चंडीगढ़ : पंजाब में एक बार फिर से ड्रग्स मामले को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि आज इस मामले की पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई थी. हालांकि सुनवाई से पहले ही कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर सीधे-सीधे न्यायपालिका के कार्य में दखल देने वाला बयान दे दिया. इसके बाद प्रदेश के सियासी नेता भी उनके इस तरह के ट्वीट को लेकर उन पर हमलावर हो गए.
सिद्धू ने ट्वीट कर क्या लिखा?
नवजोत सिंह सिद्धू ने आज ड्रग्स मामले की सुनवाई से पहले एक ट्वीट किया, जिसमें सिद्धू ने कहा कि पंजाब में नशे के व्यापार के पीछे के मुख्य चेहरे आज बेनकाब होंगे. इसके लिए ढाई साल सील बंद रहने के बाद एसटीएफ की रिपोर्ट खुलेगी. कोर्ट द्वारा नाम बताए जाने के बाद पंजाब की पीड़ित जवान और बच्चों को गंवा चुकी मां की पहली जीत होगी. सिद्धू ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि दोषियों को ऐसी सजा मिलेगी कि पीढ़ियों तक नशा को रोकने में मदद मिलेगी.
इस मामले पर क्या कहते हैं अकाली दल के नेता?
मामले में अकाली दल नेता दलजीत चीमा ने कहा कि सिद्धू को राजनीति की मर्यादा का पता नहीं है, ना ही सरकार का. सिद्धू न्यायपालिका को डायरेक्शन देने का काम कर रहे हैं और यह कहना चाह रहे हैं कि आज जो इस मामले को लेकर सुनवाई है, वह इस तरह से होनी चाहिए. यानी कहीं ना कहीं डायरेक्शन देते नजर आ रहे हैं, जबकि इतिहास में ऐसा किसी भी नेता ने नहीं किया होगा कि वह न्यायपालिका में चल रहे मामले पर इस तरीके से अपनी प्रतिक्रिया दें.
उन्होंने कहा कि सिद्धू का यह ट्वीट सीधा-सीधा न्यायालय के कार्य में दखल है और वह न्यायपालिका को इनफ्लुएंस करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि न्यायपालिका खुद सक्षम है कि उसे जो फैसला देना है वह देगी. सिद्धू को पार्टी अध्यक्ष रहते हुए इस तरीके से कोई भी ट्वीट नहीं करना चाहिए था और इससे न्यायपालिका का निरादर ही हुआ है.
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आम आदमी पार्टी के नेता ने भी दी अपनी प्रतिक्रिया?
इधर इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि सिद्धू इस तरह की ट्वीट करके सिर्फ राजनीति को चमका रहे हैं, जबकि यह मामला कोर्ट में है और कोर्ट को ही इस मामले में कोई फैसला देना है. उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल इनकी सरकार रही तब यह इस मामले में कुछ नहीं कर पाए और अब ट्वीट के जरिए अपने आप को बड़ा साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि मामला अभी कोर्ट में चल रहा है.
ऐसे में उन्हें इस तरह का ट्वीट भी नहीं करना चाहिए था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे अपनी ही सरकार पर निशाना साध रहे हैं ,और सिद्धू को अगर कुछ करना है तो वह जमीनी स्तर पर कोई काम करें.
इस मामले को लेकर कानून के जानकार क्या कहते हैं?
इस मामले को लेकर केंद्र सरकार के वकील सत्यपाल जैन ने कहा कि सिद्धू एक सांसद भी रह चुके हैं, विधायक भी और एक पार्टी के अध्यक्ष भी हैं. अगर उन्होंने इस तरह का कोई ट्वीट किया है, तो यह उनके विवेक को दर्शाता है. लेकिन अगर किसी को कोर्ट में अपनी बात कहनी है तो उसके लिए उन्हें कोर्ट में अर्जी देनी होती है.