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करेंसी नोटों पर सिर्फ गांधी की तस्वीर छापने का निर्णय सही : हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर को करेंसी नोटों पर छापने को केंद्र की अस्वीकृति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि मुद्रित नोटों पर केवल महात्मा गांधी की तस्वीर छापने के निर्णय में कोई गलती नहीं है. पढ़िए विस्तार से पूरी खबर..

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Published : Sep 2, 2021, 5:56 PM IST

Updated : Sep 2, 2021, 6:05 PM IST

मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट

चेन्नई : लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, मद्रास उच्च न्यायालय ने करेंसी नोटों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर को करेंसी नोटों पर छापने को केंद्र की अस्वीकृति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मुद्रित नोटों पर केवल महात्मा गांधी की तस्वीर छापने के निर्णय में कोई गलती नहीं है. न्यायमूर्ति एन. किरुबाकरण और न्यायमूर्ति एम. दुरईस्वामी की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है.

कोर्ट ने कहा कि यह अदालत इस देश की स्वतंत्रता के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस और अन्य महान नेताओं के द्वारा लड़ी लड़ाईंयों और बलिदान को कम नहीं आंकती है. कोर्ट ने कहा कि कई जाने-माने नायक और गुमनाम नायक हैं. यदि हर कोई ऐसा दावा करना शुरू कर देता है, तो इसका कोई अंत नहीं होगा. हाईकोर्ट ने कहा कि मुद्रित नोटों पर केवल महात्मा की तस्वीर छापने और किसी अन्य व्यक्ति की तस्वीर न छापने में कोई गलती नहीं है.

वहीं याचिकाकर्ता ने दावा किया कि नेताजी एक महान नेता हैं. उन्होंने देश को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसलिए यदि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर मुद्रित नोट में छपी जानी चाहिए, जो उस महान नेता को एक श्रद्धांजलि होगी.

कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक ने पहले ही एक समिति का गठन किया और यह फैसला लिया कि केवल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ही भारत के लोकाचार का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. इसलिए, मुद्रित नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर को बनाए रखने का निर्णय लिया गया. किसी अन्य व्यक्तित्व की तस्वीर को छापने का निर्णय नहीं लिया गया.

चेन्नई : लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, मद्रास उच्च न्यायालय ने करेंसी नोटों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर को करेंसी नोटों पर छापने को केंद्र की अस्वीकृति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मुद्रित नोटों पर केवल महात्मा गांधी की तस्वीर छापने के निर्णय में कोई गलती नहीं है. न्यायमूर्ति एन. किरुबाकरण और न्यायमूर्ति एम. दुरईस्वामी की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है.

कोर्ट ने कहा कि यह अदालत इस देश की स्वतंत्रता के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस और अन्य महान नेताओं के द्वारा लड़ी लड़ाईंयों और बलिदान को कम नहीं आंकती है. कोर्ट ने कहा कि कई जाने-माने नायक और गुमनाम नायक हैं. यदि हर कोई ऐसा दावा करना शुरू कर देता है, तो इसका कोई अंत नहीं होगा. हाईकोर्ट ने कहा कि मुद्रित नोटों पर केवल महात्मा की तस्वीर छापने और किसी अन्य व्यक्ति की तस्वीर न छापने में कोई गलती नहीं है.

वहीं याचिकाकर्ता ने दावा किया कि नेताजी एक महान नेता हैं. उन्होंने देश को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसलिए यदि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर मुद्रित नोट में छपी जानी चाहिए, जो उस महान नेता को एक श्रद्धांजलि होगी.

कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक ने पहले ही एक समिति का गठन किया और यह फैसला लिया कि केवल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ही भारत के लोकाचार का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. इसलिए, मुद्रित नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर को बनाए रखने का निर्णय लिया गया. किसी अन्य व्यक्तित्व की तस्वीर को छापने का निर्णय नहीं लिया गया.

Last Updated : Sep 2, 2021, 6:05 PM IST
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