रांची: सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला देते हुए कहा है कि चुनाव की तारीखों के ऐलान या चल रहे चुनाव कार्यक्रम के बीच उस चुनाव के लिए किसी तरह के आरक्षण को लागू नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश झारखंड पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर दायर याचिका को लेकर दिया है. ओबीसी आरक्षण को लेकर आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने एक याचिका दायर की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.
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ओबीसी आरक्षण को लेकर याचिका दायर: झारखंड पंचायत चुनाव में ओबीसी को आरक्षण को लेकर सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी की ओर से उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर किया गया था. याचिका में कहा गया था कि झारखंड में चार चरणों में पंचायत चुनाव हो रहे हैं लेकिन ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया गया है.पंचायत चुनाव में आरक्षण न देकर राज्य के ओबीसी के साथ हेमंत सोरेन सरकार अन्याय कर रही है. इस मामले में दायर याचिका पर 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. तब तीन जजों की बेंच ने विस्तृत सुनवाई के लिए 4 मई की तारीख तय कर दी थी. इससे पहले जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अभय एस ओका की अदालत ने इस मामले को सुना. तब अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिका को तीन जजों के बेंच में स्थानांतरित कर दिया था.
अदालत में क्या हुआ: झारखंड हाईकोर्ट के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के उपरांत पंचायत चुनाव मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि झारखंड में चुनाव स्टार्ट हो गया. ऐसे में फिलहाल बिना आरक्षण के पंचायत चुनाव कराया जाएगा. इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को अगले पंचायत चुनाव से पहले ओबीसी आरक्षण को लेकर जरूरी प्रावधान पूरे कर लेने का निर्देश दिया. बता दें कि झारखंड विधानसभा में सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि ट्रिपल टेस्ट कराकर ओबीसी को आरक्षण देने में परेशानी हो रही है. इसलिए फिलहाल बिना आरक्षण के पंचायत चुनाव कराया जा रहा है. इस फैसले के बाद झारखंड में पंचायत चुनाव अब अपने निर्धारित समय पर ही होगा. झारखंड में चार चरणों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वोटिंग इसी महीने होना है. ऐसे में कोर्ट के इस आदेश से राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है.