नई दिल्ली : न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने मोनिस्का अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई की. जिन्होंने अदालत से शिकायत की है कि सड़क बंद होने से सामान्य से 20 मिनटों के बजाय यात्रा का समय बढ़कर तीन घंटे हो गया है. जिससे समस्या पैदा हो गई है. कहा कि वे एक सिंगल मदर हैं और उनका मार्केटिंग का काम है, जिसके कारण उन्हें अवरुद्ध सड़कों के कारण अनिर्णायक यात्रा करनी पड़ती है.
दरअसल, करीब चार महीनों से दिल्ली से लगती सीमाएं किसान आंदोलन की वजह से बंद हैं. जिसकी वजह से आमजन को काफी परेशानी हो रही है. इसी समस्या को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है.
दिल्ली-नोएडा रूट के अरूद्ध होने पर ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि सार्वजनिक सड़कों को बंद नहीं किया जाना चाहिए. इसका किसी राजनीतिक पहलू से नहीं, बल्कि सिर्फ यातायात से संबंध है. बता दें कि तीन कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर किसान करीब चार महीनों से दिल्ली से लगती सीमाओं पर डटे हैं.
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किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी वो घर नहीं जाएंगे. मांगें नहीं माने जाने तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.