंगे. उन्हें साथ लेकर ही लड़ाई लड़ी जा सकती है. ओम प्रकाश राजभर पूर्वांचल की एक धुरी बना हुआ है और करके दिखाया है. पूर्वांचल में बीजेपी के साथ था तो उसे जीत मिली. सपा के साथ था तो उसे जीत मिली. आगामी राजनीतिक दोस्ती के सवाल पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सपा, बसपा, भाजपा और कांग्रेस में से कोई पार्टी खराब नहीं है. किसी के भी साथ जाया जा सकता है (OP Rajbhar alliance with Congress).

नेता के ज्यादा फड़फड़ने पर पहुंच जाती हैं एजेंसियांः मऊ के पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी को बुधवार को ईडी ने कस्टडी रिमांड पर लिया. इस दौरान जब ईडी और सीबीआई की कार्रवाई को लेकर मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जो नेता ज्यादा फड़फड़ाता है, उसके यहां यह एजेंसियां पहुंच जाती हैं. फिर, वह नेता ठंडा पड़ जाता है. ऐसा कांग्रेस के समय में भी होता था और भाजपा की सरकार में भी हो रहा है.

मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा की जीत के सवाल पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि वहां की जीत नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन से उपजी सहानुभूति का परिणाम है. इससे अधिक और कुछ भी नहीं है. अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव में इतना ही दमखम है तो एकसाथ आकर बनारस में लड़ें. निकाय चुनाव को लेकर सवाल किया तो राजभर ने कहा कि हमारी पार्टी निकाय चुनाव के लिए तैयारी कर ली है. अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे और किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.

बंद हो नेताओं की पेंशन और विधायक निधिः ओपी राजभर ने इस दौरान प्रदेश में जीएसटी के छापा, तवांग में चीनी गतिरोध और नेताओं की पेंशन और विधायक निधि को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. जीएसटी टीम के छापे को लेकर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि निकाय चुनाव नजदीक आ गया है अब सब बंद हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि विधायकों और सांसदों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ना चाहिए. नेता कभी नहीं चाहता है कि अमीर और गरीब का बेटा साथ पढ़े. अब एक करोड़ में एमबीबीएस की पढ़ाई है. गरीब का बच्चा कहां से डॉक्टर बनेगा. 5 करोड़ रुपये विधायक निधि दिए जाने की बात कही जाती है, लेकिन जीएसटी कटने के बाद 3 करोड़ 25 लाख रुपये ही मिलते हैं. जनता को तो यह समझ में आ रहा है कि 5 करोड़ रुपये मिले हैं और नेताजी विकास काम करवाएंगे. इससे अच्छा विधायक निधि बंद ही कर दीजिए तो ज्यादा अच्छा है. वहीं तवांग में चीनी गतिरोध को लेकर उन्होंने कहा कि राष्ट्र हित में हम सरकार के साथ हैं. हम सेना को लेकर कुछ नहीं कहेंगे. सेना अपना काम कर रही है.

ये भी पढ़ेंः सांसद बृजलाल ने राज्यसभा में उठाया AMU में दलितों और पिछड़ों के आरक्षण का मुद्दा

मीडिया से बातचीत करते ओमप्रकाश राजभर.

वाराणसी: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर (Om prakash Rajbhar) एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. जिले के दौरे पर पहुंचे ओमप्रकाश राजभर ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए देशभर के नेताओं को कटघरे में खड़ा किया. वहीं, इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के साथ गंठबंधन के भी संकेत दिए (OP Rajbhar alliance with Congress). राजभर ने निकाय चुनाव अकेले अपने दम पर जीतने की बात कही. इसके साथ ही कांग्रेस की तारीफ करते हुए एक नई राजनीति की शुरुआत करने का इशारा भी किया.

कोई पार्टी नहीं है खराबः ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि वह पूर्वांचल की राजनीति की धुरी है, नेता तो दो मुंहा सांप हैं. बीजेपी के बड़े नेता कहते हैं कि सपा और बसपा को खत्म करना है तो पूर्वांचल में ओम प्रकाश राजभर को साथ लेना होगा. सपा के शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि जो पुराने साथी किन्हीं कारणों से अखिलेश यादव से नाराज हैं, हम उन्हें मनाएंगे. उन्हें साथ लेकर ही लड़ाई लड़ी जा सकती है. ओम प्रकाश राजभर पूर्वांचल की एक धुरी बना हुआ है और करके दिखाया है. पूर्वांचल में बीजेपी के साथ था तो उसे जीत मिली. सपा के साथ था तो उसे जीत मिली. आगामी राजनीतिक दोस्ती के सवाल पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सपा, बसपा, भाजपा और कांग्रेस में से कोई पार्टी खराब नहीं है. किसी के भी साथ जाया जा सकता है (OP Rajbhar alliance with Congress).

नेता के ज्यादा फड़फड़ने पर पहुंच जाती हैं एजेंसियांः मऊ के पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी को बुधवार को ईडी ने कस्टडी रिमांड पर लिया. इस दौरान जब ईडी और सीबीआई की कार्रवाई को लेकर मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जो नेता ज्यादा फड़फड़ाता है, उसके यहां यह एजेंसियां पहुंच जाती हैं. फिर, वह नेता ठंडा पड़ जाता है. ऐसा कांग्रेस के समय में भी होता था और भाजपा की सरकार में भी हो रहा है.

मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा की जीत के सवाल पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि वहां की जीत नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन से उपजी सहानुभूति का परिणाम है. इससे अधिक और कुछ भी नहीं है. अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव में इतना ही दमखम है तो एकसाथ आकर बनारस में लड़ें. निकाय चुनाव को लेकर सवाल किया तो राजभर ने कहा कि हमारी पार्टी निकाय चुनाव के लिए तैयारी कर ली है. अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे और किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.

बंद हो नेताओं की पेंशन और विधायक निधिः ओपी राजभर ने इस दौरान प्रदेश में जीएसटी के छापा, तवांग में चीनी गतिरोध और नेताओं की पेंशन और विधायक निधि को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. जीएसटी टीम के छापे को लेकर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि निकाय चुनाव नजदीक आ गया है अब सब बंद हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि विधायकों और सांसदों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ना चाहिए. नेता कभी नहीं चाहता है कि अमीर और गरीब का बेटा साथ पढ़े. अब एक करोड़ में एमबीबीएस की पढ़ाई है. गरीब का बच्चा कहां से डॉक्टर बनेगा. 5 करोड़ रुपये विधायक निधि दिए जाने की बात कही जाती है, लेकिन जीएसटी कटने के बाद 3 करोड़ 25 लाख रुपये ही मिलते हैं. जनता को तो यह समझ में आ रहा है कि 5 करोड़ रुपये मिले हैं और नेताजी विकास काम करवाएंगे. इससे अच्छा विधायक निधि बंद ही कर दीजिए तो ज्यादा अच्छा है. वहीं तवांग में चीनी गतिरोध को लेकर उन्होंने कहा कि राष्ट्र हित में हम सरकार के साथ हैं. हम सेना को लेकर कुछ नहीं कहेंगे. सेना अपना काम कर रही है.

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