वाराणसी : बनारस की मस्ती और अल्हड़पन हर किसी को अपनी ओर खींचता है, लेकिन इस बनारस की गलियों में आपको ऐसे पुराने भवन मिल जाएंगे, जो बांस-बल्लियों के सहारे सैकड़ों साल बीत जाने के बाद भी अब तक खड़े हुए हैं.
इन भवनों को देखकर आपको आश्चर्य जरूर होगा, लेकिन इनको सुरक्षित रखने के लिए बांस-बल्लियों के सहारे सामने वाले भवन का सहारा लेकर इनको रोके रखने का तरीका निश्चित तौर पर आपको थोड़ा हंसाएगा भी और डराएगा भी, क्योंकि बारिश के मौसम में यह जर्जर भवन अब लोगों के लिए टेंशन की वजह बन रहे हैं.
रिकॉर्ड में 335 जर्जर भवन
दरअसल, शहर में ऐसे 335 जर्जर भवन चिन्हित किए गए हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं. शहर के अलग-अलग इलाकों में चिन्हित किए गए इन भवनों को गिराने के लिए नगर निगम ने नोटिस जारी कर भवन स्वामियों को भवन खाली करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन 100 से ज्यादा ऐसे मकान हैं जो किसी न किसी कोर्ट कचहरी के विवाद की वजह से अधर में लटके हुए हैं. कानूनी पचड़े की वजह से इन भवनों को गिराना भी मुश्किल होता जा रहा है, लेकिन अब नगर निगम ऐसे भवनों पर कार्रवाई की तैयारी भी कर रहा है जिनके मामले कोर्ट में तो हैं, लेकिन यह दूसरे के लिए खतरा बन सकते हैं.
जारी किया गया नोटिस
नगर आयुक्त गौरांग राठी का कहना है कि 335 जर्जर भवन के स्वामियों को नोटिस जारी किया गया है और लगभग 110 भवनों को गिराने की कार्रवाई शुरू की जा चुकी है. बाकी भवनों के लिए भी जल्द से जल्द एक्शन लेते हुए इनको गिराए जाने का काम किया जाएगा.
दो क्षेत्र में ज्यादा जर्जर भवन
फिलहाल, दशाश्वमेध चौक क्षेत्र में अकेले लगभग 150 से ऊपर जर्जर भवन मौजूद हैं. यह दो इलाके ऐसे हैं, जो बनारस के पुराने इलाके में शुमार होते हैं और यहां पर सैकड़ों साल पुराने ऐसे भवन मौजूद हैं, जिनको देखकर आपको डर महसूस होने लगेगा, क्योंकि बहुमंजिला इमारतों के आगे झुकने की वजह से यह बेहद खतरनाक दिखने लगी हैं. इनको टिकाने के लिए भवन स्वामियों ने बांस बल्लियों का सहारा लेकर सामने वाले भवन के सहारे अपने मकान को रोक कर रखा है, ताकि वह गिरे नहीं लेकिन नगर निगम अब ऐसे भवन स्वामियों को नोटिस जारी कर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.