मुंबई : महाराष्ट्र के मंत्री व एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने आज पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया. नवाब मलिक ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि देवेंद्र फडणवीस हजारों करोड़ की उगाही में शामिल हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए अंडरवर्ल्ड के लोगों को बड़े पदों पर बैठाया. मलिक ने कहा, देश में पांच साल पहले नोटबंदी हुई. देश में 2000 और 500 के जाली नोट पकड़े जाने लगे, लेकिन महाराष्ट्र में एक साल तक राज्य में जाली नोट का एक भी मामला सामने नहीं आया, क्योंकि देवेंद्र फडणवीस के संरक्षण में जाली नोट का काम चल रहा था.
उन्होंने कहा कि 8 अक्टूबर 2017 को राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने BKC (बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स) में छापेमारी की जिसमें 14.56 करोड़ के जाली नोट पकड़े थे लेकिन जब्ती में 8.80 लाख रुपये दिखाए गए. देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले को रफा दफा कर दिया. जाली नोट चलाने वालों को तत्कालीन सरकार का संरक्षण था.' मलिक ने कहा कि जाली नोट का कारोबार ISI-पाकिस्तान-दाऊद वाया बांग्लादेश में फैलाया जाता है.
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उन्होंने ने कहा कि एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े से फडणवीस के अच्छे संबंध हैं, इसलिए वह उन्हें बचाने का काम कर रहे हैं. नवाब मलिक ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने अंडरवर्ल्ड के कई लोगों को पदों पर बैठाया. मलिक ने पूछा, 'नागपुर के गुंडे मुन्ना यादव को पद क्यों दिया? फडणवीस ने बांग्लादेशी हैदर आज़म को भारतीय नागरिक बनाने का काम किया और उन्हें पद दिया.' मलिक ने पूछा, 'आपके इशारे पर पूरे महाराष्ट्र में उगाही का काम हो रहा था या नहीं? बिल्डरों से वसूली हो रही थी या नहीं?'
इसीक्रम में नवाब मलिक ने कहा, 'देवेंद्र फडणवीस बताएं कि रियाज़ भाटी कौन है? वह जाली पासपोर्ट के साथ पकड़ा गया था. रियाज आपके साथ सभी कार्यक्रम में क्यों दिखाई आता था? वह देश के प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में कैसे जाता था? रियाज भाटी ने प्रधानमंत्री के साथ फोटो खिंचाई.' उन्होंने कहा, 'फडणवीस ने जाली नोट मामले को हल्का करने और हाजी अराफात के भाई को बचाने का काम किया है.'