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एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में चनापोरा हथियार बरामदगी मामले में 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की

एनआईए के बयान में कहा गया है कि जांच से पता चला है कि उपरोक्त आरोपी व्यक्ति लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा 'द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)' के कैडर हैं, जो एक अभियुक्त आतंकवादी संगठन है जिसने हथियारों, गोला-बारूद की खेप की आपूर्ति करने की साजिश रची थी.

NIA files charge sheet against 5 accused in Chanapora arms recovery case in Jammu kashmir
एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में चनापोरा हथियार बरामदगी मामले में 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की
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Published : Nov 19, 2022, 8:18 AM IST

जम्मू (जम्मू और कश्मीर) : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को एनआईए के विशेष न्यायाधीश, जम्मू के समक्ष चनापोरा हथियार बरामदगी मामले में पांच आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. चार्जशीट आमिर मुश्ताक गनी, अदनान अहसान वानी, आशिक हुसैन हाजम उर्फ ​​आशिक, गुलाम मोहिदीन डार और फैसल मुनीर के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी और 204 के तहत दायर की गई थी. श्रीनगर के चनापोरा निवासी आमिर मुश्ताक गनी और अदनान अहसान वानी. आशिक हुसैन हाजम और गुलाम मोहिदीन डार बडगाम के रहने वाले हैं.

पढ़ें: एलोन मस्क ने नई ट्विटर नीति की घोषणा की कहा, नकारात्मक ट्वीट्स को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा

जबकि, फैसल मुनीर जम्मू के रहने वाले हैं. चनापोरा हथियारों की बरामदगी के संबंध में श्रीनगर के चनापोरा पुलिस स्टेशन में 23 मई को प्राथमिक रूप से मामला दर्ज किया गया था. एनआईए ने 18 जून को फिर से मामला दर्ज किया गया था. एनआईए के बयान में कहा गया है कि जांच से पता चला है कि उपरोक्त आरोपी व्यक्ति लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा 'द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)' के कैडर हैं, जो एक अभियुक्त आतंकवादी संगठन है जिसने हथियारों, गोला-बारूद की खेप की आपूर्ति करने की साजिश रची थी.

पढ़ें: पीएम मोदी गुजरात में बीजेपी के चुनावी अभियान का नेतृत्व करेंगे

जम्मू-कश्मीर में लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के लिए टीआरएफ/एलईटी के आतंकवादियों को धन देता है जिससे लोगों में आतंक पैदा होता है. जांच में यह भी पता चला कि उक्त आरोपी व्यक्ति इन हथियारों की खेप पाकिस्तान से प्राप्त करते थे. जांच के दौरान, एनआईए ने कहा कि यह पाया गया है कि आरोपी व्यक्ति अपने पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स/ऑपरेटिव/लश्कर/टीआरएफ के कमांडरों से जुड़े हुए हैं और कश्मीर में टीआरएफ/एलईटी जैसे आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए कमजोर युवाओं को कट्टरपंथी, प्रेरित और उकसाते हैं.

पढ़ें: केरल में चलती कार में मॉडल से गैंगरेप, एक महिला के साथ 3 अन्य गिरफ्तार

आरोपी व्यक्तियों के मोबाइल फोन से हथियारों, गोला-बारूद, आतंकी फंडों के बारे में चैट के अलावा अन्य सामग्रियों से संबंधित बहुत सी आपत्तिजनक सामग्री की बरामदगी ने इस तथ्य को स्थापित किया कि ये आरोपी व्यक्ति लंबे समय से आतंकी गतिविधियों में लिप्त थे और जिससे सुरक्षा को खतरा था. केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि मामले में आगे की जांच की जा रही है.

पढ़ें: IIT विशेषज्ञों ने AC से बनाया एयर फिल्टर,मामूली कीमत पर होगा उपलब्ध

(एएनआई)

जम्मू (जम्मू और कश्मीर) : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को एनआईए के विशेष न्यायाधीश, जम्मू के समक्ष चनापोरा हथियार बरामदगी मामले में पांच आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. चार्जशीट आमिर मुश्ताक गनी, अदनान अहसान वानी, आशिक हुसैन हाजम उर्फ ​​आशिक, गुलाम मोहिदीन डार और फैसल मुनीर के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी और 204 के तहत दायर की गई थी. श्रीनगर के चनापोरा निवासी आमिर मुश्ताक गनी और अदनान अहसान वानी. आशिक हुसैन हाजम और गुलाम मोहिदीन डार बडगाम के रहने वाले हैं.

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जबकि, फैसल मुनीर जम्मू के रहने वाले हैं. चनापोरा हथियारों की बरामदगी के संबंध में श्रीनगर के चनापोरा पुलिस स्टेशन में 23 मई को प्राथमिक रूप से मामला दर्ज किया गया था. एनआईए ने 18 जून को फिर से मामला दर्ज किया गया था. एनआईए के बयान में कहा गया है कि जांच से पता चला है कि उपरोक्त आरोपी व्यक्ति लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा 'द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)' के कैडर हैं, जो एक अभियुक्त आतंकवादी संगठन है जिसने हथियारों, गोला-बारूद की खेप की आपूर्ति करने की साजिश रची थी.

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जम्मू-कश्मीर में लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के लिए टीआरएफ/एलईटी के आतंकवादियों को धन देता है जिससे लोगों में आतंक पैदा होता है. जांच में यह भी पता चला कि उक्त आरोपी व्यक्ति इन हथियारों की खेप पाकिस्तान से प्राप्त करते थे. जांच के दौरान, एनआईए ने कहा कि यह पाया गया है कि आरोपी व्यक्ति अपने पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स/ऑपरेटिव/लश्कर/टीआरएफ के कमांडरों से जुड़े हुए हैं और कश्मीर में टीआरएफ/एलईटी जैसे आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए कमजोर युवाओं को कट्टरपंथी, प्रेरित और उकसाते हैं.

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आरोपी व्यक्तियों के मोबाइल फोन से हथियारों, गोला-बारूद, आतंकी फंडों के बारे में चैट के अलावा अन्य सामग्रियों से संबंधित बहुत सी आपत्तिजनक सामग्री की बरामदगी ने इस तथ्य को स्थापित किया कि ये आरोपी व्यक्ति लंबे समय से आतंकी गतिविधियों में लिप्त थे और जिससे सुरक्षा को खतरा था. केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि मामले में आगे की जांच की जा रही है.

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(एएनआई)

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