मोरीगांव (असम) : हाल ही में दो पत्रकारों को कथित रूप से धमकी देने वाले असम के मंत्री पीयूष हजारिका को पुलिस के सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया है और उनकी कॉल रिकॉर्डिंग को जांच की खातिर फॉरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा गया है.
अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
पत्रकारों द्वारा जगीरोड थाने में दर्ज दो प्राथमिकी को मिला दिया गया है और हजारिका के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि), 506 (आपराधिक धमकी) आदि के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मंत्री जगीरोड निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां बृहस्पतिवार को दूसरे चरण में मतदान हुआ. उन्होंने उन दो पत्रकारों को कथित तौर पर धमकी दी थी, जिन्होंने मंत्री की पत्नी के एक विवादास्पद चुनावी भाषण की रिपोर्टिंग की थी.
मोरीगांव जिला पुलिस अधीक्षक नंदा सिंह बोरकला ने कि पत्रकारों के बयान दर्ज किए गए हैं और मामले में मंत्री को नोटिस जारी किया गया है.
उन्होंने कहा कि मंत्री को अपना बयान दर्ज कराने के लिए थाने में आने के लिए कहा गया है.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री हजारिका ने कहा कि वह अपना बयान दर्ज कराने के लिए रविवार को थाना जाएंगे.
बोरकला ने कहा कि पत्रकारों और हजारिका के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं और बातचीत की रिकॉर्डिंग गुवाहाटी में फॉरेंसिक प्रयोगशाला को भेजी गई है.
उन्होंने कहा कि हम मामले में कानून और प्रक्रिया के अनुसार आगे बढ़ेंगे.
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असमिया समाचार चैनलों के दो पत्रकारों - नजरुल इस्लाम और तुलसी मंता ने प्राथमिकी में दावा किया कि बृहस्पतिवार को दोपहर करीब एक बजे हजारिका ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी, जब वे मोरीगांव जिले में दूसरे चरण के चुनाव के कवरेज में व्यस्त थे.
पुलिस ने दोनों पत्रकारों को व्यक्तिगत सुरक्षा मुहैया कराई है.
इस बीच, असम विधानसभा चुनाव के लिए राज्य पुलिस के नोडल अधिकारी और आईजी (कानून व्यवस्था) दीपक कुमार केडिया ने मामले में जिला पुलिस से रिपोर्ट मांगी है.
वहीं, असम कांग्रेस के प्रमुख रिपुन बोरा ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के यहां शिकायत दर्ज कराते हुए हज़ारिका को चुनाव के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है.
अन्य विपक्षी दलों जैसे एआईयूडीएफ, असम जातीय दल, आसू, एजेवाईसीपी और कई सामाजिक संगठनों ने भी हजारिका को चुनाव के लिए तत्काल अयोग्य घोषित करने की मांग की है. गौहाटी प्रेस क्लब ने हजारिका द्वारा "धमकी’ दिए जाने की निंदा की.