नई दिल्ली : कांग्रेस पंजाब ईकाइ के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने हाल ही में किसान संगठनों के साथ हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री पंजाब (Punjab Chief Minister) अमरिंद्र सिंह को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने पंजाब में किसानों के मुद्दों को गंभीरता से लेने की बात कही है. किसानों को यह दिखाने की कि सरकार उनके हक में हैं और उनके बारे में सोचती है, इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री से कुछ मुख्य मुद्दों पर ध्यान देने की अपील की.
मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में आंदोलन के दौरान हिंसा के मामलों में किसानों के विरुद्ध जो एफआईआर दर्ज कराए गए हैं, उन्हें रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज नाजायज एफआईआर को रद्द किया जाए. बता दें कि पंजाब में किसानों पर पिछले एक साल में आंदोलन के दौरान 183 मामले दर्ज किए गए हैं. जिसमें सबसे ज्यादा मामले संगरूर, बरवाला, मानसा और मोगा में है.
सिद्धू ने जमाबंदी को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने पत्र में कहा कि किसानों की जमीन की जमाबंदी करना गलत है, क्योंकि इससे ठेके पर जमीन लेकर काम करने वाले किसानों को नुकसान होगा. जमाबंदी देने से छोटे किसानों को बार-बार पटवारी के चक्कर लगाने पड़ेंगे और इसके अलावा जो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सरकार की तरफ से उनके खातों में आना है, वह भी जमीन के असली मालिकों के खातों में ही आएंगे.
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इसके इलावा सभी किसानों और खेत मजदूरों का कर्जा माफी की भी उन्होंने मांग की है.
आपको बता दें, किसानों पर कुल 90000 करोड़ का कर्ज था, जिसमें से 5810 करोड़ 2019 में सरकार आवंटित कर चुकी है. 520 करोड़ खेती मजदूरों और लैंड लेस किसानों का कर्ज माफ किया था. अभी 1,23,0000 करोड़ कर्जा किसानों का कर्जा है.
अपने पत्र में सिद्धू ने किसानों की आमदन दोगुनी करने की अपील की है. इसके अलावा गेहूं और धान पर एमएसपी तो दी जा रही है, बाकी फसलें जिसमें मक्का, कपास और दालों की भी एमएसपी सरकार दे. उन्होंने कहा कि यह भी लंबे समय से किसानों की मांग है और इस पर पंजाब सरकार को विचार करना चाहिए. वहीं, गन्ने की स्टेट ऑथराइज्ड प्राइस के तहत ली जाती है.
उन्होंने पत्र में कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे किसानों के साथ पंजाब सरकार चट्टान की तरह खड़ी है. इस बात को ध्यान में रखकर हमें दिखाना भी चाहिए.