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उत्तराखंड चारधाम यात्रा में पहली बार NDRF तैनात, जवाब दे गए राज्य सरकार के इंतजाम ! - यमुनोत्री पैदल मार्ग

उत्तराखंड चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है. वहीं चारधाम में बढ़ी भीड़ ने सरकार के सारे इंतजामों की पोल खोल कर रख दी है. यही कारण है कि अब उत्तराखंड चारधाम यात्रा में प्रदेश सरकार ने केंद्र से मदद ली है और उत्तराखंड चारधाम यात्रा मार्ग पर (NDRF deployed in Chardham Yatra) एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) के जवानों को तैनात किया जा रहा है. ऐसा पहली बार होगा जब उत्तराखंड चारधाम यात्रा में एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) को तैनात किया गया है. सरकार सेना की मदद भी ले सकती है.

chardham yatra
चारधाम यात्रा.
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Published : May 12, 2022, 2:14 PM IST

Updated : May 12, 2022, 2:49 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले प्रदेश सरकार और शासन-प्रशासन ने जो दावे किए थे, वो हफ्ते भर में ही ध्वस्त हो गए हैं. यही कारण है कि 10 दिनों में चारधाम यात्रा मार्ग पर 28 श्रद्धालु उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी समस्याएं के कारण दम तोड़ चुके हैं. इसी वजह से राज्य सरकार ने अब केंद्र सरकार की मदद ली है और चारधाम यात्रा मार्ग (NDRF deployed in Chardham Yatra) पर एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) के जवानों को तैनात किया गया है. इसकी जानकारी खुद उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने दी.

मुख्य सचिव एसएस संधू ने बताया कि, पहली बार उत्तराखंड चारधाम यात्रा में एनडीआरएफ के जवानों को तैनात किया जा रहा है. अगर जरूरत पड़ी तो एनडीआरएफ के साथ सेना के लोगों की भी मदद ली जाएगी. शुरूआत में केदारनाथ रूट पर एनडीआरएफ को तैनात किया है. बता दें कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा में रोज तकरीबन 50 हजार से ज्यादा यात्री पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ को संभाल पाने में सरकार और प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. चारधाम में हुई 28 श्रद्धालुओं की मौत ने भी सरकार और प्रशासन के सारे इंतजामों के दावों की पोल कर रख दी है. 27 श्रद्धालुओं की मौत बीमारी के कारण हुई है.

उत्तराखंड चारधाम यात्रा में पहली बार NDRF तैनात.

उत्तराखंड चारधाम यात्रा में सरकार के इंतजामों के दावों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यमुनोत्री पैदल मार्ग पर जाम लग रहा है. पैदल मार्गों पर भी लोगों को चलना मुश्किल हो रहा है. केदारनाथ पैदल मार्ग पर स्थिति और खराब है. यहां घोड़े और खच्चरों की वजह से पैदल चलने वाले यात्रियों को जगह ही नहीं मिल पा रही है. बीते दिनों केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर एक श्रद्धालु पैर फिसलकर खाई में गिर गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी.
पढ़ें- चारधाम यात्रा से हेली सेवा कर रही छप्पर फाड़ कमाई, रोजाना मिल रहा 15 लाख का राजस्व

वहीं, चारधाम में बीमार हो रहे श्रद्धालुओं को समय से इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी मौत हो रही है. यही कारण है कि बीते दिनों केंद्र सरकार ने खुद चारधाम में श्रद्धालुओं की हो रही मौतों को संज्ञान लिया था और इस मामले को लेकर एक रिपोर्ट भी मांगी थी. इसके बाद उत्तराखंड शासन के अधिकारियों ने बैठक कर चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी की थी.

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले प्रदेश सरकार और शासन-प्रशासन ने जो दावे किए थे, वो हफ्ते भर में ही ध्वस्त हो गए हैं. यही कारण है कि 10 दिनों में चारधाम यात्रा मार्ग पर 28 श्रद्धालु उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी समस्याएं के कारण दम तोड़ चुके हैं. इसी वजह से राज्य सरकार ने अब केंद्र सरकार की मदद ली है और चारधाम यात्रा मार्ग (NDRF deployed in Chardham Yatra) पर एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) के जवानों को तैनात किया गया है. इसकी जानकारी खुद उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने दी.

मुख्य सचिव एसएस संधू ने बताया कि, पहली बार उत्तराखंड चारधाम यात्रा में एनडीआरएफ के जवानों को तैनात किया जा रहा है. अगर जरूरत पड़ी तो एनडीआरएफ के साथ सेना के लोगों की भी मदद ली जाएगी. शुरूआत में केदारनाथ रूट पर एनडीआरएफ को तैनात किया है. बता दें कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा में रोज तकरीबन 50 हजार से ज्यादा यात्री पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ को संभाल पाने में सरकार और प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. चारधाम में हुई 28 श्रद्धालुओं की मौत ने भी सरकार और प्रशासन के सारे इंतजामों के दावों की पोल कर रख दी है. 27 श्रद्धालुओं की मौत बीमारी के कारण हुई है.

उत्तराखंड चारधाम यात्रा में पहली बार NDRF तैनात.

उत्तराखंड चारधाम यात्रा में सरकार के इंतजामों के दावों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यमुनोत्री पैदल मार्ग पर जाम लग रहा है. पैदल मार्गों पर भी लोगों को चलना मुश्किल हो रहा है. केदारनाथ पैदल मार्ग पर स्थिति और खराब है. यहां घोड़े और खच्चरों की वजह से पैदल चलने वाले यात्रियों को जगह ही नहीं मिल पा रही है. बीते दिनों केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर एक श्रद्धालु पैर फिसलकर खाई में गिर गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी.
पढ़ें- चारधाम यात्रा से हेली सेवा कर रही छप्पर फाड़ कमाई, रोजाना मिल रहा 15 लाख का राजस्व

वहीं, चारधाम में बीमार हो रहे श्रद्धालुओं को समय से इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी मौत हो रही है. यही कारण है कि बीते दिनों केंद्र सरकार ने खुद चारधाम में श्रद्धालुओं की हो रही मौतों को संज्ञान लिया था और इस मामले को लेकर एक रिपोर्ट भी मांगी थी. इसके बाद उत्तराखंड शासन के अधिकारियों ने बैठक कर चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी की थी.

Last Updated : May 12, 2022, 2:49 PM IST
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