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नौसेना प्रमुख बनने जा रहे R Hari Kumar की मां ने ETV भारत के साथ बांटी खुशी, बोलीं- मेरे लिए गौरव का पल

यह एक गर्व और खुशी का क्षण है कि मेरा बेटा भारतीय नौसेना (indian navy) का प्रमुख बनने जा रहा है. एक मां के रूप में मैं बहुत ही गौरवान्तिव महसूस कर रही हूं. ये बातें भारतीय नौसेना प्रमुख का पद संभालने जा रहे आर हरि कुमार की मां बी विजयलक्ष्मी ने ईटीवी भारत से कहीं. पढ़ें उनका पूरा साक्षात्कार.

बी विजयलक्ष्मी
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Published : Nov 12, 2021, 4:07 PM IST

Updated : Nov 12, 2021, 8:10 PM IST

तिरुवनंतपुरम : यह एक गर्व और खुशी का क्षण है कि मेरा बेटा भारतीय नौसेना के प्रमुख का पद संभालने जा रहा है. उसमें नेतृत्व करने की बेजोड़ क्षमता है. उक्त बातें भारतीय नौसेना प्रमुख (Navy Chief) की कमान संभालने जा रहे आर हरि कुमार (R Hari Kumar) की मां बी विजयलक्ष्मी (B Vijalaxmi) की है. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा अगर हरि के पिता आज जीवित होते, तो उन्हें अपने बेटे की उपलब्धि के बारे में जानकर सबसे ज्यादा उन्हें खुशी होती.

देखें वीडियो.

विजयलक्ष्मी ने कहा, 'हरि कुमार ने मुझसे कहा था कि भारतीय नौसेना में शामिल होने पर उनकी कभी कोई बुरी आदत नहीं होगी. वह आज तक अपने इन शब्दों से पीछे नहीं हटे हैं. मुझे गर्व से उस दिन का इंतजार है जब वह भारतीय नौसेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे.' हरि कुमार की मां का कहना है कि वह हमेशा से मेधावी छात्र रहा है. उनके पिता एफएसीटी के कर्मचारी थे और ज्यादातर समय परिवार से दूर रहते थे. इस वजह से हरि कुमार बड़े पुत्र के रूप में अपने छोटे भाई-बहनों का विशेष ध्यान रखते थे.

विजयलक्ष्मी ने कहा कि हरि कुमार में नेतृत्व करने की क्षमता तब ही दिखाई पड़ गई थी जब वह सिर्फ पांच साल के थे और उनकी देखभाल और जिम्मेदार व्यवहार आठ साल की उम्र में भी स्पष्ट था. उन्होंने कहा कि मैं समझ सकती थी कि जिन्होंने अपने पिता की अनुपस्थिति में बच्चों की किस तरह देखभाल की.

ये भी पढ़ें - आर हरि कुमार होंगे अगले नौसेना प्रमुख, 30 नवंबर को संभालेंगे कमान

हरि कुमार ने अपनी स्कूली शिक्षा तंजावुर के एक कॉन्वेंट में शुरू की और फिर अपनी स्कूली शिक्षा कार्मेल स्कूल, तिरुवनंतपुरम से प्राप्त की. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मन्नम मेमोरियल रेजिडेंशियल स्कूल, निरामांकरा से पूरी की. उन्होंने एसएसएलसी परीक्षाओं में 7वीं रैंक हासिल की और थिकॉड आर्ट्स कॉलेज में प्री-डिग्री में दाखिला लिया. यहां पर उन्होंने प्री-डिग्री का पहला वर्ष पूरा करने के बाद राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की परीक्षा दी और केरल से प्रथम रैंक हासिल की. हरि कुमार ने दीपावली के दौरान केरल आने का वादा किया था लेकिन वह नहीं आ सके. विजयलक्ष्मी यह नहीं जानती हैं कि जब उनका बेटा भारतीय नौसेना प्रमुख का पद संभालेगा तो वे उस कार्यक्रम में भाग लेंगी या नहीं, लेकिन यह उन्हें उस गर्व के क्षण का बेसब्री से इंतजार है.

तिरुवनंतपुरम : यह एक गर्व और खुशी का क्षण है कि मेरा बेटा भारतीय नौसेना के प्रमुख का पद संभालने जा रहा है. उसमें नेतृत्व करने की बेजोड़ क्षमता है. उक्त बातें भारतीय नौसेना प्रमुख (Navy Chief) की कमान संभालने जा रहे आर हरि कुमार (R Hari Kumar) की मां बी विजयलक्ष्मी (B Vijalaxmi) की है. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा अगर हरि के पिता आज जीवित होते, तो उन्हें अपने बेटे की उपलब्धि के बारे में जानकर सबसे ज्यादा उन्हें खुशी होती.

देखें वीडियो.

विजयलक्ष्मी ने कहा, 'हरि कुमार ने मुझसे कहा था कि भारतीय नौसेना में शामिल होने पर उनकी कभी कोई बुरी आदत नहीं होगी. वह आज तक अपने इन शब्दों से पीछे नहीं हटे हैं. मुझे गर्व से उस दिन का इंतजार है जब वह भारतीय नौसेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे.' हरि कुमार की मां का कहना है कि वह हमेशा से मेधावी छात्र रहा है. उनके पिता एफएसीटी के कर्मचारी थे और ज्यादातर समय परिवार से दूर रहते थे. इस वजह से हरि कुमार बड़े पुत्र के रूप में अपने छोटे भाई-बहनों का विशेष ध्यान रखते थे.

विजयलक्ष्मी ने कहा कि हरि कुमार में नेतृत्व करने की क्षमता तब ही दिखाई पड़ गई थी जब वह सिर्फ पांच साल के थे और उनकी देखभाल और जिम्मेदार व्यवहार आठ साल की उम्र में भी स्पष्ट था. उन्होंने कहा कि मैं समझ सकती थी कि जिन्होंने अपने पिता की अनुपस्थिति में बच्चों की किस तरह देखभाल की.

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हरि कुमार ने अपनी स्कूली शिक्षा तंजावुर के एक कॉन्वेंट में शुरू की और फिर अपनी स्कूली शिक्षा कार्मेल स्कूल, तिरुवनंतपुरम से प्राप्त की. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मन्नम मेमोरियल रेजिडेंशियल स्कूल, निरामांकरा से पूरी की. उन्होंने एसएसएलसी परीक्षाओं में 7वीं रैंक हासिल की और थिकॉड आर्ट्स कॉलेज में प्री-डिग्री में दाखिला लिया. यहां पर उन्होंने प्री-डिग्री का पहला वर्ष पूरा करने के बाद राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की परीक्षा दी और केरल से प्रथम रैंक हासिल की. हरि कुमार ने दीपावली के दौरान केरल आने का वादा किया था लेकिन वह नहीं आ सके. विजयलक्ष्मी यह नहीं जानती हैं कि जब उनका बेटा भारतीय नौसेना प्रमुख का पद संभालेगा तो वे उस कार्यक्रम में भाग लेंगी या नहीं, लेकिन यह उन्हें उस गर्व के क्षण का बेसब्री से इंतजार है.

Last Updated : Nov 12, 2021, 8:10 PM IST
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