मुरैना : नगर निगम कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर किस कदर लापरवाह है, इसकी बानगी तब देखने को मिली जब स्वास्थ्य विभाग ने नगर निगम द्वारा भेजी गई सूची को लौटा दिया. टीकाकरण अधिकारी के अनुसार, नगर निगम के 1157 कर्मचारियों और अधिकारियों के नाम की सूची थी, जिनको कोरोना की वैक्सीन लगाई जानी थी, लेकिन जो लिस्ट भोपाल से भेजी गई है, उस लिस्ट में सभी कर्मचारियों के नाम के आगे एक ही नंबर लिखा हुआ है. जबकि हर कर्मचारियों का अलग-अलग नंबर उनके नाम के साथ भेजा जाना चाहिए था. इसके चलते नगर निगम के कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन का टीका नहीं लग पा रहा है.
वैक्सीनेशन लिस्ट में लापरवाही
नगर निगम में वैसे तो कई बड़ी लापरवाही के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर जो लापरवाही इस बार नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिखाई है, उससे भोपाल तक मुरैना नगर निगम को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. कर्मचारियों की सूची तैयार करते समय 1157 लोगों के नाम के सामने केवल पांच मोबाइल नंबर ही बार-बार लिखे गए हैं. इससे साफ जाहिर है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर मुरैना नगर निगम के कर्मचारी सजक नही दिखाई दे रहे हैं और ना ही अधिकारी.
पांच मोबाइल नंबरों को बार-बार बदला गया
जिला अस्पताल के वैक्सीनेशन सेंटर पर बुधवार से नगर निगम के 1157 कर्मचारी और अधिकारियों को कोरोना वैक्सीन का टीका लगना था, जिसके लिए नगर निगम प्रशासन ने सोमवार की देर शाम 1100 से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों की सूची स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी थी, लेकिन इन लिस्ट में 1157 अधिकारी कर्मचारियों के नाम के आगे डाले गए मोबाइल नंबर गलत थे, सूची में पांच मोबाइल नंबरों को ही बदल-बदल कर 1157 अधिकारी और कर्मचारियों के नाम के आगे दर्ज कर दिया गया था. इस लापरवाही के पकड़ में आते ही स्वास्थ्य विभाग ने सूची नगर निगम को वापस लौटा दी और सभी के नंबर सही होने पर ही वैक्सीनेशन होने की बात कही.
वैक्सीनेशन सेंटर नौ से 16 कर दिए गए
मुरैना जिले में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो चुका है, जिसके तहत पुलिस और राजस्व अधिकारी कर्मचारियों को वैक्सीनेशन लगाई जा रही हैं. बुधवार को 1800 कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से नगर निगम के 600 कर्मचारी शामिल हैं, इसके लिए जिले भर में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वैक्सीन के लिए पहले सात सेंटर बनाए थे, उसके बाद संख्या बढ़ाकर नौ सेंटर किए, अब नौ से बढ़ाकर 16 सेंटर कर दिए. अधिकारी के अनुसार, अभी तक लगभग 7800 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है.
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ग्वालियर में भी ऐसा ही मामला आया था सामने
ग्वालियर जिले में भी वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में अधिकारियों की लापरवाही देखने को मिली थी. जयारोग्य अस्पताल के सात बूथों पर 940 वर्करों में से किसी को भी टीका नहीं लग सका. यानी सोमवार को जयारोग्य अस्पताल में टीकाकरण शून्य रहा था. टीका न लग पाने का कारण यह है कि स्वास्थ्य विभाग के पास जो लिस्ट पहुंची उसमें सभी फ्रंटलाइन वर्करों का मोबाइल नंबर (9977461031) एक ही लिखा था. इस कारण न तो उनके पास कोई मैसेज आए और ना ही वेरिफिकेशन के समय नंबर मिल पाए. जाहिर होता है अधिकारी वैक्सीनेशन को लेकर गंभीर नहीं हैं.