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कोरोना वायरस की तीसरी लहर से बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं : विशेषज्ञ - कोरोना वायरस तीसरी लहर

कोरोना वायरस की तीसरी लहर के शुरुआती केस मिलने के बाद हर कोई डरा हुआ है. बच्चों को इस लहर से ज्यादा खतरा बताया जा रहा है, लेकिन अंबाला के सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह का कहना है कि आने वाली तीसरी लहर को लेकर बच्चों से संबंधित फैलाई जा रही अफवाहें सरासर गलत हैं.

कोरोना वायरस
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Published : Jun 24, 2021, 3:56 PM IST

अंबाला : कोरोना वायरस की दूसरी लहर करीब समाप्ति की ओर है. लेकिन कुछ विशेषज्ञ तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं. ज्यादातर डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) में सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होंगे.

वहीं ,अंबाला (हरियाणा) के सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह की राय इससे बिल्कुल अलग है. सिविल सर्जन का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं. हमें इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है.

तीसरी लहर से बच्चों को नहीं है ज्यादा खतरा

डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की दूसरी लहर में अंबाला में नवजात से लेकर 14 वर्ष तक के लगभग 800 बच्चे चपेट में आए थे. इतना ही नहीं बल्कि दो नवजात शिशु भी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे, लेकिन अब सभी बच्चे पूरी तरह रिकवर हो गए.

अंबाला के सिविल सर्जन का मानना है कि यह अफवाह पूरी तरह गलत है कि दूसरी लहर में अधिक बच्चे चपेट में आए थे और तीसरी लहर में कोरोना महामारी सबसे अधिक बच्चों को प्रभावित करेगी. उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर की चपेट में आए बच्चों का यदि अनुपात निकाला जाए तो दूसरी लहर में कम प्रतिशत में बच्चे कोरोना की चपेट में आए हैं.

यह भी पढ़ें- कोरोना अपडेट : 24 घंटे में 54,069 नए मामले,1,321 मौतें

डॉ. कुलदीप सिंह का कहना है कि यदि हम सभी व्यस्कों को कोरोना वैक्सीन लगवा देते हैं तो बच्चों में ऑटोमैटिक रूप से इसका कम प्रभाव पड़ेगा. क्योंकि घर के बड़े लोग बाहर जाते हैं. यदि वे पूरी तरह से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हैं तो बच्चों को तीसरी लहर से सुरक्षित रखा जा सकता है. तीसरी लहर को लेकर डरने की जरूरत नहीं है.

अंबाला : कोरोना वायरस की दूसरी लहर करीब समाप्ति की ओर है. लेकिन कुछ विशेषज्ञ तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं. ज्यादातर डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) में सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होंगे.

वहीं ,अंबाला (हरियाणा) के सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह की राय इससे बिल्कुल अलग है. सिविल सर्जन का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं. हमें इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है.

तीसरी लहर से बच्चों को नहीं है ज्यादा खतरा

डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की दूसरी लहर में अंबाला में नवजात से लेकर 14 वर्ष तक के लगभग 800 बच्चे चपेट में आए थे. इतना ही नहीं बल्कि दो नवजात शिशु भी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे, लेकिन अब सभी बच्चे पूरी तरह रिकवर हो गए.

अंबाला के सिविल सर्जन का मानना है कि यह अफवाह पूरी तरह गलत है कि दूसरी लहर में अधिक बच्चे चपेट में आए थे और तीसरी लहर में कोरोना महामारी सबसे अधिक बच्चों को प्रभावित करेगी. उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर की चपेट में आए बच्चों का यदि अनुपात निकाला जाए तो दूसरी लहर में कम प्रतिशत में बच्चे कोरोना की चपेट में आए हैं.

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डॉ. कुलदीप सिंह का कहना है कि यदि हम सभी व्यस्कों को कोरोना वैक्सीन लगवा देते हैं तो बच्चों में ऑटोमैटिक रूप से इसका कम प्रभाव पड़ेगा. क्योंकि घर के बड़े लोग बाहर जाते हैं. यदि वे पूरी तरह से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हैं तो बच्चों को तीसरी लहर से सुरक्षित रखा जा सकता है. तीसरी लहर को लेकर डरने की जरूरत नहीं है.

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