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अब लड़कियों के लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खुलेंगे : प्रधानमंत्री मोदी - News in Hindi

प्रधानमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस (75वें Independence Day) के अवसर पर रविवार को अपने भाषण में कहा कि ढाई साल पहले मिजोरम में सैनिक स्कूलों में लड़कियों के दाखिले का पहला प्रयोग किया गया था. उन्होंने कहा कि सरकार ने अब फैसला किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूल देश की बेटियों के लिए भी खोले जाएंगे.

प्रधानमंत्री मोदी
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Published : Aug 15, 2021, 10:22 AM IST

Updated : Aug 15, 2021, 1:17 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को घोषणा की कि देश के सभी सैनिक स्कूलों के दरवाजे अब लड़कियों के लिए भी खोले जाएंगे. देश में इस समय 33 सैनिक स्कूलों का संचालन किया जा रहा हैं.

प्रधानमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस (75वें Independence Day) के अवसर पर रविवार को अपने भाषण में कहा कि ढाई साल पहले मिजोरम में सैनिक स्कूलों में लड़कियों के दाखिले का पहला प्रयोग किया गया था. उन्होंने कहा कि सरकार ने अब फैसला किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूल देश की बेटियों के लिए भी खोले जाएंगे.

सैनिक स्कूलों का संचालन सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा किया जाता है जो रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आती है. सैनिक स्कूलों की स्थापना का उद्देश्य छात्रों को कम उम्र से ही भारतीय सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए तैयार करना था.

अब तक सिर्फ बालकों का होता था एडमिशन

अब तक सैनिक स्कूलों में केवल बालकों को ही एडमिशन दिया जाता था, लेकिन अब बालिकाओं के लिए यहां दाखिले की व्यवस्था कराई जाएगी. अब इस स्कूल से बेटियां भी सैन्य अधिकारी बनकर निकलेंगी.

बता दें कि पिछले साल भी सैनिक स्कूलों में दाखिले का रास्ता खुला था. घोड़ाखाल (उत्तराखंड), बीजापुर (कर्नाटक), चंद्रपुर (महाराष्ट्र), कैलीकैरी (आंध्रप्रदेश) और कोडागू (कर्नाटक) के सैनिक स्कूलों में बालिकाओं के दाखिले की प्रक्रिया शुरू हुई थी. अब सभी सैनिक स्कूलों में बालिकाएं भी एडमिशन ले सकती हैं.

सरकार ने मिजोरम के एक सैनिक स्‍कूल में पहले लड़कियों को एडमिशन देने का प्रयोग भी किया था. वर्तमान में देश में 33 सैनिक स्‍कूल हैं जिनमें अब तक केवल लड़के एडमिशन ले सकते थे. ये स्कूल सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा चलाए जाते हैं जो रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं. वे सैनिक स्कूल हैं- एसएस अंबिकापुर (छत्तीसगढ़), एसएस अमरावती नगर (महाराष्ट्र), एसएस अमेठी (उत्तर प्रदेश), एसएस बालचडी (गुजरात), एसएस भुवनेश्वर (ओडिशा), एसएस बीजापुर (छत्तीसगढ़), एसएस चंद्रपुर(महाराष्ट्र), एसएस छिंगछिप (मिजोरम), एसएस चित्तौड़गढ़ (राजस्थान), एसएस पूर्वी सियांग (अरुणाचल प्रदेश), एसएस गोराखाल (मध्य प्रदेश), एसएस गोलपड़ा (असम), एसएस गोपालगंज (बिहार), एसएस इम्फाल (मणिपुर), एसएस झांसी (उत्तर प्रदेश), एसएस झुनझुनु (राजस्थान), एसएस कालीकिरी (आंध्र प्रदेश), एसएस कपूरथला (पंजाब), एसएस कझाकूटम (केरल), एसएस कोडागु (कर्नाटक), एसएस कोरुकोंडा (आंध्र प्रदेश), एसएस कुंजपुरा (हरियाणा), एसएस मैनपुरी (उत्तर प्रदेश), एसएस नाग्रोता, एसएस नालंदा (बिहार), एसएस पुंगलवा (नागालैंड), एसएस पुरुलिया (पश्चिम बंगाल), एसएस रीवा (मध्य प्रदेश), एसएस रेवाड़ी (हरियाणा), एसएस सतारा (महाराष्ट्र), एसएस सुजनपुर तीरा (हिमाचल प्रदेश), एसएस संबलपुर (ओडिशा), एसएस तिलैया (झारखंड).

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को घोषणा की कि देश के सभी सैनिक स्कूलों के दरवाजे अब लड़कियों के लिए भी खोले जाएंगे. देश में इस समय 33 सैनिक स्कूलों का संचालन किया जा रहा हैं.

प्रधानमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस (75वें Independence Day) के अवसर पर रविवार को अपने भाषण में कहा कि ढाई साल पहले मिजोरम में सैनिक स्कूलों में लड़कियों के दाखिले का पहला प्रयोग किया गया था. उन्होंने कहा कि सरकार ने अब फैसला किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूल देश की बेटियों के लिए भी खोले जाएंगे.

सैनिक स्कूलों का संचालन सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा किया जाता है जो रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आती है. सैनिक स्कूलों की स्थापना का उद्देश्य छात्रों को कम उम्र से ही भारतीय सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए तैयार करना था.

अब तक सिर्फ बालकों का होता था एडमिशन

अब तक सैनिक स्कूलों में केवल बालकों को ही एडमिशन दिया जाता था, लेकिन अब बालिकाओं के लिए यहां दाखिले की व्यवस्था कराई जाएगी. अब इस स्कूल से बेटियां भी सैन्य अधिकारी बनकर निकलेंगी.

बता दें कि पिछले साल भी सैनिक स्कूलों में दाखिले का रास्ता खुला था. घोड़ाखाल (उत्तराखंड), बीजापुर (कर्नाटक), चंद्रपुर (महाराष्ट्र), कैलीकैरी (आंध्रप्रदेश) और कोडागू (कर्नाटक) के सैनिक स्कूलों में बालिकाओं के दाखिले की प्रक्रिया शुरू हुई थी. अब सभी सैनिक स्कूलों में बालिकाएं भी एडमिशन ले सकती हैं.

सरकार ने मिजोरम के एक सैनिक स्‍कूल में पहले लड़कियों को एडमिशन देने का प्रयोग भी किया था. वर्तमान में देश में 33 सैनिक स्‍कूल हैं जिनमें अब तक केवल लड़के एडमिशन ले सकते थे. ये स्कूल सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा चलाए जाते हैं जो रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं. वे सैनिक स्कूल हैं- एसएस अंबिकापुर (छत्तीसगढ़), एसएस अमरावती नगर (महाराष्ट्र), एसएस अमेठी (उत्तर प्रदेश), एसएस बालचडी (गुजरात), एसएस भुवनेश्वर (ओडिशा), एसएस बीजापुर (छत्तीसगढ़), एसएस चंद्रपुर(महाराष्ट्र), एसएस छिंगछिप (मिजोरम), एसएस चित्तौड़गढ़ (राजस्थान), एसएस पूर्वी सियांग (अरुणाचल प्रदेश), एसएस गोराखाल (मध्य प्रदेश), एसएस गोलपड़ा (असम), एसएस गोपालगंज (बिहार), एसएस इम्फाल (मणिपुर), एसएस झांसी (उत्तर प्रदेश), एसएस झुनझुनु (राजस्थान), एसएस कालीकिरी (आंध्र प्रदेश), एसएस कपूरथला (पंजाब), एसएस कझाकूटम (केरल), एसएस कोडागु (कर्नाटक), एसएस कोरुकोंडा (आंध्र प्रदेश), एसएस कुंजपुरा (हरियाणा), एसएस मैनपुरी (उत्तर प्रदेश), एसएस नाग्रोता, एसएस नालंदा (बिहार), एसएस पुंगलवा (नागालैंड), एसएस पुरुलिया (पश्चिम बंगाल), एसएस रीवा (मध्य प्रदेश), एसएस रेवाड़ी (हरियाणा), एसएस सतारा (महाराष्ट्र), एसएस सुजनपुर तीरा (हिमाचल प्रदेश), एसएस संबलपुर (ओडिशा), एसएस तिलैया (झारखंड).

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 15, 2021, 1:17 PM IST
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