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पूर्वोत्तर के विद्रोही समूहों व चाइना नेशनल फ्रंट के बीच गठजोड़ के संकेत, एजेंसी सतर्क - Ethnic Resistance Organization

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) को कुछ प्रमाण ऐसे मिले हैं, जिसमें पूर्वोत्तर में विद्रोही समूहों (North East Militants) के चाइना नेशनल फ्रंट (China National Front) के साथ गठजोड़ करने की जानकारी है. यह सूचना अब इंटेलीजेंस एजेंसी के रडार पर है और इसकी जांच की जा रही है.

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Published : Apr 1, 2022, 7:21 PM IST

नई दिल्ली: चाइना नेशनल फ्रंट (Chin National Front) म्यांमार में सैन्य शासन से लड़ने वाला एक जातीय प्रतिरोध संगठन (Ethnic Resistance Organization) है. जिसकी सशस्त्र शाखा चीन नेशनल आर्मी (china national army) के रूप में जानी जाती है. जानकारी मिल रही है कि पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों (North East Militants) ने चाइना नेशनल फ्रंट (China National Front) से गठजोड़ बना लिया है.

राष्ट्री जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने 1300 किलोग्राम विस्फोटक पाउडर की जब्ती के बाद जांच शुरू की, जिसके बाद ऐसा दावा किया जा रहा है. यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि असम राइफल्स के कर्मियों ने पिछले साल जून में मिजोरम के फरकॉन में नियमित जांच के दौरान विस्फोटकों से लदे ट्रक को जब्त किया था. विस्फोटकों को भारत-म्यांमार के आसपास क्षेत्रों में शरण लिए हुए म्यांमार के शरणार्थियों के लिए राहत सामग्री ले जा रहे एक वाहन में छुपाया गया था. खेप का आदेश म्यांमार के एक नागरिक और चाइना नेशनल फ्रंट के एक समिति सदस्य ने दिया था. एनआईए ने हाल ही में आइजोल में दो आरोपी व्यक्तियों के परिसरों की तलाशी ली थी. तलाशी अभियान के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, विदेशी मुद्रा और अन्य सामग्री बरामद की गई है.

एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि हम मामले की जांच कर रहे हैं. इस बात की पूरी संभावना है कि पूर्वोत्तर में विभिन्न विद्रोही समूहों ने चाइना नेशनल फ्रंट के साथ समझौता किया हो, जो म्यांमार जुंटा के खिलाफ युद्ध लड़ रही है. जहां तक ​​भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य का संबंध है तो पूर्वोत्तर विद्रोहियों और सीएनएफ के बीच गठजोड़ बड़ा घटनाक्रम हो सकता है.

यह भी पढ़ें- मास्को-कीव के बीच भारत मध्यस्थता करे, हम भारत को हर सामान की आपूर्ति करेंगे : रूसी विदेश मंत्री

एनआईए अधिकारी ने कहा कि ऐसे समय में जब म्यांमार सरकार, भारत सरकार का समर्थन कर रही तो पूर्वोत्तर के उग्रवादी समूहों के साथ भी उनकी गहरी समझ है. यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN), कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (KLO) सहित पूर्वोत्तर के कई विद्रोही संगठनों के म्यांमार में ठिकाने हैं. भारत सरकार हमेशा से म्यांमार की सेना के साथ मिलकर भारतीय विद्रोहियों को उनकी धरती से खदेड़ने का प्रयास करती रही है.

नई दिल्ली: चाइना नेशनल फ्रंट (Chin National Front) म्यांमार में सैन्य शासन से लड़ने वाला एक जातीय प्रतिरोध संगठन (Ethnic Resistance Organization) है. जिसकी सशस्त्र शाखा चीन नेशनल आर्मी (china national army) के रूप में जानी जाती है. जानकारी मिल रही है कि पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों (North East Militants) ने चाइना नेशनल फ्रंट (China National Front) से गठजोड़ बना लिया है.

राष्ट्री जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने 1300 किलोग्राम विस्फोटक पाउडर की जब्ती के बाद जांच शुरू की, जिसके बाद ऐसा दावा किया जा रहा है. यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि असम राइफल्स के कर्मियों ने पिछले साल जून में मिजोरम के फरकॉन में नियमित जांच के दौरान विस्फोटकों से लदे ट्रक को जब्त किया था. विस्फोटकों को भारत-म्यांमार के आसपास क्षेत्रों में शरण लिए हुए म्यांमार के शरणार्थियों के लिए राहत सामग्री ले जा रहे एक वाहन में छुपाया गया था. खेप का आदेश म्यांमार के एक नागरिक और चाइना नेशनल फ्रंट के एक समिति सदस्य ने दिया था. एनआईए ने हाल ही में आइजोल में दो आरोपी व्यक्तियों के परिसरों की तलाशी ली थी. तलाशी अभियान के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, विदेशी मुद्रा और अन्य सामग्री बरामद की गई है.

एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि हम मामले की जांच कर रहे हैं. इस बात की पूरी संभावना है कि पूर्वोत्तर में विभिन्न विद्रोही समूहों ने चाइना नेशनल फ्रंट के साथ समझौता किया हो, जो म्यांमार जुंटा के खिलाफ युद्ध लड़ रही है. जहां तक ​​भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य का संबंध है तो पूर्वोत्तर विद्रोहियों और सीएनएफ के बीच गठजोड़ बड़ा घटनाक्रम हो सकता है.

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एनआईए अधिकारी ने कहा कि ऐसे समय में जब म्यांमार सरकार, भारत सरकार का समर्थन कर रही तो पूर्वोत्तर के उग्रवादी समूहों के साथ भी उनकी गहरी समझ है. यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN), कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (KLO) सहित पूर्वोत्तर के कई विद्रोही संगठनों के म्यांमार में ठिकाने हैं. भारत सरकार हमेशा से म्यांमार की सेना के साथ मिलकर भारतीय विद्रोहियों को उनकी धरती से खदेड़ने का प्रयास करती रही है.

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