नई दिल्ली: पहली बार 39 देशों के 80 से अधिक वरिष्ठ शिक्षाविद अगले सप्ताह की शुरुआत में भारतीय सांस्कृतिक अनुसंधान परिषद (आईसीसीआर) द्वारा दिल्ली में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय बैठक में शामिल होंगे. इसमें भारतीय ज्ञान को वैश्विक पटल पर व्यापक पैमाने पर लाने को लेकर चर्चा की जाएगी. आईसीसीआर के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में पत्रकारों को संबोधित किया.
सहस्रबुद्धे ने कहा, '4-5 दिसंबर को आयोजित होने वाले नॉलेज-इंडिया विजिटर्स प्रोग्राम नामक इस अनूठी पहल का उद्देश्य पूरी दुनिया में भारतीय ज्ञान प्रणाली से संबंधित मुद्दों को उच्च शिक्षा के रूप में बढ़ावा देने के तरीकों और साधनों पर चर्चा करना है. विदेशों में दर्जनों विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान प्रणाली के विषय जैसे हिंदी, संस्कृत, या कोई अन्य भारतीय भाषा, बौद्ध अध्ययन, इंडोलॉजी या भारत अध्ययन, योग, आयुर्वेद और भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य आदि पढ़ाते हैं.
हालाँकि, इनमें से कई विभाग कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. इन चुनौतियों में खासकर छात्रों की कमी, धन की कमी, स्थानीय भाषा में पर्याप्त संख्या में अच्छी शोध सामग्री का अभाव आदि हैं. सम्मेलन का उद्घाटन आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी करेंगी. इन चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया जाएगा और सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से उनका सामना करने के तरीकों और साधनों का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समापन भाषण देंगे.
डॉ. सहस्रबुद्धे ने कहा, 'इन विदेशी छात्रों के लिए अच्छे करियर के अवसरों की खोज के लिए एक समर्पित सत्र होगा. इसमें पर्यटन, आयुष, शिक्षा और संस्कृति मंत्रालय, आयुर्वेद दवा निर्माता संगठन, भारतीय पुस्तक प्रकाशक संघ, फिक्की, सीआईआई और इसी तरह के अन्य संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह कार्यक्रम आईसीसीआर को शैक्षणिक विद्वानों के समक्ष आने वाली कठिनाइयों को सुनने और समाधान प्रदान करने में सक्षम बनाएगा. इन क्षेत्रों में ताजा जानकारी से अपडेट रहने के लिए शैक्षणिक विद्वानों का एक नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म बनाएगा. भारतीय विश्वविद्यालयों के छात्रों और विद्वानों के अध्ययन के लिए अवसर पैदा करना शामिल है.
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