भरतपुर: नेटफ्लिक्स पर स्वांग और नौटंक की अब तक कल्पना तक नहीं की गई थी. लेकिन अब ये संभव हो रहा है. प्रोफेसर डॉक्टर देवेंद्र शर्मा (nautanki and swang of Bharatpur) को खुद नेटफ्लिक्स की ओर से सीरीज तैयार करने के लिए संपर्क किया गया है. महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के प्रथम यूथ महोत्सव में भाग लेने पहुंचे रामदयाल शर्मा ने बताया कि लोककला को ओटीटी के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक पहुंचाया जा सकेगा.
नेटफ्लिक्स के लिए नौटंकी सीरीज: रामदयाल शर्मा ने बताया कि आजकल ओटीटी, नेटफ्लिक्स के जमाने में नौटंकी जैसी विधा को जीवित रखना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है. हाल ही में नेटफ्लिक्स ने हमसे नौटंकी पर सीरीज तैयार करने के लिए संपर्क (nautanki and swang on OTT Platform) किया है. कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए के संचार एवं प्रदर्शन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने बताया कि सिर्फ मंच के माध्यम से युवाओं तक नहीं पहुंचा जा सकता. नौटंकी और स्वांग को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का नेटफ्लिक्स और ओटीटी अच्छा माध्यम है. इसलिए अपनी इस लोक कला को ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक पहुंचाने के लिए हम नेटफ्लिक्स के लिए नौटंकी और स्वांग पर सीरीज तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं, जो कि जल्द ही देखने को मिलेंगी.
इंडियन ओपेरा है नौटंकी: प्रोफेसर देवेंद्र शर्मा ने बताया कि उनके पिता रामदयाल शर्मा जब नौटंकी (nautanki and swang on OTT Platform) किया करते थे तो रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक नौटंकी जारी रहती थी. उन्होंने कहा कि एक तरह से नौटंकी इंडियन ओपेरा है. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि वेस्टर्न यूरोप में जर्मनी, इंग्लैंड में ओपेरा की एक-एक टिकट 500-500 डॉलर की बिकती है. लेकिन हमारे पास में इतना कीमती ओपेरा है और हम उसकी कीमत नहीं समझ पा रहे.
युवाओं के लिए प्रशिक्षण की जरूरत: एक सवाल के जवाब में रामदयाल शर्मा ने कहा कि युवाओं को नौटंकी से जुड़ने के लिए सबसे पहले उन्हें सही प्रशिक्षण मिलना जरूरी है. साथ ही दर्शकों को सही चीज दिखाई जाए तो उसका लोगों और युवाओं में इंट्रेस्ट पैदा होगा. पद्मश्री रामदयाल शर्मा ने बताया कि जब वो भरतपुर क्षेत्र से निकलकर इस मुकाम तक पहुंच सकते हैं, तो यहां की और प्रतिभाएं भी दुनिया में नाम रोशन कर सकती हैं. ऐसी ही स्थानीय प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए वो कुछ करना चाहते हैं और इसको लेकर स्थानीय जिला कलेक्टर से उनकी चर्चा भी हुई है. मुझे सरकार की तरफ से सहयोग मिले तो प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने की मेरी इच्छा है.
अलग से नौटंकी सेंटर बने: रामदयाल शर्मा और देवेंद्र शर्मा ने कहा कि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा जैसी संस्था के लिए सरकार बहुत फंड देती है लेकिन हम चाहते हैं कि सरकार अलग से नौटंकी सेंटर या संगीत केंद्र बनाए. ताकि लोककलाकारों को एक मंच मिल सके. देवेंद्र शर्मा ने कहा कि लोक कलाओं के लिए एक उचित मंच नहीं होने की वजह से आजकल युवा लोक कलाकार वॉइस ऑफ इंडिया जैसे अलग-अलग मंचों के माध्यम से पहचान बनाने का प्रयास करते हैं.