नयी दिल्ली: छत्तीसगढ़ में डीआरजी के जवानों पर हुए नक्सली हमले को लेकर कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस नक्सली हमले में परिवार के किसी सदस्य को खोने के दर्द को समझती है और छत्तीसगढ़ में पार्टी की सरकार नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगी. छत्तीसगढ़ के नक्सल गढ़ बस्तर से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य दीपक बैज ने ईटीवी को बताया कि 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले में पूरे शीर्ष राज्य कांग्रेस नेतृत्व का सफाया हो गया था.
उन्होंने कहा कि बुधवार को नक्सली हमले में शहीद हुए 10 जवानों और एक ड्राइवर के परिजनों का दर्द हम समझते हैं. राज्य सरकार नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगी. 2013 में जगदलपुर के झीरम घाटी इलाके में एक घातक नक्सली हमले में शीर्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री वीसी शुक्ला, नक्सल विरोधी आंदोलन सलवा जुडूम के नेता महेंद्र कर्मा और राज्य इकाई के प्रमुख नंद कुमार पटेल सहित 25 लोगों की मौत हो गई थी. तब आदिवासी राज्य में बीजेपी सत्ता में थी.
बैज ने कहा कि 2013 में, हमारी परिवर्तन यात्राएं पूरे राज्य में चल रही थीं. बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद चरम पर था. मुख्य सड़क से जंगलों के अंदर एक किमी का सफर करना भी मुश्किल था. रमन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार ने हमारी यात्रा की सुरक्षा वापस ले ली थी, जिसके कारण यह हमला हुआ था. बैज ने कहा कि भाजपा शासन के दौरान, आदिवासियों को फर्जी मामलों में जेल में डाल दिया गया था, नक्सलियों के फर्जी आत्मसमर्पण आयोजित किए गए थे और फर्जी मुठभेड़ें होती थीं.
उन्होंने कहा कि नक्सली हमले एक नियमित विशेषता थी. लेकिन 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से चीजें बेहतर हुई हैं. लोकसभा सदस्य ने आगे कहा कि भूपेश बघेल सरकार नक्सलवाद के खतरे से निपटने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति अपना रही है. हमने मुख्यमंत्री से नक्सलियों के खिलाफ फर्जी मुठभेड़ों को रोकने का आग्रह किया. एक-दो मामलों को छोड़ दें तो न कोई फर्जी मुठभेड़ हुई है और न ही फर्जी मामलों में जेल में डाला गया है.
बैज ने आगे कहा कि दरअसल, राज्य सरकार ने कई नक्सलियों को रिहा कर दिया था, जो निर्दोष पाए गए थे. राज्य सरकार ने उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें जिला मुख्यालयों में मुख्य राजमार्गों से 10 किलोमीटर दूर जंगलों में धकेल दिया. नतीजतन, नक्सली बैकफुट पर आ गए थे. साथ ही, सरकार ने नक्सलियों की चिंताओं को दूर करने के लिए क्षेत्र में विकास को भी आगे बढ़ाया और उन्हें सड़क, बिजली और पीने का पानी दिया.
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सरकार की कार्रवाई के परिणामस्वरूप, पिछले वर्षों में नक्सली हमलों की संख्या में कमी आई है, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि दंतेवाड़ा क्षेत्र में बुधवार का हमला सत्ता प्रतिष्ठान के लिए एक संदेश था. बैज ने कहा कि आप नक्सलियों ने संदेश दिया है कि वे अभी भी क्षेत्र में मजबूत हैं. नक्सली आम तौर पर हमले शुरू करने के लिए गर्मियों के महीनों का उपयोग करते हैं, क्योंकि जंगल गिरे हुए पत्तों से भरा होता है, जो उन्हें एक प्राकृतिक छलावरण प्रदान करता है.
उन्होंने कहा कि यह छलावरण उन्हें दूर से सुरक्षा बलों को निशाना बनाने में मदद करता है. लेकिन सरकार उग्रवादियों के खिलाफ बल जुटाती रहेगी. बुधवार के हमले की जगह एक नक्सल हब हुआ करती थी, लेकिन इसे साफ कर दिया गया था. हालांकि देर रात कुछ फायरिंग हुई. हमें डर था कि नक्सली बड़ा हमला कर सकते हैं.
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लोकसभा सदस्य ने स्वीकार किया कि बुधवार का हमला 13 अप्रैल को जगदलपुर इलाके में सीएम बघेल द्वारा 'भरोसा रैली' आयोजित करने के बाद एक चौंकाने वाले दिन के रूप में आया था, जिसमें लगभग दो लाख लोग पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा का संबोधन सुनने के लिए एकत्र हुए थे. बैज ने कहा कि ये दो लाख लोग प्रियंका जी को सुनने आए थे. राज्य सरकार ने विभिन्न काउंटरों के माध्यम से बस्तर के अपने विकास पर प्रकाश डाला. लेकिन आज का हमला हम सभी के लिए स्तब्ध कर देने वाला है.