नई दिल्ली : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि बहुत धूमधाम से लॉन्च किया गया नया संसद भवन वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्देश्यों को साकार करता है, और यदि वास्तुकला लोकतंत्र को मार सकती है, तो प्रधानमंत्री संविधान दोबारा लिखे बिना ही सफल हो चुके हैं. कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "इतने प्रचार के साथ लॉन्च किया गया नया संसद भवन वास्तव में प्रधानमंत्री के उद्देश्यों को अच्छी तरह से साकार करता है. इसे मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मैरियट कहा जाना चाहिए." इस पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि 1 सफदरजंग रोड कॉम्प्लेक्स को तुरंत भारत सरकार को लौटा दिया जाना चाहिए. गौरतलब है कि 1 सफदरजंग रोड कॉम्प्लेक्स देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का आवास हुआ करता था. उनकी हत्या के बाद उनके इस कॉम्प्लेक्स को संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया था.
'सदनों में संवाद की मौत': राज्यसभा सांसद ने कहा, "चार दिन में मैंने जो देखा वह दोनों सदनों के अंदर और लॉबी में संवाद की मौत थी. अगर वास्तुकला लोकतंत्र को मार सकती है, तो प्रधानमंत्री संविधान को दोबारा लिखे बिना भी सफल हो चुके हैं." उन्होंने कहा कि एक-दूसरे को देखने के लिए दूरबीन की आवश्यकता होती है क्योंकि हॉल आरामदायक या कॉम्पैक्ट नहीं हैं. कांग्रेस नेता ने वास्तुकला या इमारत की ओर इशारा करते हुए कहा, "पुराने संसद भवन में न केवल एक निश्चित आभा थी, बल्कि यह बातचीत की सुविधा भी देता था.
'क्लस्ट्रोफोबिक है नई इमारत': सदनों, सेंट्रल हॉल और गलियारों के बीच चलना आसान था. यह नई इमारत संसद के सफल संचालन के लिए आवश्यक जुड़ाव को कमजोर करता है. दोनों सदनों के बीच अब त्वरित समन्वय बेहद बोझिल है. पुरानी इमारत में यदि आप भटक जाते थे, तो आप अपना रास्ता फिर से ढूंढ लेते क्योंकि यह गोलाकार था. नई इमारत में, यदि आप अपना रास्ता खो देते हैं, तो आप एक भूलभुलैया में खो जाते हैं. पुरानी इमारत आपको जगह और खुलेपन का एहसास देती थी जबकि नई इमारत लगभग क्लस्ट्रोफोबिक है."
'2024 के बाद भवन का होगा बेहतर उपयोग': कांग्रेस नेता ने कहा, "शायद 2024 में सत्ता परिवर्तन के बाद नए संसद भवन का बेहतर उपयोग हो सकेगा." उन्होंने कहा कि संसद में बस घूमने का आनंद गायब हो गया है. रमेश ने कहा, "मैं पुरानी इमारत में जाने के लिए उत्सुक रहता था. नया परिसर दर्दनाक और पीड़ादायक है. मुझे यकीन है कि पार्टी लाइनों से परे मेरे कई सहयोगियों को भी ऐसा ही लगता है. मैंने सचिवालय के कर्मचारियों से भी सुना है कि नई इमारत में अपना काम करने में मदद के लिए आवश्यक विभिन्न कार्यात्मकताओं पर विचार नहीं किया गया है. यह तब होता है जब उन लोगों के साथ कोई परामर्श नहीं किया जाता है जो इमारत का उपयोग करेंगे."
इंदिरा गांधी स्मारक वापस लौटाने की मांग : गिरिराज सिंह ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा देश की नई संसद को 'मोदी मल्टीप्लेक्स' बताने पर पलटवार करते हुए मांग की कि 1 सफदरजंग रोड कॉम्प्लेक्स को भारत सरकार को वापस कर दिया जाए. सिंह ने इसके पीछे तर्क दिया कि सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए अब पीएम संग्रहालय में जगह की व्यवस्था कर दी गई है. सिंह ने कहा, "मैं मांग करता हूं कि पूरे भारत में राजवंशीय गढ़ों का मूल्यांकन और युक्तिसंगत बनाए जाने की आवश्यकता है. इसकी शुरुआत के लिए 1 सफदरजंग रोड कॉम्प्लेक्स को तुरंत भारत सरकार को लौटा दिया जाना चाहिए क्योंकि सभी प्रधानमंत्रियों के पास अब पीएम संग्रहालय में जगह है."