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तालिबान की आधिकारिक वेबसाइटें इंटरनेट से गायब, वजह साफ नहीं

एजेंसी की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक तालिबान की आधिकारिक वेबसाइटें इंटरनेट से गायब हो गईं. हालांकि, इसकी वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है.

Official Taliban websites go offline, though reasons unknown
Official Taliban websites go offline, though reasons unknown
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Published : Aug 21, 2021, 10:36 AM IST

Updated : Aug 21, 2021, 11:39 AM IST

बोस्टन : तालिबान द्वारा अफगान और दुनिया के लोगों को अपने और अपनी जीत के बारे में आधिकारिक संदेश देने वाली वेबसाइटें शुक्रवार को अचानक इंटरनेट की दुनिया से गायब हो गईं हालांकि अभी तक ऐसा होने के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है.

हालांकि, यह तुरंत स्पष्ट नहीं है कि पश्तो, उर्दू, अरबी, अंग्रेजी और दारी भाषाओं की साइटें शुक्रवार को ऑफलाइन क्यों हो गईं. इन वेबसाइटों को सैन फ्रांसिस्कों की एक कंपनी क्लाउडफायर से सुरक्षा मिली हुई है. यह कंपनी वेबसाइट को विषय-वस्तु प्रदान करने और इसे साइबर हमलों से बचाने में सहायता करती है. जानकारी के मुताबिक इस घटना पर टिप्पणी के लिए क्लाउडफायर को ईमेल करने के साथ फोन भी किया गया था लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. इस घटना की सबसे पहले खबर 'द वॉशिंगटन पोस्ट' ने दी.

ऑनलाइन चरमपंथी सामग्रियों पर नजर रखनेवाले एसआईटीआई खुफिया समूह की निदेशक रीता काट्ज ने कहा कि शुक्रवार को व्हाट्सऐप ने तालिबान से संबंधित कई समूहों को भी हटा दिया है.

व्हाट्सऐप के प्रवक्ता डेनियल मिस्टर ने व्हाट्सऐप समूहों को हटाने की पुष्टि तो नहीं कि लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत में कंपनी की ओर से दिए उस बयान का हवाला दिया, जिसमें यह कहा गया था कि कंपनी अमेरिकी प्रतिबंध कानून को मानने के लिए बाध्य है. हालांकि ट्विटर ने तालिबान के खातों को नहीं हटाया है. वहीं फेसबुक की तरह ही गूगल का यूट्यूब तालिबान को आतंकवादी संगठन मानता है और वह इसके खातों को चलाने से रोकता है.

तालिबान विदेशी आतंकवादी संगठनों की अमेरिकी सूची में नहीं है, लेकिन अमेरिका ने इस पर प्रतिबंध लगाए हैं.

इसे तालिबान की ऑनलाइन माध्यम से लोगों तक पहुंच को रोकने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.

बता दें कि, तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद से वहां के लोगों में दहशत का माहौल है. वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों से उन्हें घर पहुंचाने का वादा किया है.

उन्होंने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकियों से कहा, हम आपको घर पहुंचाएंगे.

वहीं, अफगानिस्तान में मानवीय संकट की आशंका को देखते हुए ब्रिटेन, कनाडा जैसे कई देशों ने अफगान शरणार्थियों के लिए पुनर्वास योजनाओं की पहले ही घोषणा कर रखी है जबकि कई अन्य देश उन्हें अस्थायी शरण देने पर सहमत हुए हैं.

तालिबान के आतंक के खिलाफ अफगानिस्तान में छिटपुट स्थानों पर अफगानों ने राष्ट्रध्वज के साथ प्रदर्शन किया तथा शासन संबंधी बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहे तालिबान ने हिंसा से उसे दबाने की कोशिश की.

बता दें कि काबुल हवाई अड्डे के समीप लोगों ने कारों में सवार होकर एवं पैदल मार्च निकाला एवं उनके हाथों में अफगान ध्वज के सम्मान में लंबे काले, लाल एवं हरे बैनर थे. यह बैनर अवज्ञा का प्रतीक बनता जा रहा है क्येांकि आतंकवादियों का अपना झंडा है. नांगरहार प्रांत में प्रदर्शन को लेकर एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें नजर आ रहा है कि एक प्रदर्शनकारी को गोली लगी है , उसका खून बह रहा है एवं लोग उसे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं.

पढ़ें : यह इतिहास का सबसे खतरनाक निकासी मिशन, हमारा वादा- आपको घर पहुंचाएंगे : बाइडेन

खोस्त प्रांत में तालिबान अधिकारियों ने प्रदर्शन को दबाने के बाद 24 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया. विदेश से स्थिति की निगरानी कर रहे पत्रकारों से यह जानकारी मिली है. वैसे आतंकवादियों ने प्रदर्शन या कर्फ्यू की बात तत्काल स्वीकार नहीं की है.

बोस्टन : तालिबान द्वारा अफगान और दुनिया के लोगों को अपने और अपनी जीत के बारे में आधिकारिक संदेश देने वाली वेबसाइटें शुक्रवार को अचानक इंटरनेट की दुनिया से गायब हो गईं हालांकि अभी तक ऐसा होने के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है.

हालांकि, यह तुरंत स्पष्ट नहीं है कि पश्तो, उर्दू, अरबी, अंग्रेजी और दारी भाषाओं की साइटें शुक्रवार को ऑफलाइन क्यों हो गईं. इन वेबसाइटों को सैन फ्रांसिस्कों की एक कंपनी क्लाउडफायर से सुरक्षा मिली हुई है. यह कंपनी वेबसाइट को विषय-वस्तु प्रदान करने और इसे साइबर हमलों से बचाने में सहायता करती है. जानकारी के मुताबिक इस घटना पर टिप्पणी के लिए क्लाउडफायर को ईमेल करने के साथ फोन भी किया गया था लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. इस घटना की सबसे पहले खबर 'द वॉशिंगटन पोस्ट' ने दी.

ऑनलाइन चरमपंथी सामग्रियों पर नजर रखनेवाले एसआईटीआई खुफिया समूह की निदेशक रीता काट्ज ने कहा कि शुक्रवार को व्हाट्सऐप ने तालिबान से संबंधित कई समूहों को भी हटा दिया है.

व्हाट्सऐप के प्रवक्ता डेनियल मिस्टर ने व्हाट्सऐप समूहों को हटाने की पुष्टि तो नहीं कि लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत में कंपनी की ओर से दिए उस बयान का हवाला दिया, जिसमें यह कहा गया था कि कंपनी अमेरिकी प्रतिबंध कानून को मानने के लिए बाध्य है. हालांकि ट्विटर ने तालिबान के खातों को नहीं हटाया है. वहीं फेसबुक की तरह ही गूगल का यूट्यूब तालिबान को आतंकवादी संगठन मानता है और वह इसके खातों को चलाने से रोकता है.

तालिबान विदेशी आतंकवादी संगठनों की अमेरिकी सूची में नहीं है, लेकिन अमेरिका ने इस पर प्रतिबंध लगाए हैं.

इसे तालिबान की ऑनलाइन माध्यम से लोगों तक पहुंच को रोकने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.

बता दें कि, तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद से वहां के लोगों में दहशत का माहौल है. वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों से उन्हें घर पहुंचाने का वादा किया है.

उन्होंने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकियों से कहा, हम आपको घर पहुंचाएंगे.

वहीं, अफगानिस्तान में मानवीय संकट की आशंका को देखते हुए ब्रिटेन, कनाडा जैसे कई देशों ने अफगान शरणार्थियों के लिए पुनर्वास योजनाओं की पहले ही घोषणा कर रखी है जबकि कई अन्य देश उन्हें अस्थायी शरण देने पर सहमत हुए हैं.

तालिबान के आतंक के खिलाफ अफगानिस्तान में छिटपुट स्थानों पर अफगानों ने राष्ट्रध्वज के साथ प्रदर्शन किया तथा शासन संबंधी बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहे तालिबान ने हिंसा से उसे दबाने की कोशिश की.

बता दें कि काबुल हवाई अड्डे के समीप लोगों ने कारों में सवार होकर एवं पैदल मार्च निकाला एवं उनके हाथों में अफगान ध्वज के सम्मान में लंबे काले, लाल एवं हरे बैनर थे. यह बैनर अवज्ञा का प्रतीक बनता जा रहा है क्येांकि आतंकवादियों का अपना झंडा है. नांगरहार प्रांत में प्रदर्शन को लेकर एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें नजर आ रहा है कि एक प्रदर्शनकारी को गोली लगी है , उसका खून बह रहा है एवं लोग उसे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं.

पढ़ें : यह इतिहास का सबसे खतरनाक निकासी मिशन, हमारा वादा- आपको घर पहुंचाएंगे : बाइडेन

खोस्त प्रांत में तालिबान अधिकारियों ने प्रदर्शन को दबाने के बाद 24 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया. विदेश से स्थिति की निगरानी कर रहे पत्रकारों से यह जानकारी मिली है. वैसे आतंकवादियों ने प्रदर्शन या कर्फ्यू की बात तत्काल स्वीकार नहीं की है.

Last Updated : Aug 21, 2021, 11:39 AM IST
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