नई दिल्ली : भारत में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित संघीय जांच एजेंसी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) 2024 तक पूरे देश में अपनी शाखाएं खोलने के लिए तैयार है. इसी क्रम में एजेंसी द्वारा वर्तमान में अपनी रिक्तियों को भरने के लिए बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान चला रही है.
जांच एजेंसी द्वारा बढ़ते जांच कार्यों को देखते हुए हाल ही में इंफाल, चेन्नई और रांची में 141 पदों के साथ तीन शाखाओं की शुरुआत की है. इस संबंध में ईटीवी भारत से बात करते हुए एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच एजेंसी द्वारा छह और शाखाएं खोलने का काम प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि 2024 तक भारत के सभी राज्यों में एनआईए की शाखाएं खोल दी जाएंगी.
उन्होंने बताया कि इन तीन शाखाओं के साथ, वर्तमान में पूरे भारत में एनआईए की 12 शाखाएं हैं. इनमें नौ अन्य शाखाएं जम्मू, चंडीगढ़, लखनऊ, कोलकाता, गुवाहाटी, रायपुर, हैदराबाद, कोच्चि और मुंबई में हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एनआईए में 427 पद रिक्त हैं जो स्वीकृत संख्या 1277 का 33.43 प्रतिशत हैं. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य पुलिस के जिन अधिकारियों को आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) में काम करने का अनुभव है, वे एनआईए के लिए उपयोगी पाए गए हैं.
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अधिकारी ने कहा कि इस बारे में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर एटीएस/एसटीडी में काम करने के अनुभव वाले पुलिसकर्मियों को नामित करने का अनुरोध किया है. एनआईए के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जनशक्ति की कमी एजेंसी के लिए एक चुनौती बन रही है, क्योंकि इसके संचालन और जांच के क्षेत्र को बढ़ा दिया गया है.
2008 में गठित एनआईए के अधिकार क्षेत्र को एनआईए (संशोधन) अधिनियम 2019 के बाद बढ़ा दिया गया है. अधिनियम एनआईए को भारत के बाहर किए गए अनुसूचित अपराधों की जांच करने की शक्ति देता है, जिसमें विदेशों में भारतीयों और भारतीय हितों को लक्षित करने वाले आतंकवादी हमले शामिल हैं.
एनआईए के पास अन्य अपराधों जैसे मानव तस्करी, नकली मुद्रा का प्रचलन, प्रतिबंधित हथियारों का निर्माण और बिक्री और साइबर आतंकवाद की जांच करने का भी अधिकार है. इसके अलावा एनआईए के क्षेत्राधिकार में भारत में हुए आतंकवादी हमले, बम विस्फोट, विमान और जहाजों का अपहरण, परमाणु स्थापना पर हमले आदि की जांच किया जाना भी शामिल है. विडंबना यह है कि पदों को भरने में कमी, कुछ हद तक, सीएपीएफ के अधिकारियों को कोटा आदि के आंतरिक नियमों के कारण आवेदन करने में सक्षम नहीं होने के कारण होती है.
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सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एनआईए में उप महानिरीक्षक के 10 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 6 को भरा जा चुका है जबकि 4 पद अभी भी रिक्त हैं. इसी तरह, पुलिस अधीक्षक के कुल 28 स्वीकृत पदों के मुकाबले एनआईए में वर्तमान में 7 पद खाली हैं. वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के कुल 23 पदों में एनआईए में वर्तमान में 6 पदों पर ही अधिकारी पदस्थ हैं जबकि 17 पद खाली हैं.
वहीं पुलिस उपाधीक्षक, निरीक्षक, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल अनुभाग अधिकारी, सहायक, लेखाकार, आशुलिपिक के काफी पद रिक्त हैं. इस संबंध में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में संसद में जानकारी दी है कि पिछले तीन वर्षों में एनआईए द्वारा टेरर फंडिंग के 64 मामले पकड़े हैं.