नई दिल्ली: एर्नाकुलम में एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) (National Investigation Agency) अदालत ने शुक्रवार को दो आरोपियों को आईपीसी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act) के विभिन्न अपराधों के तहत दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई. बिहार के मूल निवासी सुमित कुमार सिंह को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 एफ (1) (बी) के अलावा आईपीसी की धारा 120 बी, 201, 461, 454 और 380 के तहत पांच साल के कठोर कारावास और 1,70,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
वहीं दूसरे व्यक्ति, राजस्थान के मूल निवासी दया राम को भारतीय दंड संहिता की धारा 66एफ (1) (बी) के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत आईपीसी की धारा 120 बी, 201, 461, 454 और 380 के तहत तीन साल के कठोर कारावास और 1,70,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि यह मामला जुलाई और सितंबर 2019 के बीच कोच्चि में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में निर्माणाधीन स्वदेशी विमान वाहक (आईएसी) पर कंप्यूटर सिस्टम पर स्थापित प्रोसेसर, रैम और सॉलिड स्टेट ड्राइव सहित महत्वपूर्ण कंप्यूटर हार्डवेयर घटकों की आपराधिक अतिचार और चोरी से संबंधित है.
अधिकारी ने कहा कि 'एनआईए जांचकर्ताओं ने बिहार के मुंगेर जिले में आरोपी सुमित के घर की तलाशी के दौरान चोरी की एक एसएसडी और एक रैम बरामद की.' जांच में पता चला कि आरोपी ने चोरी का एक प्रोसेसर बेच दिया था. अधिकारी ने कहा कि 'सितंबर 2019 में कोच्चि छोड़ने के बाद, चोरी किए गए शेष सभी सामान सूरत से बरामद किए गए, जहां आरोपी सुमित दो महीने तक रहा था.'
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इस बीच, हरियाणा के मधुनन में बस्तर टोल प्लाजा पर हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटकों की जब्ती से संबंधित मामले में एनआईए ने छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. छह लोगों के खिलाफ सोमवार को जो चार्जशीट दाखिल की गई, वह गुरप्रीत सिंह, परमिंदर सिंह और भूपिंदर सिंह से इस साल 5 मई को 3 आईईडी, 1 पिस्टल और 2 मैगजीन, 31 राउंड और 1.30 लाख रुपये नकद की बरामदगी से संबंधित है.