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सिद्धू ने कोटकपूरा पुलिस गोलीबारी की घटना की जांच को लेकर पंजाब सरकार से सवाल किये - पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल

पंजाब में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी की सरकार को कटघड़े में खड़ा कर दिया. उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर कई प्रश्न उठाये.

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Published : Nov 8, 2021, 4:51 PM IST

चंडीगढ़: कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को राज्य में अपनी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि 2015 में हुई कोटकपूरा पुलिस गोलीबारी की घटना में आरोप पत्र कहां है ? सिद्धू ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि कोटकपूरा घटना की जांच छह महीने के भीतर पूरी कर ली जानी चाहिए. उन्होंने पूछा, 'आज छह महीने और एक दिन बीत गया. (मामले में) आरोप पत्र कहां हैं?'

उन्होंने यह भी पूछा कि गोलीबारी की घटना के एक आरोपी पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी को मिली जमानत के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका क्यों नहीं दायर की गई ? उच्च न्यायालय ने अप्रैल में पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा 2015 कोटकपूरा में सिख प्रदर्शनकारियों की एक सभा में हुई गोलीबारी संबंधी घटना की जांच को रद्द कर दिया था. सिख प्रदर्शनकारी उस वर्ष फरीदकोट में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. अदालत ने तत्कालीन आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह की अध्यक्षता वाली एसआईटी जांच को रद्द कर दिया था. बाद में उन्होंने समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली थी.

ये भी पढ़ें-क्रूज ड्रग्स मामला : नवाब मलिक ने वानखेड़े की साली पर लगाए आरोप, क्रांति रेडकर ने दिया जवाब

उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सात मई को नई एसआईटी का गठन किया गया था. कोटकपूरा गोलीबारी की घटना की जांच के लिए नई एसआईटी का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एल के यादव ने किया. राज्य में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं और इसके बाद 2015 में फरीदकोट में इस मुद्दे पर विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस गोलीबारी से संबंधित घटनाएं हुई थी. पुलिस गोलीबारी की एक घटना कोटकपूरा में और दूसरी फरीदकोट के बहबल कलां में हुई थी. सिद्धू राज्य के महाधिवक्ता ए पी एस देओल और कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक आई पी एस सहोता की नियुक्ति का विरोध करते रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

चंडीगढ़: कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को राज्य में अपनी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि 2015 में हुई कोटकपूरा पुलिस गोलीबारी की घटना में आरोप पत्र कहां है ? सिद्धू ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि कोटकपूरा घटना की जांच छह महीने के भीतर पूरी कर ली जानी चाहिए. उन्होंने पूछा, 'आज छह महीने और एक दिन बीत गया. (मामले में) आरोप पत्र कहां हैं?'

उन्होंने यह भी पूछा कि गोलीबारी की घटना के एक आरोपी पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी को मिली जमानत के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका क्यों नहीं दायर की गई ? उच्च न्यायालय ने अप्रैल में पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा 2015 कोटकपूरा में सिख प्रदर्शनकारियों की एक सभा में हुई गोलीबारी संबंधी घटना की जांच को रद्द कर दिया था. सिख प्रदर्शनकारी उस वर्ष फरीदकोट में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. अदालत ने तत्कालीन आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह की अध्यक्षता वाली एसआईटी जांच को रद्द कर दिया था. बाद में उन्होंने समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली थी.

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उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सात मई को नई एसआईटी का गठन किया गया था. कोटकपूरा गोलीबारी की घटना की जांच के लिए नई एसआईटी का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एल के यादव ने किया. राज्य में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं और इसके बाद 2015 में फरीदकोट में इस मुद्दे पर विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस गोलीबारी से संबंधित घटनाएं हुई थी. पुलिस गोलीबारी की एक घटना कोटकपूरा में और दूसरी फरीदकोट के बहबल कलां में हुई थी. सिद्धू राज्य के महाधिवक्ता ए पी एस देओल और कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक आई पी एस सहोता की नियुक्ति का विरोध करते रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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