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उत्तराखंड आपदा प्राधिकरण के साथ NDMA की टेबल टॉप बैठक, चारधाम यात्रा से पहले तैयारियों को लेकर होगी मॉक ड्रिल

उत्तराखंड आपदा प्राधिकरण के साथ NDMA ने टेबल टॉप बैठक की. इस दौरान NDRF, ITBP, SSB, SDRF के अलावा सभी महत्वपूर्ण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. इस बैठक में सभी विभागों ने चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर जानकारी दी. वहीं, बैठक में आपदा की स्थिति से निपटने के लिए 20 अप्रैल को सभी विभागों के साथ मॉक ड्रिल करने का फैसला लिया गया.

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NDMA की टेबल टॉप बैठक
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Published : Apr 18, 2023, 8:53 PM IST

Updated : Apr 18, 2023, 11:01 PM IST

NDMA की टेबल टॉप बैठक

देहरादून: चारधाम यात्रा में आपदा को लेकर पहली दफा राष्ट्रीय स्तर पर तैयारियां की जा रही है. इसी को लेकर आज NDMA सहित राज्य की तमाम रिस्पांस और रेस्क्यू एजेंसियों ने टेबल टॉप बैठक की. जिसमें यात्रा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण विभागों ने अपनी तैयारियों की जानकारी दी. वहीं, इन तैयारियों को लेकर 20 अप्रैल को पूरे प्रदेश स्तर पर मॉक ड्रिल किए जाएगा.

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) की अगुवाई में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने चारधाम यात्रा से पहले आने वाली किसी भी विषम परिस्थिति जैसे दैवीय आपदा को लेकर सचिवालय में हुई इस टेबल टॉप बैठक की. इस दौरान आपदाओं से निपटने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों, विभागों और बलों की तैयारियों से जानकारी ली गई.

सचिवालय में हुई इस टेबल टॉप बैठक में आर्मी, NDRF, ITBP, SSB, SDRF के अलावा सभी महत्वपूर्ण विभाग के अधिकारी शामिल हुए. बैठक में मौसम विभाग, स्वास्थ्य, पुलिस, टेलिकॉम और अन्य डिपार्टमेंट के अधिकारी अपनी-अपनी प्लानिंग को लेकर मौजूद रहे. वहीं, इसके अलावा चारधाम यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी 7 जिले हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहें.
ये भी पढ़ें: अधूरी तैयारियों के बीच शुरू होगी केदारनाथ यात्रा! जगह-जगह अव्यवस्थाओं का अंबार, ग्लेशियर भी करने होंगे पार

बैठक में मौजूद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा NDMA के सहयोग से पहली दफा इस तरह से हम पहले ही सभी तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. हम किसी भी परिस्थिति के लिए किसी पर निर्भर न रहें. ताकि जब घटना हो तो उस समय प्रबंधन में समस्या न आए. 22 अप्रैल से शुरु हो रहे चारधाम यात्रा के मद्देनजर 20 अप्रैल को एक बड़े मॉक ड्रिल अभ्यास का प्लान तैयार किया गया है. जिसमें हम एक तरह से अपनी खुद की तैयारियों को रियल टाइम प्रशिक्षण करेंगे.

उन्होने बताया इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यात्रा के दौरान किसी भी तरह की प्राकृतिक या मानव जनित घटना में कम से जान माल का नुकसान हो. साथ ही पर्यटकों, तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार से कोई दिक्कत ना हो. इसके अलावा जिला प्रशासन, सभी डिपार्टमेंट और रिस्पांस बलों के बीच के समन्वय को भी आपस में बनाने का मुख्य उद्देश्य है.

NDMA की टेबल टॉप बैठक

देहरादून: चारधाम यात्रा में आपदा को लेकर पहली दफा राष्ट्रीय स्तर पर तैयारियां की जा रही है. इसी को लेकर आज NDMA सहित राज्य की तमाम रिस्पांस और रेस्क्यू एजेंसियों ने टेबल टॉप बैठक की. जिसमें यात्रा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण विभागों ने अपनी तैयारियों की जानकारी दी. वहीं, इन तैयारियों को लेकर 20 अप्रैल को पूरे प्रदेश स्तर पर मॉक ड्रिल किए जाएगा.

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) की अगुवाई में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने चारधाम यात्रा से पहले आने वाली किसी भी विषम परिस्थिति जैसे दैवीय आपदा को लेकर सचिवालय में हुई इस टेबल टॉप बैठक की. इस दौरान आपदाओं से निपटने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों, विभागों और बलों की तैयारियों से जानकारी ली गई.

सचिवालय में हुई इस टेबल टॉप बैठक में आर्मी, NDRF, ITBP, SSB, SDRF के अलावा सभी महत्वपूर्ण विभाग के अधिकारी शामिल हुए. बैठक में मौसम विभाग, स्वास्थ्य, पुलिस, टेलिकॉम और अन्य डिपार्टमेंट के अधिकारी अपनी-अपनी प्लानिंग को लेकर मौजूद रहे. वहीं, इसके अलावा चारधाम यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी 7 जिले हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहें.
ये भी पढ़ें: अधूरी तैयारियों के बीच शुरू होगी केदारनाथ यात्रा! जगह-जगह अव्यवस्थाओं का अंबार, ग्लेशियर भी करने होंगे पार

बैठक में मौजूद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा NDMA के सहयोग से पहली दफा इस तरह से हम पहले ही सभी तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. हम किसी भी परिस्थिति के लिए किसी पर निर्भर न रहें. ताकि जब घटना हो तो उस समय प्रबंधन में समस्या न आए. 22 अप्रैल से शुरु हो रहे चारधाम यात्रा के मद्देनजर 20 अप्रैल को एक बड़े मॉक ड्रिल अभ्यास का प्लान तैयार किया गया है. जिसमें हम एक तरह से अपनी खुद की तैयारियों को रियल टाइम प्रशिक्षण करेंगे.

उन्होने बताया इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यात्रा के दौरान किसी भी तरह की प्राकृतिक या मानव जनित घटना में कम से जान माल का नुकसान हो. साथ ही पर्यटकों, तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार से कोई दिक्कत ना हो. इसके अलावा जिला प्रशासन, सभी डिपार्टमेंट और रिस्पांस बलों के बीच के समन्वय को भी आपस में बनाने का मुख्य उद्देश्य है.

Last Updated : Apr 18, 2023, 11:01 PM IST
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