गुवाहाटी : केएलओ और सरकार की शांति वार्ता होने से पहले असम में एक नया सशस्त्र संगठन उभरा है, जिसने अलग कामतापुर की मांग की है. ग्रेटर कूच बिहार लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (जीसीएलओ) नए उग्रवादी संगठन के रूप में उभरा है. संगठन के सहायक महासचिव राजदीप कोच उर्फ रंजीत बर्मन ने अज्ञात स्थान से मीडिया को एक वीडियो संदेश भेजा है जिसमें संगठन ने धमकी दी है कि अगर सरकार से बात नहीं बनी तो वह हथियार उठा लेगा. (Greater Cooch Behar Liberation Organisation)
गौरतलब है कि अलग कामतापुर की मांग के साथ सशस्त्र संघर्ष की बागडोर संभालने वाले जिबन सिंघ (Jibon Singha) सहित कई नेता दो दशक से भी ज्यादा समय तक संघर्ष में शामिल रहे और अंत में शांति वार्ता के लिए लौट आए. हालांकि, भले ही वे लौट आए लेकिन संगठन का कोई अन्य शीर्ष नेता उनके साथ नहीं था.
ऐसी स्थिति के बीच यह आशंका जताई जा रही है कि फिर से एक नए सशस्त्र संगठन के उभरने से निश्चित रूप से अस्थिरता पैदा होगी. गौरतलब है कि 17 जनवरी को केएलओ प्रमुख जिबन सिंघ सहित नौ नेताओं और संगठन के सदस्यों ने म्यांमार छोड़ दिया और भारत में प्रवेश किया.
इसके करीब 25 दिन बाद जिबन सिंघ ने हाल ही में एक वीडियो संदेश के साथ-साथ एक प्रेस बयान भी भेजा. बयान में कहा गया है कि वे भारत सरकार की निगरानी में अच्छी तरह से थे. उन्होंने यह भी कहा कि संगठन ने केंद्र सरकार के साथ अनौपचारिक चर्चा शुरू कर दी है.
इस बीच, केएलओ शांति समिति के सदस्य बिस्वजीत राय ने भी कहा कि जिबन सिंघ और उनके साथी भारत सरकार की निगरानी में हैं. कामतापुर के लोगों को इससे चिंतित नहीं होना चाहिए. केंद्र सरकार और केएलओ के बीच जल्द ही द्विपक्षीय शांति समझौता होगा. बिस्वजीत राय ने कहा कि कामतापुर की जनता का सपना साकार होने जा रहा है.
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