नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन राज्य सभा में एक लिखित जवाब दिया. किसानों की मौत के बाद आर्थिक मदद को लेकर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल के सवाल के जवाब में सरकार ने कहा है कि सरकार के पास पिछले एक साल में तीन विवादास्पद कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है.
कृषि कानूनों के विरोध के दौरान मारे गए किसानों की मौत के आंकड़ों के बारे में विपक्ष द्वारा पूछे जाने पर और क्या सरकार प्रभावित परिवारों को कोई वित्तीय सहायता देने की योजना बना रही है ? इस पर गृह मंत्रालय ने जवाब दिया, एनसीआरबी के तहत किसानों की मौत का कोई रिपोर्ट नहीं है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कृषि मंत्री तोमर ने कहा है, 'कृषि मंत्रालय के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. इसलिए प्रश्न ही नहीं उठता.' (Ministry of Agriculture has no record in the matter, and hence the question does not arise)
गौरतलब है कि लोक सभा में गत 29 नवंबर को कृषि कानूनों को निरस्त (farm law repeal) करने के लिए नरेंद्र सिंह तोमर ने विधेयक पेश किए थे. विपक्ष के हंगामे के बीच लोक सभा से विधेयक पारित हो गए. संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा ने विपक्ष के हंगामे के बीच तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 (Farm Laws Repeal Bill 2021) को बिना चर्चा के ही मंजूरी प्रदान कर दी. इसके बाद राज्य सभा से भी विधेयक पारित हो गए थे.
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बता दें कि गत 19 नवंबर को पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को निरस्त करने का एलान किया था. उन्होंने कहा था कि शीतकालीन सत्र में कानूनों को सरकार वापस लेगी. राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की. उन्होंने देशवासियों से माफी भी मांगी. पीएम ने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे.
इसके बाद तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से संबंधित विधेयकों को बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी थी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि कैबिनेट बैठक में कृषि कानूनों को औपचारिक रूप से वापस लेने का निर्णय लिया गया है. अगले हफ्ते में संसद की कार्यवाही शुरू होगी, वहां पर दोनों सदनों में कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा.
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एक सवाल के जवाब में ठाकुर ने कहा कि संसद में भी इस कार्य (तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने) को प्राथमिकता के आधार पर लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के कार्य को हमने पूरा कर लिया है और संसद को जो करना है, उस दिशा में काम को हम सत्र के पहले हफ्ते और पहले दिन से ही आरंभ करेंगे.
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गौरतलब है कि तीन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के आंदोलनकारी किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर तीन जगहों पर बैठे हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वे वापस नहीं जाएंगे.
(एजेंसी इनपुट)