नई दिल्ली : विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. प्रधानमंत्री ने सभी विपक्षी पार्टियों पर तंज तो कसा ही साथ कांग्रेस और गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए उनकी खामियां भी गिनाते रहे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर पर गृह मंत्री सारा जवाब दे चुके हैं फिर भी वो मणिपुर की माताओं और बहनों को बताना चाहते हैं कि पूरी सरकार और देश उनके साथ है. उनकी चुनौतियां और संघर्ष जल्द ही खत्म होंगे. हालांकि जिस मणिपुर पर विपक्ष लगातार चर्चा की मांग कर रहा था उस पर जब प्रधानमंत्री बोल रहे थे तो विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि मणिपुर में जल्द ही शांति बहाल होगी. उन्होंने वहां के लोगों से भावुक अपील करते हुए कहा कि पूरा देश आपके साथ है. इसके साथ ही पीएम मोदी ने चर्चा के दौरान विपक्ष पर जमकर निशाना साधा.
विपक्ष ने 26 जुलाई को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था. विपक्ष की जिद थी प्रधानमंत्री सदन में बोलें, विस्तार से बोलें. गुरुवार को प्रधानमंत्री, विपक्ष के नए गठबंधन के नाम, कांग्रेस के इतिहास, मोदी सरकार के काम, विपक्ष की टिप्पणियों का जवाब, मणिपुर के हालातों के लिए असल में कौन जिम्मेदार, और वहां जल्द शांति बहाली सब पर सदन में जमकर बोले.
मणिपुर की हिंसा पर लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मणिपुर में अदालत का फैसला आया अब उसके पक्ष-विपक्ष में जो परिस्थितियां बनीं उसमें हिंसा का दौर शुरू हुआ. महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुए और यह अपराध अक्षम्य है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कोशिश कर रही है. जिस तरह से प्रयास चल रहे हैं, करीबी भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा.
राहुल गांधी के कटाक्ष का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि लंका को हनुमान जी ने नहीं, रावण के घमंड ने जलाया. इसी तरह उन्हें उनके घमंड ने जवाब दिया.
विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री ने कहा 2018 में ईश्वर का आशीर्वाद था कि वे अविश्वास प्रस्ताव लाए थे. उस वक्त भी मैंने कहा था कि हमारी सरकार के लिए ये फ्लोर टेस्ट नहीं है. ये उन्हीं का फ्लोर टेस्ट है. प्रधानमंत्री के इस संबोधन के बीच विपक्ष ने वॉकआउट भी किया. प्रधानमंत्री अभिभाषण के बाद विश्वास मत ध्वनिमत से पारित हुआ.