रिषड़ा: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिषड़ा में रामनवमी पर हुई हिंसा की घटना की जांच शुरू कर दी है. एनआईए के चार अधिकारियों ने सोमवार रात करीब 10 बजे रिषड़ा पुलिस स्टेशन का दौरा किया और दर्ज मामले के दस्तावेज मांगे. अधिकारियों ने रिषड़ा पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों से बात की और शिकायत से लेकर जांच के विवरण पर गौर किया.
जांचकर्ता आगे की जांच के लिए श्रीरामपुर पुलिस स्टेशन भी गए. चंदननगर पुलिस आयुक्तालय के सूत्रों के अनुसार, एनआईए के चार प्रतिनिधियों ने मामले के संबंध में चंदननगर पुलिस आयुक्तालय के अधिकारियों से भी बात की. रिषड़ा पुलिस स्टेशन ने सभी मामले और जांच दस्तावेज एनआईए जांचकर्ताओं को सौंप दिए. घटना पिछले 2 अप्रैल को हुई थी.
झड़प वाले दिन घटनास्थल से लाठियां, ईंटें और कांच की बोतलें बरामद की गई थीं. इन सबके प्रमाण मौजूद हैं. घटना के संबंध में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया. उस समय वीडियो फुटेज भी बरामद किया गया था. केंद्रीय जांच एजेंसी पुलिस द्वारा उन्हें सौंपे गए सभी सबूतों को देखने के बाद जांच शुरू करेगी. एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो हम स्थानीय लोगों से बात करेंगे.'
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एनआईए का कहना है कि घटना के दिन वास्तव में क्या हुआ था और इसमें कौन शामिल था, यह जांच के बाद सामने आएगा. गौरतलब है कि रिषड़ा में 2 अप्रैल को रामनवमी जुलूस के दौरान भीड़ उग्र हो गई थी. आरोप है कि इस जुलूस में बीजेपी सांसद दिलीप घोष, विधायक बिमान घोष मौजूद थे. जुलूस में कुछ उपद्रवी भी शामिल थे जिन्होंने हंगामा शुरू किया. संध्याबाजार इलाके में ईंटें फेंके जाने से इलाके में स्थिति तनावपूर्ण हो गई और कई दुकानों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई. झड़पों में एक भाजपा कार्यकर्ता सहित कई लोग घायल हो गए. अगले ही दिन 3 अप्रैल को रिषड़ा के रेलगेट नंबर 4 पर एक पुलिस वैन में कथित तौर पर आग लगा दी गई.