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Arsh Dhalla: एनआईए ने कनाडा के लिस्टेड आतंकवादी के दो वांछित गुर्गों को पकड़ा

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कनाडा से ऑपरेट करने वाले लिस्टेड आतंकवादी अर्श ढल्ला के दो वांछित गुर्गों को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया है.

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Published : May 19, 2023, 5:26 PM IST

Updated : May 19, 2023, 10:16 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने फिलीपींस के मनीला से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) पर पहुंचने पर कनाडा स्थित 'सूचीबद्ध आतंकवादी' अर्श ढल्ला के दो वांछित करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार किया है. पंजाब के रहने वाले अमृतपाल सिंह उर्फ अम्मी और अमृतक सिंह के रूप में पहचाने गए दोनों को शुक्रवार को एक ऑपरेशन में गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपी फिलीपींस के मनीला से आ रहे थे.

दोनों के खिलाफ भारत में प्रतिबंधित संगठनों की गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियों से संबंधित एक मामले में एनआईए दिल्ली कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. इनके खिलाफ पंजाब में कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. एनआईए ने पिछले साल 20 अगस्त को आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला (आरसी-37/2022/एनआईए/डीएलआई) दर्ज किया था.

एनआईए की जांच में पता चला है कि आरोपियों ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के लिए धन जुटाने और सीमा पार से इसके लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक की तस्करी करने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी.

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि आरोपी भारत में केटीएफ की हिंसक आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वांछित आतंकवादी अर्शदीप सिंह ढल्ला के लिए काम कर रहा था. एक अन्य कुख्यात वांछित अभियुक्त मनप्रीत सिंह उर्फ पिता के साथ मिलकर, वे केटीएफ के इशारे पर पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी और देश में हिंसा और आतंक के कामों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती में शामिल थे.

वे प्रतिबंधित संगठन के लिए धन जुटाने के एक जबरन वसूली रैकेट का भी हिस्सा थे. अधिकारी ने कहा कि आरोपी व्यवसायियों सहित जबरन वसूली के लक्ष्यों की पहचान करते थे और फिर उन्हें बड़ी रकम देने की धमकी देते थे.

जबरन वसूली के कारोबार को चलाने के तौर-तरीकों का जिक्र करते हुए, अधिकारी ने कहा कि वे प्रतिबंधित संगठन के लिए धन जुटाने के लिए एक जबरन वसूली रैकेट का भी हिस्सा थे. आरोपी जबरन वसूली के लिए व्यवसायियों तथा दूसरे शिकार की पहचान करते थे और फिर उन्हें भारी रकम देने के लिए धमकी देते थे. अगर शिकार इनकार करते थे तो उनके घरों और अन्य परिसरों को आरोपी के भारत स्थित सहयोगी आग लगा देते थे.

यह भी पढ़ें: JK Army troops withdrawal: जम्मू क्षेत्र से सेना की वापसी अनिश्चितकाल के लिए टली

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने फिलीपींस के मनीला से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) पर पहुंचने पर कनाडा स्थित 'सूचीबद्ध आतंकवादी' अर्श ढल्ला के दो वांछित करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार किया है. पंजाब के रहने वाले अमृतपाल सिंह उर्फ अम्मी और अमृतक सिंह के रूप में पहचाने गए दोनों को शुक्रवार को एक ऑपरेशन में गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपी फिलीपींस के मनीला से आ रहे थे.

दोनों के खिलाफ भारत में प्रतिबंधित संगठनों की गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियों से संबंधित एक मामले में एनआईए दिल्ली कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. इनके खिलाफ पंजाब में कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. एनआईए ने पिछले साल 20 अगस्त को आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला (आरसी-37/2022/एनआईए/डीएलआई) दर्ज किया था.

एनआईए की जांच में पता चला है कि आरोपियों ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के लिए धन जुटाने और सीमा पार से इसके लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक की तस्करी करने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी.

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि आरोपी भारत में केटीएफ की हिंसक आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वांछित आतंकवादी अर्शदीप सिंह ढल्ला के लिए काम कर रहा था. एक अन्य कुख्यात वांछित अभियुक्त मनप्रीत सिंह उर्फ पिता के साथ मिलकर, वे केटीएफ के इशारे पर पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी और देश में हिंसा और आतंक के कामों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती में शामिल थे.

वे प्रतिबंधित संगठन के लिए धन जुटाने के एक जबरन वसूली रैकेट का भी हिस्सा थे. अधिकारी ने कहा कि आरोपी व्यवसायियों सहित जबरन वसूली के लक्ष्यों की पहचान करते थे और फिर उन्हें बड़ी रकम देने की धमकी देते थे.

जबरन वसूली के कारोबार को चलाने के तौर-तरीकों का जिक्र करते हुए, अधिकारी ने कहा कि वे प्रतिबंधित संगठन के लिए धन जुटाने के लिए एक जबरन वसूली रैकेट का भी हिस्सा थे. आरोपी जबरन वसूली के लिए व्यवसायियों तथा दूसरे शिकार की पहचान करते थे और फिर उन्हें भारी रकम देने के लिए धमकी देते थे. अगर शिकार इनकार करते थे तो उनके घरों और अन्य परिसरों को आरोपी के भारत स्थित सहयोगी आग लगा देते थे.

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Last Updated : May 19, 2023, 10:16 PM IST
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