श्रीनगर : कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा एक खबर चलाई गई थी जिसमें कहा गया था कि एनआईए की एक अदालत ने 2011 में शहर के मैसूमा इलाके में एक मस्जिद के बाहर कम तीव्रता के धमाके में जमीयत-ए-अहलेहदीथ जम्मू कश्मीर (जेईए जेके) के प्रमुख शौकत अहमद शाह की हत्या के मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. एनआईए ने इन खबरों का खंडन किया है.
जांच एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि जम्मू और कश्मीर में एनआईए के सभी मामलों के लिए, ट्रायल जम्मू में एनआईए स्पेशल कोर्ट द्वारा आयोजित किए जाते हैं, जिसे गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर के माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नामित किया गया है.
वर्ष 2020 में, भारत में सभी नामित एनआईए विशेष न्यायालयों ने अब तक 11 मामलों में निर्णय सुनाए हैं. श्रीनगर में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के मामलों से संबंधित एनआईए कोर्ट के संदर्भ में एनआईए शब्द का इस्तेमाल एनआईए के काम पर संदेह को बढ़ाने के लिए गलत तरीके से किया गया है.
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क्या है मामला
मैसूमा में आठ अप्रैल 2011 को एक मस्जिद के बाहर धमाके में शाह की हत्या के आरोपियों में आतंकी कमांडर मोहम्मद अब्दुल्ला उनी और पीओके के जेहाद काउंसिल का महासचिव फयाज अहमद भी शामिल है. उनके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 512 के तहत मुकदमा चलाया गया है. आरोपियों में से एक -अब्दुल गनी डार की इस साल फरवरी में एक मस्जिद के भीतर हत्या कर दी गई थी.