बस्तर : बीते कुछ सालों से बस्तर में नक्सली संगठन कमजोर पड़ा है. नक्सलियों की सबसे जरूरी सप्लाई चेन (NAXALI SUPPLY CHAIN) को भी तोड़ने में बस्तर पुलिस को सफलता हासिल हो रही है. अब बस्तर के नक्सली छत्तीसगढ़ से लगे तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और ओडिशा (naxalites supply chain weak in bastar relying on andhra telangana and odisha) राज्य के नक्सलियों के भरोसे हैं. शुक्रवार शाम दंतेवाड़ा पुलिस के समक्ष इनामी नक्सली दंपति (Prize naxalite couple) ने आत्मसमर्पण करने के बाद पुलिस के सामने इसका खुलासा किया है.
सरेंडर नक्सली दंपति का खुलासा
सरेंडर नक्सली संजू माड़वी ने बताया कि बस्तर में नक्सली संगठन अनाज, दवा और कोविड वैक्सीन के लिए तरस रहे हैं. इन सभी जरूरी चीजों को छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य तेलंगाना, ओडिशा और आंध्र से मंगाया जा रहा है. पिछले कुछ सालों से बस्तर में नक्सली संगठन की सप्लाई चेन कमजोर पड़ गई है. बड़े नक्सली लीडर्स आंध्र प्रदेश के सप्लाई चेन से संपर्क कर वहां से अनाज और दवाइयां मंगा रहे हैं.
यूं चलती है नक्सलियों की सप्लाई चेन
बस्तर आईजी सुंदरराज पी (Bastar IG Sundarraj P) ने बताया कि बीते 2 वर्षों से नक्सल विरोधी अभियान के तहत जिला पुलिस बल और बस्तर में तैनात अर्धसैनिक बल नक्सलियों के सप्लाई चेन को तोड़ने में खास नजर बनाए हुए हैं. 2 सालों में नक्सलियों तक रसद और जरूरी सामान, दवाएं पहुंचाने वाले शहरी नेटवर्क को पुलिस ने ध्वस्त किया है. कई लोगों की गिरफ्तारी भी की है, जो नक्सलियों के लिए सप्लाई का काम करते थे. छत्तीसगढ़ के सभी सीमावर्ती इलाकों में चेक पोस्ट नाका बनाकर जवानों को 24 घंटे तैनात करने और बाहरी व्यक्तियों की जांच पड़ताल करने की वजह से नक्सलियों तक जरूरी सामान नहीं पहुंच पा रहा है.
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कोरोना काल में नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा-आईजी सुंदरराज पी
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि सबसे ज्यादा कोरोना महामारी के दौरान नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. नक्सलियों ने खुद प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कई बड़े नक्सलियों के कोरोना से संक्रमित होने की वजह से मौत होने की पुष्टि की है.नक्सली कोविड वैक्सीन पाने के लिए भी लगातार प्रयास कर रहे हैं. हालांकि आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना राज्यों के नक्सली संगठन के द्वारा बस्तर में नक्सली संगठन को रसद और अन्य जरूरी सामान पहुंचाने की जानकारी पुलिस को मिल रही है. पुलिस इस चेन को भी तोड़ने का पूरा प्रयास कर रही है.आईजी ने कहा कि आने वाले दिनों में दूसरे राज्यों के नक्सली संगठन से पहुंच रहे सप्लाई चैन को भी पुलिस ध्वस्त करने में सफलता हासिल करेगी. जल्द से जल्द बस्तर में नक्सलियों के पैर उखाड़ने में कामयाब होगी.
कोरोना काल में टूटी नक्सलियों की सप्लाई चेन
नक्सली अपने हथियार, गोला बारूद, रसद और जरूरी सामान शहरी नेटवर्क के माध्यम से अपने तक पहुंचाते हैं. कोरोना काल के दौरान इसी शहरी नेटवर्क के भरोसे होने की वजह से सबसे पहले पुलिस ने शहरी नेटवर्क के सप्लाई चेन को तोड़ने का प्रयास किया और काफी हद तक सफल भी हुई. अब सरेंडर नक्सली दंपतियों के खुलासे के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि बस्तर में नक्सली संगठन की सप्लाई चेन काफी कमजोर पड़ गई है. इस वजह से वे दूसरे राज्यों के नक्सली संगठन के सप्लाई चेन पर निर्भर हैं. हालांकि पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस चेन को भी तोड़ने में बस्तर पुलिस को सफलता हासिल होगी.
आंध्रप्रदेश, तेलंगाना से हुई थी वैक्सीन की सप्लाई-सरेंडर नक्सली पोज्जा
सरेंडर नक्सली पोज्जा ने बताया कि नक्सलियों के बड़े लीडरों को छत्तीसगढ़ की दवाइयों और वैक्सीन पर संदेह है. जिसके कारण नक्सली तेलंगाना और आंध्रप्रदेश से दवाइयां मंगाते हैं. कोरोना की दूसरे लहर के दौरान आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के बड़े नक्सली लीडरों ने बड़ी मात्रा में वहां से छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर क्षेत्रों में वैक्सीन की सप्लाई करवाई थी. पोज्जा ने बताया कि नक्सली हिड़मा, सुजाता, विकास, रघु समेत कई नक्सलियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है.
'कई बड़े नक्सली लीडर कोरोना से संक्रमित'
नक्सली पोज्जा ने पुलिस अधीक्षक अभिषेक (Superintendent of Police Abhishek Pallav) को बताया कि नक्सली रघु दक्षिण बस्तर डिवीजन प्रभारी है. 25 लाख का इनामी है. वह काफी बीमार चल रहा है. संभवत कोरोना से पीड़ित है. मासा बटालियन नंबर वन सेक्शन कमांडर और राजेश दोनों कोरोना संक्रमित हैं. लाठी के सहारे चल रहे हैं और उनकी स्थिति बहुत ही नाजुक है. स्थिति देखते हुए अभिषेक पल्लव ने कोरोना ग्रसित नक्सलियों से अपील की कि वह जल्द से जल्द लोन वर्राटु अभियान के तहत आत्मसमर्पण करें, जिससे पुलिस प्रशासन उनका उचित इलाज करा सके.गुरुवार को नक्सली दंपती ने सरेंडर किया था. सरेंडर नक्सली दंपती 70 जवानों की हत्या में शामिल थे. दोनों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था. नक्सली का नाम पज्जो उर्फ संजू माड़वी और लक्खे उर्फ तुलसी माड़वी है. जो पामेड़ एरिया कमेटी का सदस्य था. दोनों नक्सली 2021 में हुई तर्रेम मुठभेड़ समेत दक्षिण बस्तर की 12 बड़ी घटनाओं में शामिल थे. CRPF डीआईजी विनय कुमार सिंह और एसपी एसपी अभिषेक पल्लव के सामने सरेंडर किया.
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टेकलगुड़ा मुठभेड़ पर नक्सली पोज्जा ने किए सनसनीखेज खुलासे
सरेंडर कर चुके नक्सली पोज्जा ने बताया कि टेकलगुड़ा मुठभेड़ की प्लानिंग नक्सली हिड़मा ने की थी. सभी नक्सली हिड़मा के साथ (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी DKSZC) जंगल में बैठे हुए थे. इसकी बीच उसे जन मिलिसिया सदस्यों ने सूचना दी कि, भारी संख्या में सुरक्षाबलों की टीम जंगल में ऑपरेशन के लिए आ रही है. सभी टेकलगुड़ा की तरफ से आ रहे हैं. ऐसी सूचना भी मिली थी. जिसके बाद हिड़मा ने वहां मौजूद 400 से ज्यादा नक्सलियों को जुटाया. फिर उसने प्लानिंग के तहत सभी नक्सलियों को ऊंचाई वाली जगह पर जाने के लिए कह दिया. उसके बाद जब जवानों की टीम पहुंची तब हिड़मा ने पूरे फोर्स को अपने एंबुश में फंसा लिया. पोज्जा ने यह भी खुलासा किया कि इस नक्सली हमले में सभी नक्सली छत्तीसगढ़ के थे. इस नक्सली अटैक को हिड़मा लीड कर रहा था. सुजाता, रघु समेत और भी कई बड़े नक्सली इस नापाक साजिश में शामिल थे.