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यमुनोत्री में 2 और केदारनाथ में 4 तीर्थ यात्रियों की मौत, अब तक 69 श्रद्धालुओं की गई जान

चारधाम यात्रा मार्ग पर यात्रा करने आने वाले श्रद्धालुओं की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. आज यमुनोत्री धाम में दो तीर्थयात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो गई है. जबकि, केदारनाथ में चार यात्रियों ने दम तोड़ा है. इसके साथ चारधाम में मरने वालों का आंकड़ा 69 पहुंच गया है.

CHARDHAM YATRA
69 श्रद्धालुओं की गई जान
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Published : May 24, 2022, 7:51 PM IST

देहरादून/उत्तरकाशीः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने चरम पर है. बीती 3 मई से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी. अभी तक साढ़े आठ लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं, लेकिन चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की मौत की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. अभी तक 69 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है.

चारधाम में मौत का आंकड़ाः बता दें कि चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) अभी तक 69 श्रद्धालुओं की मौत (Pilgrims death in Chardham) हो चुकी है. यमुनोत्री धाम में 19 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. गंगोत्री धाम में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. केदारनाथ धाम में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. उधर, बदरीनाथ धाम में भी 12 यात्रियों ने जान गंवाई है. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा मौके केदारनाथ यात्रा में हुई है. जहां अभी तक 34 तीर्थ यात्रियों की सांसें थम चुकी है.

यमुनोत्री में 2 और केदारनाथ में 4 तीर्थ यात्रियों की मौत.

आज यमुनोत्री में दो यात्रियों ने तोड़ा दमः यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए दो और तीर्थ यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो गई है. यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद अब तक यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर 19 यात्रियों की मौत हो चुकी है. यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर विनायक गुलाब राव मांडवे (उम्र 77 वर्ष), निवासी सिंघवा, बाड़वानी मध्यप्रदेश को मंदिर में दर्शन करने के बाद चक्कर आ गया था.

वहीं, दूसरे तीर्थयात्री दिलीप (उम्र 63 वर्ष), निवासी बी 12 अल्का दादा भाई रोड बिले पारले मुंबई यमुनोत्री जाते समय नौ कैंची के पास चक्कर आने पर गिर पड़े. दोनों यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो गई. यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों में से अब तक यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर 19 यात्रियों की मौत हो चुकी है. जिनमें से 17 यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हुई है. जबकि, 2 यात्रियों की गिरने व चोट लगने से मौत हुई है.

केदारनाथ में चार तीर्थयात्रियों की मौतः केदारनाथ धाम में चार तीर्थयात्रियों की मौत हुई है. अब तक केदारनाथ यात्रा के दौरान 34 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. बीके शुक्ला ने बताया कि मंगलवार को केदारनाथ धाम में चार यात्रियों की मौत हुई है. जिनमें श्रद्धालु रविंद्र नाथ मिश्रा (उम्र 56 वर्ष), निवासी प्रताप नगर उत्तर प्रदेश, अनिता राय सिन्धे (उम्र 65 वर्ष) निवासी ग्राम भागला जिला औरंगाबाद महाराष्ट्र, मानकुंवर नागर (उम्र 60 वर्ष) निवासी मध्यप्रदेश और लता कमावत (उम्र 56 वर्ष) निवासी नथवाड़ा राजस्थान शामिल हैं.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ के बाद यमुनोत्री धाम की भी यात्रा बाधित, जानकी चट्टी में रोके गए श्रद्धालु

यात्रा के दौरान तीर्थयात्री बरतें सावधानीः केदारनाथ धाम की यात्रा काफी कठिन है. यहां खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचना पड़ता है. पहाड़ों में यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों को खास ध्यान रखने की जरूरत है. पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती है. हाई एल्टीट्यूड में आने पर ऑक्सीजन की प्रॉब्लम होने लगती है, ऐसे में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं घट जाती है. तीर्थयात्रियों को पैदल यात्रा शुरू करने से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवा लेने की हिदायत दी जा रही है. यात्रियों से हृदय रोगों के मरीजों को जोखिम न लेने की अपील की जा रही है.

उन्हें रुक रुककर सफर करने को कहा जा रहा है. तीर्थ यात्रियों को अपनी दवाईयों के साथ धाम पहुंचना चाहिए. इसके अलावा जो तीर्थयात्री केदारनाथ पर आते हैं, वे आस्था पर आने से खाना-पीना छोड़ देते हैं, जिस कारण यात्रियों को दिक्कतें होती हैं. तीर्थ यात्रियों को ऐसा नहीं करना है. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को यात्रा पर आने से पहले अपने साथ दवाईयां, गर्म कपड़ों के साथ ही पूरी व्यवस्था के साथ आना चाहिए.

चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की मौत के आंकड़े प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए लगातार चिंता का विषय बना हुआ है. स्वास्थ्य महानिदेशलाय की मानें तो इस बार चारधाम यात्रा में जो सबसे ज्यादा मौतें हो रही है, उसका मुख्य कारण 69 प्रतिशत यात्रियों में डायबिटीज और हाइपरटेंशन बताया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अधिकतर मरने वाले यात्रियों का उनके परिजन पोस्टमार्टम नहीं करवा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः बर्फबारी और बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा रोकी गई, हेली सेवाएं भी निलंबित

क्या बोलीं डीजी हेल्थ शैलजा भट्टः डीजी हेल्थ शैलजा भट्ट (Uttarakhand DG Health Shailja Bhatt) की मानें तो चारधाम यात्रा में मौत के जो कारण हैं, उसमें 16 प्रतिशत कार्डियोलॉजी के कारण और 69 प्रतिशत मौतें डायबटीज एवं हाइपरटेंशन की वजह से हो रही हैं. इसके साथ ही अन्य मौतों में कारण कुछ यात्रियों को कोविड की पुरानी बीमारी के कारण भी परेशानी हो रही है.

देहरादून/उत्तरकाशीः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने चरम पर है. बीती 3 मई से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी. अभी तक साढ़े आठ लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं, लेकिन चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की मौत की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. अभी तक 69 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है.

चारधाम में मौत का आंकड़ाः बता दें कि चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) अभी तक 69 श्रद्धालुओं की मौत (Pilgrims death in Chardham) हो चुकी है. यमुनोत्री धाम में 19 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. गंगोत्री धाम में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. केदारनाथ धाम में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. उधर, बदरीनाथ धाम में भी 12 यात्रियों ने जान गंवाई है. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा मौके केदारनाथ यात्रा में हुई है. जहां अभी तक 34 तीर्थ यात्रियों की सांसें थम चुकी है.

यमुनोत्री में 2 और केदारनाथ में 4 तीर्थ यात्रियों की मौत.

आज यमुनोत्री में दो यात्रियों ने तोड़ा दमः यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए दो और तीर्थ यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो गई है. यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद अब तक यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर 19 यात्रियों की मौत हो चुकी है. यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर विनायक गुलाब राव मांडवे (उम्र 77 वर्ष), निवासी सिंघवा, बाड़वानी मध्यप्रदेश को मंदिर में दर्शन करने के बाद चक्कर आ गया था.

वहीं, दूसरे तीर्थयात्री दिलीप (उम्र 63 वर्ष), निवासी बी 12 अल्का दादा भाई रोड बिले पारले मुंबई यमुनोत्री जाते समय नौ कैंची के पास चक्कर आने पर गिर पड़े. दोनों यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो गई. यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों में से अब तक यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर 19 यात्रियों की मौत हो चुकी है. जिनमें से 17 यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हुई है. जबकि, 2 यात्रियों की गिरने व चोट लगने से मौत हुई है.

केदारनाथ में चार तीर्थयात्रियों की मौतः केदारनाथ धाम में चार तीर्थयात्रियों की मौत हुई है. अब तक केदारनाथ यात्रा के दौरान 34 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. बीके शुक्ला ने बताया कि मंगलवार को केदारनाथ धाम में चार यात्रियों की मौत हुई है. जिनमें श्रद्धालु रविंद्र नाथ मिश्रा (उम्र 56 वर्ष), निवासी प्रताप नगर उत्तर प्रदेश, अनिता राय सिन्धे (उम्र 65 वर्ष) निवासी ग्राम भागला जिला औरंगाबाद महाराष्ट्र, मानकुंवर नागर (उम्र 60 वर्ष) निवासी मध्यप्रदेश और लता कमावत (उम्र 56 वर्ष) निवासी नथवाड़ा राजस्थान शामिल हैं.

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यात्रा के दौरान तीर्थयात्री बरतें सावधानीः केदारनाथ धाम की यात्रा काफी कठिन है. यहां खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचना पड़ता है. पहाड़ों में यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों को खास ध्यान रखने की जरूरत है. पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती है. हाई एल्टीट्यूड में आने पर ऑक्सीजन की प्रॉब्लम होने लगती है, ऐसे में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं घट जाती है. तीर्थयात्रियों को पैदल यात्रा शुरू करने से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवा लेने की हिदायत दी जा रही है. यात्रियों से हृदय रोगों के मरीजों को जोखिम न लेने की अपील की जा रही है.

उन्हें रुक रुककर सफर करने को कहा जा रहा है. तीर्थ यात्रियों को अपनी दवाईयों के साथ धाम पहुंचना चाहिए. इसके अलावा जो तीर्थयात्री केदारनाथ पर आते हैं, वे आस्था पर आने से खाना-पीना छोड़ देते हैं, जिस कारण यात्रियों को दिक्कतें होती हैं. तीर्थ यात्रियों को ऐसा नहीं करना है. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को यात्रा पर आने से पहले अपने साथ दवाईयां, गर्म कपड़ों के साथ ही पूरी व्यवस्था के साथ आना चाहिए.

चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की मौत के आंकड़े प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए लगातार चिंता का विषय बना हुआ है. स्वास्थ्य महानिदेशलाय की मानें तो इस बार चारधाम यात्रा में जो सबसे ज्यादा मौतें हो रही है, उसका मुख्य कारण 69 प्रतिशत यात्रियों में डायबिटीज और हाइपरटेंशन बताया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अधिकतर मरने वाले यात्रियों का उनके परिजन पोस्टमार्टम नहीं करवा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः बर्फबारी और बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा रोकी गई, हेली सेवाएं भी निलंबित

क्या बोलीं डीजी हेल्थ शैलजा भट्टः डीजी हेल्थ शैलजा भट्ट (Uttarakhand DG Health Shailja Bhatt) की मानें तो चारधाम यात्रा में मौत के जो कारण हैं, उसमें 16 प्रतिशत कार्डियोलॉजी के कारण और 69 प्रतिशत मौतें डायबटीज एवं हाइपरटेंशन की वजह से हो रही हैं. इसके साथ ही अन्य मौतों में कारण कुछ यात्रियों को कोविड की पुरानी बीमारी के कारण भी परेशानी हो रही है.

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