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एंटीबॉडी न बनने का आरोप, सीरम के सीईओ पूनावाला समेत सात को नोटिस - एंटीबॉडी न बनने का आरोप

उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने सीरम कंपनी के सीईओ अदर पूनावाला सहित 7 लोगों को नोटिस भेजा है. आरोप है कि वैक्सीन लगवाने के बावजूद एंटीबॉडी नहीं बनने पर एक व्यक्ति ने याचिका दाखिल की थी.

सीरम के मालिक पूनावाला
सीरम के मालिक पूनावाला
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Published : Mar 4, 2022, 10:58 PM IST

Updated : Mar 5, 2022, 2:47 PM IST

लखनऊः स्थानीय सत्र अदालत ने सीरम कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला (Serum company owner Adar Poonawala), ड्रग कंट्रोल डायरेक्टर, स्वास्थ सचिव, आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ (WHO) समेत सात को नोटिस जारी किया है. आरोप है कि सीरम लेबोरेट्री निर्मित (Serum Laboratory Manufactured) कोविशील्ड वैक्सीन (Covid Shield Vaccine) लगवाने के बावजूद एंटीबॉडी (Antibodies) नहीं बनी.

सत्र अदालत के समक्ष निगरानीकर्ता प्रताप चन्द्र ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसके तहत विपक्षीगणों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की मांग वाली अर्जी को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी ने खारिज कर दिया था. अर्जी में कहा गया था कि सीरम इंस्टीटयूट ऑफ़ इंडिया (erum Institute of India) द्वारा बनाई गई कोविशील्ड का डोज 8 अप्रैल 2021 को लगवाया था.

याचिकाकर्ता का कहना है कि दूसरे डोज की निर्धारित तिथि 28 दिन बाद की दी गई थी. लेकिन 28 दिन बाद जाने पर बताया गया कि अब दूसरी डोज छह हफ्ते में लगेगी. इसके बाद सरकार ने घोषणा की अब छह नहीं बल्कि 12 हफ्ते बाद दूसरी डोज लगेगी. कहा गया है कि वादी ने 25 मई 2021 को थायरोकेयर से अपना एंटीबॉडी टेस्ट कराया जिससे मालूम चला कि जिस एंटीबॉडी को बनाने के लिए वैक्सीन लगवाया था वो नहीं बना. बल्कि प्लेटलेट्स भी 3 लाख से घटकर 1.5 लाख काउंट हो गई. याचिका में कहा गया कि इस प्रकार वादी के साथ धोखा हुआ और जान का बड़ा जोखिम बना हुआ है.

इसे भी पढ़ें-कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद नहीं बनी एंटीबॉडी, कोर्ट पहुंचा मामला

लखनऊः स्थानीय सत्र अदालत ने सीरम कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला (Serum company owner Adar Poonawala), ड्रग कंट्रोल डायरेक्टर, स्वास्थ सचिव, आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ (WHO) समेत सात को नोटिस जारी किया है. आरोप है कि सीरम लेबोरेट्री निर्मित (Serum Laboratory Manufactured) कोविशील्ड वैक्सीन (Covid Shield Vaccine) लगवाने के बावजूद एंटीबॉडी (Antibodies) नहीं बनी.

सत्र अदालत के समक्ष निगरानीकर्ता प्रताप चन्द्र ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसके तहत विपक्षीगणों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की मांग वाली अर्जी को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी ने खारिज कर दिया था. अर्जी में कहा गया था कि सीरम इंस्टीटयूट ऑफ़ इंडिया (erum Institute of India) द्वारा बनाई गई कोविशील्ड का डोज 8 अप्रैल 2021 को लगवाया था.

याचिकाकर्ता का कहना है कि दूसरे डोज की निर्धारित तिथि 28 दिन बाद की दी गई थी. लेकिन 28 दिन बाद जाने पर बताया गया कि अब दूसरी डोज छह हफ्ते में लगेगी. इसके बाद सरकार ने घोषणा की अब छह नहीं बल्कि 12 हफ्ते बाद दूसरी डोज लगेगी. कहा गया है कि वादी ने 25 मई 2021 को थायरोकेयर से अपना एंटीबॉडी टेस्ट कराया जिससे मालूम चला कि जिस एंटीबॉडी को बनाने के लिए वैक्सीन लगवाया था वो नहीं बना. बल्कि प्लेटलेट्स भी 3 लाख से घटकर 1.5 लाख काउंट हो गई. याचिका में कहा गया कि इस प्रकार वादी के साथ धोखा हुआ और जान का बड़ा जोखिम बना हुआ है.

इसे भी पढ़ें-कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद नहीं बनी एंटीबॉडी, कोर्ट पहुंचा मामला

Last Updated : Mar 5, 2022, 2:47 PM IST
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