कोलकाता : डिविजन बेंच ने 18 मई को कलकत्ता उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच की ओर से दिए गए आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. जस्टिस सुब्रत तालुकदार और जस्टिस आनंद मुखर्जी की खंडपीठ ने कहा कि पार्थ चटर्जी को मंत्रालय से हटाने का आदेश फिलहाल बाध्यकारी नहीं है.
पार्थ चटर्जी को एसएससी भर्ती घोटाले में नामजद किया गया है. कोर्ट के निर्देश पर वह सीबीआई के सामने भी पेश हो चुके हैं. हालांकि, कलकत्ता हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने निर्देश दिया था कि सीबीआई जरूरत पड़ने पर पार्थ को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है. शुक्रवार को पार्थ चटर्जी ने इस फैसले के खिलाफ डिविजन बेंच का दरवाजा खटखटाया और सुरक्षा मांगी. खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान पार्थ चटर्जी के वकील अनिंद्य मित्रा ने पूछा, सिंगल बेंच कैसे उनके मुवक्किल को मामले में पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दे सकती है? सिंगल बेंच का निर्देश उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, इसलिए खंडपीठ को इस आदेश को तुरंत रद्द कर देना चाहिए. कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी की याचिका पर सिंगल बेंच के आदेश में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया.
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