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Dantewada IED Blast : बड़ेगुड़रा का लाल जगदीश कोवासी शहीद, नक्सली खाते थे खौफ - Naxalites were afraid of bravery of Jagdish Kovasi

दंतेवाड़ा नक्सली हमले में बड़ेगुड़रा कवासीपारा गांव के गोपनीय सैनिक जगदीश कोवासी भी शहीद हुए हैं. हमला तब हुआ जब डीआरजी जवानों का दल सर्च ऑपरेशन के बाद वापस लौट रहा था. आईए आपको बताते हैं इस हमले में शहीद हुए जगदीश कोवासी की कहानी.

bravery of Jagdish Kovasi
बड़ेगुड़रा का लाल जगदीश कोवासी शहीद
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Published : Apr 27, 2023, 7:48 PM IST

रायपुर/दंतेवाड़ा : कुआकोंडा थाना क्षेत्र के गांव बड़ेगुड़रा कवासीपारा के वीर जगदीश कोवासी अब हमारे बीच नहीं हैं.दंतेवाड़ा नक्सली हमले में जगदीश अपने दस साथियों के साथ शहीद हो गए. ये हमला तब हुआ जब डीआरजी सर्च ऑपरेशन के बाद वापसी कर रहे थे. वाहन के आगे रोड ओपनिंग पार्टी नहीं थी.यदि रोड ओपनिंग पार्टी होती तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं होती. क्योंकि नक्सलियों ने दिनदहाड़े जवानों के काफिले को निशाना बनाया.

bravery of Jagdish Kovasi
बड़ेगुड़रा का लाल जगदीश कोवासी शहीद

कौन थे जगदीश कोवासी : जगदीश कुमार बड़ेगुड़रा कवासीपारा के निवासी थे. उनका जन्म 10 मई 1999 को हुआ था. साल 2022 में जगदीश डीआरजी जवान बने. जगदीश के पिता का नाम कोसाराम कवासी और मां का नाम हड़मे कोवासी है. परिवार में दो भाई हिड़मा कवासी और देवेंद्र कवासी है. जवान की अगले ही साल शादी होने वाली थी. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. 26 अप्रैल को घात लगाए नक्सलियों ने डीआरजी जवानों को निशाना बना दिया.

ये भी पढ़ें- दंतेवाड़ा नक्सल अटैक का वीडियो वायरल

कब हुआ हमला : अरनपुर थाना क्षेत्र में अरनपुर समेली के बीच बड़ा नक्सली हमला हुआ. जवान मंगलवार रात हार्डकोर नक्सली कमांडर और 8 लाख के इनामी जगदीश को दबोचने के लिए निकले थे. बुधवार सुबह करीब 7 बजे समेली में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ के दौरान जवानों के शौर्य के आगे नक्सली भाग गए. जवानों ने मौके पर सर्च ऑपरेशन चलाया. इसके बाद जवान वापस कैंप की ओर लौटने लगे. लेकिन उन्हें ये नहीं पता था कि ये सूचना जवानों को जाल में फंसाने के लिए है. क्योंकि जवान जैसे ही अरनपुर मार्ग पर पहुंचे नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर दिया. इस कायराना हमले में डीआरजी के 10 जवान शहीद हो गए.

रायपुर/दंतेवाड़ा : कुआकोंडा थाना क्षेत्र के गांव बड़ेगुड़रा कवासीपारा के वीर जगदीश कोवासी अब हमारे बीच नहीं हैं.दंतेवाड़ा नक्सली हमले में जगदीश अपने दस साथियों के साथ शहीद हो गए. ये हमला तब हुआ जब डीआरजी सर्च ऑपरेशन के बाद वापसी कर रहे थे. वाहन के आगे रोड ओपनिंग पार्टी नहीं थी.यदि रोड ओपनिंग पार्टी होती तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं होती. क्योंकि नक्सलियों ने दिनदहाड़े जवानों के काफिले को निशाना बनाया.

bravery of Jagdish Kovasi
बड़ेगुड़रा का लाल जगदीश कोवासी शहीद

कौन थे जगदीश कोवासी : जगदीश कुमार बड़ेगुड़रा कवासीपारा के निवासी थे. उनका जन्म 10 मई 1999 को हुआ था. साल 2022 में जगदीश डीआरजी जवान बने. जगदीश के पिता का नाम कोसाराम कवासी और मां का नाम हड़मे कोवासी है. परिवार में दो भाई हिड़मा कवासी और देवेंद्र कवासी है. जवान की अगले ही साल शादी होने वाली थी. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. 26 अप्रैल को घात लगाए नक्सलियों ने डीआरजी जवानों को निशाना बना दिया.

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कब हुआ हमला : अरनपुर थाना क्षेत्र में अरनपुर समेली के बीच बड़ा नक्सली हमला हुआ. जवान मंगलवार रात हार्डकोर नक्सली कमांडर और 8 लाख के इनामी जगदीश को दबोचने के लिए निकले थे. बुधवार सुबह करीब 7 बजे समेली में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ के दौरान जवानों के शौर्य के आगे नक्सली भाग गए. जवानों ने मौके पर सर्च ऑपरेशन चलाया. इसके बाद जवान वापस कैंप की ओर लौटने लगे. लेकिन उन्हें ये नहीं पता था कि ये सूचना जवानों को जाल में फंसाने के लिए है. क्योंकि जवान जैसे ही अरनपुर मार्ग पर पहुंचे नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर दिया. इस कायराना हमले में डीआरजी के 10 जवान शहीद हो गए.

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