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एमपी : कोरोना मरीज की तीन बार मौत, दो बार जिंदा निकला, तीसरी बार सच हुई घोषणा

मध्य प्रदेश में कोरोना के बढ़ते केस के बीच विदिशा के कोविड केयर अस्पताल की गंभीर लापरवाही सामने आई है. यहां एक मरीज को 3 बार मृत घोषित किया गया. 2 बार तो मरीज के मरने की खबर गलत निकली लेकिन तीसरी बार गोरेलाल नाम के मरीज की मौत की खबर सही निकली.

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Published : Apr 17, 2021, 6:18 PM IST

विदिशा : जिले के एक कोविड केयर में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है. यहां एक ही व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग ने 3 बार मृत घोषित किया. दरअसल गोरेलाल नाम के एक शख्स से जुड़ा ये मामला है. मरीज के परिजनों के अनुसार 11 अप्रैल को उन्होंने मरीज को भर्ती कराया था. 3 बार गोरेलाल को अस्पताल ने मृत घोषित किया. 2 बार तो ये खबर गलत निकली, लेकिन तीसरी बार ये खबर सच निकली.

परिजनों ने बताया कि उन्होंंने 11 अप्रैल को गोरेलाल को विदिशा के कोविड केयर मे भर्ती कराया था. 13 अप्रैल को दोपहर में अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अंतिम संस्कार की तैयारी करके परिजन जब बॉडी लेने अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि गोरेलाल जिंदा है. 14 अप्रैल को फिर से अस्पताल ने बताया कि गोरेलाल की मौत हो गई है. और कहा गया कि अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत होगा.

एमपी : कोरोना मरीज की तीन बार मौत

बहुत जिद करने के बाद अस्पताल प्रशासन ने मरीज के परिजन को उसका चेहरा दिखाया तो पता चला कि वो गोरेलाल था ही नहीं. इसके बाद फिर 16 अप्रैल को गोरेलाल के बेटे के पास फोन आया कि उसके पिता नहीं रहे. एक बार फिर इसी उम्मीद में गोरेलाल का बेटा अस्पताल पहुंचा कि शायद इस बार भी ये खबर उसके पिता से जुड़ी न हो, लेकिन इस बार सच में गोरेलाल इस दुनिया में नहीं रहे.

यह भी पढ़ें-दीदी खुद को समझ रहीं संविधान से ऊपर, दो मई के बाद हो जाएंगी भूतपूर्व सीएम : पीएम मोदी

सीपीआर देने के बाद वापस आई थी हार्ट बीट

हालांकि इस मामले में अटल बिहारी वाजपेयी अस्पताल के डीन का कहना है कि 15 तारीख को गोरेलाल की हार्टबीट रुक गई थी. मेडिकल टीम ने उन्हें सीपीआर दिया तो उनकी हृदयगति वापस आ गई थी. इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था लेकिन 16 तारीख को गोरेलाल की मौत हो गई.

विदिशा : जिले के एक कोविड केयर में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है. यहां एक ही व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग ने 3 बार मृत घोषित किया. दरअसल गोरेलाल नाम के एक शख्स से जुड़ा ये मामला है. मरीज के परिजनों के अनुसार 11 अप्रैल को उन्होंने मरीज को भर्ती कराया था. 3 बार गोरेलाल को अस्पताल ने मृत घोषित किया. 2 बार तो ये खबर गलत निकली, लेकिन तीसरी बार ये खबर सच निकली.

परिजनों ने बताया कि उन्होंंने 11 अप्रैल को गोरेलाल को विदिशा के कोविड केयर मे भर्ती कराया था. 13 अप्रैल को दोपहर में अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अंतिम संस्कार की तैयारी करके परिजन जब बॉडी लेने अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि गोरेलाल जिंदा है. 14 अप्रैल को फिर से अस्पताल ने बताया कि गोरेलाल की मौत हो गई है. और कहा गया कि अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत होगा.

एमपी : कोरोना मरीज की तीन बार मौत

बहुत जिद करने के बाद अस्पताल प्रशासन ने मरीज के परिजन को उसका चेहरा दिखाया तो पता चला कि वो गोरेलाल था ही नहीं. इसके बाद फिर 16 अप्रैल को गोरेलाल के बेटे के पास फोन आया कि उसके पिता नहीं रहे. एक बार फिर इसी उम्मीद में गोरेलाल का बेटा अस्पताल पहुंचा कि शायद इस बार भी ये खबर उसके पिता से जुड़ी न हो, लेकिन इस बार सच में गोरेलाल इस दुनिया में नहीं रहे.

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सीपीआर देने के बाद वापस आई थी हार्ट बीट

हालांकि इस मामले में अटल बिहारी वाजपेयी अस्पताल के डीन का कहना है कि 15 तारीख को गोरेलाल की हार्टबीट रुक गई थी. मेडिकल टीम ने उन्हें सीपीआर दिया तो उनकी हृदयगति वापस आ गई थी. इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था लेकिन 16 तारीख को गोरेलाल की मौत हो गई.

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