भोपाल : मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण घटने को लेकर आए पिछले 24 घंटे के आंकड़े काफी राहत भरे हैं. लंबे वक्त के बाद प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 5 से घटकर 4 डिजिट में आई है.
10 मई को प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 9,715 नए मामले सामने आए. बीते हफ्ते की तुलना में प्रदेश में संक्रमण दर घटकर 15 फीसदी पर आ गई. प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 6,81,478 तक पहुंच गयी है, जबकि राज्य में पिछले 24 घंटे में इस बीमारी से प्रदेश में 81 और लोगों की मौत हुई है. प्रदेश में अब तक इस बीमारी से कुल 6,501 लोग जान गंवा चुके हैं.
राहत की खबर
प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कोरोना संक्रमण के आंकड़ों पर राहत जताई है. उन्होंने कहा 'हम लंबे वक्त बाद राहत महसूस कर सकते हैं. दूसरी लहर में पहली बार संक्रमितों का आंकड़ा 5 अंको से घटकर 4 डिजिट में आ गया है. प्रदेश में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है और संक्रमण की दर घटकर 15 फीसदी पर आ गई है.'
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े
- मध्यप्रदेश में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 9,715 नए मामले सामने आए.
- प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या 6,81,478 तक पहुंच गयी.
- राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से 81 और लोगों की मौत हुई है.
- प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 6,501हो गयी है.
- प्रदेश में सोमवार को 1627 नये मामले इंदौर में, भोपाल में 1498, ग्वालियर में 695 एवं जबलपुर में 540 नए मामले सामने आए.
- मध्य प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 1,11,366 पहुंच गई है, हालांकि पॉजिटिविटी रेट घट कर 15% हो गया है.
- स्वास्थ्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर में 1,651, भोपाल में 1,412, ग्वालियर में 793 और जबलपुर में 542 नए संक्रमित मिले है.
- प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 81 मौतें हुई, इसमें से सबसे ज्यादा भोपाल में 9, इंदौर में 8, ग्वालियर में 7 व जबलपुर में 6 लोगों ने कोरोना के कारण जान गंवाई.
गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल के डीन जितेन शुक्ला ने कहा, हमारे यहां हमीदिया हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में 539 मरीज भर्ती हैं . इनमें से रोजाना 40 से 50 मरीज ठीक होकर घर जा रहे हैं.
पॉजिटिविटी रेट कम, 15 नंबर पर पहुंचा प्रदेश
- कोरोना संक्रमण से प्रभावित होने वाले मरीजों के पॉजिटिविटी रेट की बात करें, तो 2 मई तक यह आंकड़ा बढ़ रहा था. लेकिन 3 मई से इसमें गिरावट देखी जा रही है.
- 3 मई से लेकर 10 मई तक संक्रमण दर का यह आंकड़ा 20% से घटकर 15.7% तक पहुंच गया है.
- बीते 10 दिन में संक्रमण दर 25 से घटकर 15% पर आ गई है. ऐसा माना जा रहा है कि सैंपल टेस्ट कम होने से पॉजिटिविटी रेट घट रहा है.
- 10 मई को 61530 सैंपल टेस्ट किए गए, जिनमें से 9715 नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं.
- 9 मई को 65282 सैंपल लिए गए थे. इनमें 11051 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी
- नए केस कम आने से एक्टिव केस के मामले में मध्य प्रदेश 15 नंबर पर आ गया है.
- 21 अप्रैल को राज्य में पॉजिटिविटी रेट ज्यादा होने से यह सातवें नंबर पर था.
भदभदा विश्राम घाट समिति के अध्यक्ष अरुण चौधरी ने कहा '4-5 दिन से मौतों की संख्या के रेशो थोड़ा कम हुआ है. अभी तक जो शवों का आंकड़ा 100 से ऊपर जा रहा था, वो अब 65-70 के करीब है. यह शायद लॉकडाउन की वजह है, हम चाहते हैं कि यह आंकड़ा बिल्कुल जीरो हो जाए.'
कैसे आई आंकड़े में यह गिरावट
- मध्यप्रदेश में बीते एक हफ्ते में संक्रमण की दर में करीब 10% की गिरावट दर्ज की गई है. इस गिरावट के पीछे सरकार की टेस्टिंग स्ट्रेटजी को बड़ी वजह माना जा रहा है.
- सरकार अब RTPCR टेस्ट की जगह रैपिड एंटीजन टेस्ट पर ज्यादा भरोसा दिखा रही है.
- 10 मई के आंकड़ों के हिसाब से में मप्र में रैपिड और RTPCR टेस्ट का अनुपात 50:50 हो गया है.
- जबकि WHO की गाइड लाइन के हिसाब से यह आंकड़ा 30:70 का होना चाहिए.
- इसका मतलब यह होता है कि सरकार ने RTPCR घटाकर रैपिड एंटीजन टेस्ट बढ़ा दिए हैं.
क्या है रैपिड एंटीजन टेस्ट
कोरोना वायरस की जांच के लिए सामान्यत: RT-PCR टेस्ट किया जाता है. संक्रमण का पता लगाने के लिए इसे सबसे ज्यादा विश्वसनीय माना जाता है. इसकी रिपोर्ट 2-3 दिन में आती है. इसकी तुलना में रैपिड एंटीजन टेस्ट की प्रक्रिया बहुत जल्दी पूरी हो जाती है और 15 मिनिट में रिजल्ट भी आ जाता है.
कैसे होता है रैपिड एंटीजन टेस्ट
इस टेस्ट के लिए नाक में एक पतली से नली से सैंपल लिया जाता है. नाक से लिए गए उस लिक्विड को टेस्ट किट में डाला जाता है. ये किट थोड़ी ही देर में बता देती है कि जिसका सैंपल डाला गया है वो कोरोना वायरस से संक्रमित है कि नहीं. ये किट उसी तरह होती है, जैसे प्रेग्नेंसी टेस्ट किट होती है. सैंपल डालने के बाद अगर 2 रेड लाइन आती है तो इसका मतलब है कि कोरोना पॉजिटिव है. एक लाइन आती है तो वो कोरोना नेगेटिव है, लेकिन किसी का टेस्ट नेगेटिव आया है और उसमें कोरोना के लक्षण हैं तो फिर उसका RT-PCR टेस्ट किया जाता है. अब तक रैपिट एंटीजन किट का उपयोग कंटेनमेंट जोन या हॉटस्पॉट्स और हेल्थकेयर सेटिंग्स में किया जाता रहा है.
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गांवों में खतरा बरकरार, सरकार का दावा सब ठीक है
कोरोना को लेकर मध्य प्रदेश के ग्रामीण अंचलों की हालत चिंताजनक है. संभावित मरीजों के ना तो टेस्ट हो पा रहे हैं और ना ही उन्हें मेडिकल किट उपलब्ध हो पा रही है. पंचायत विभाग का डैशबोर्ड खुद ही इसकी हकीकत बयां कर रहा है.
- प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 1 लाख 15 हजार 62 लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए.
- इसमें से 32 हजार 468 लोगों के कोविड-19 सैंपल कलेक्शन किए गए जिसमें से 19411 पॉजिटिव आए हैं.
- इनमें से 13 हजार 907 लोगों को ही मेडिकल किट ही उपलब्ध कराई जा सकी है.
- यानी 1 लाख 1 हज़ार 155 भगवान भरोसे हैं.
- ऐसे मरीज या तो खुद ही ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं या फिर ग्रामीण इलाकों में मौजूद झोलाछाप डॉक्टरों से दवाइयां ले रहे हैं.
ग्रामीण इलाकों की भयावह स्थिति
- कुल संभावित संक्रमित व्यक्तियों की संख्या - 1,15,062
- कोविड टेस्ट सैंपल कलेक्शन किए गए - 32,468
- कोविड टेस्ट सैंपल कलेक्शन हेतु लंबित - 82,594
- टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त हुई - 29,105
- टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव - 19,411
- टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव - 9,694
- टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार - 3951
- कुल संक्रमित व्यक्ति जिन्हें मेडिकल किट दी गई -13907
- लंबित संक्रमित जिन्हें किट दी जानी है - 101155
- 22000 पंचायतों में मेडिकल किट मिली 9 हज़ार 700 को
- बाकी 12 हजार 621 पंचायतों में मेडिकल किट भेजा जाना बाकी है.
- ग्रामीण इलाकों में 26 हजार 79 सेंटर बनाए हैं इन क्वॉरेंटाइन सेंटर में 2 लाख 43 हज़ार 940 बेड उपलब्ध है.
- अभी 25 हजार 722 बेड का ही उपयोग किया जा रहा है.
उधर सरकार के प्रवक्ता गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया है कि
- शहरों में जहां कोरोना के मामले घटने से अब राहत है वहीं गांवों में भी कोरोना का जो फैलाव वाला था उसे रोक दिया गया है.
नरोत्तम मिश्रा, गृहमंत्री, मध्यप्रदेश