रायगढ़: ऐतिहासिक रामलीला मैदान में तीन दिवसीय राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया गया है. तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार दोपहर 3 बजे करेंगे. खास बात यह है कि महोत्सव की थीम रामायण के अरण्य कांड पर आधारित है. यही वजह है कि मंच को भी अरण्य कांड की थीम पर सजाया गया है.
अरण्यकांड की थीम पर महोत्सव: रामायण महोत्सव में अरण्य कांड पर आधारित रामकथा की प्रस्तुति राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय दल करेंगे. अरण्य कांड तुलसीदास कृत रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण का ऐसा हिस्सा है, जिसमें भगवान श्रीराम के वनवास के दिनों का वृतांत है. भगवान राम के साथ वनवास के दौरान माता सीता और लक्ष्मण भी साथ थे.
छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पथ: छत्तीसगढ़ में ऐसी 9 पुण्यभूमि हैं, जो राम वनगमन परिपथ में शामिल हैं. इस पथ से श्रीराम गुजरे थे. दंडक वन में हुई इन घटनाओं को वाल्मीकि रामायण और इसके बाद अनेक भाषाओं में लिखी गई रामायण में अंकित किया गया है.
अंतरराज्यीय रामायण मंडलियों के बीच प्रतियोगिता: रामकथा की बहुत सुंदर प्रस्तुति भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कलारूपों में होती है. विभिन्न राज्यों में कुछ रामायण मंडलियों ने अपनी खास प्रस्तुति से अपना अलग ही मुकाम बनाया है. अरण्य कांड पर इनकी भव्य प्रस्तुति आयोजन की सबसे खास विशेषता होगी. पहले दिन यानी 1 जून को अरण्य कांड पर उत्तराखंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ राज्यों में प्रतियोगिता होगी. दूसरे दिन झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा, असम, हिमाचल प्रदेश, गोवा और छत्तीसगढ़ राज्य के बीच प्रतियोगिता होगी. समापन समारोह पर विजेता दलों को पुरस्कृत किया जाएगा.
कंबोडिया और इंडोनेशिया के दल देंगे प्रस्तुति: महोत्सव के दौरान रामकथा का विस्तृत फलक दर्शकों को देखने को मिलेगा. रामायण महोत्सव में इंडोनेशिया और कंबोडिया के रामायण दल भी शामिल हो रहे हैं. इंडोनेशिया और कंबोडिया में फैले राम कथा के विविध रूपों की झलक दिखेगी. इन देशों के कलाकारों ने अपने खास कलारूपों में अपनी धरोहर को अब तक कायम रखा है.
सामूहिक हनुमान चालीसा का होगा पाठ: रामायण महोत्सव के दौरान तीन दिन तक सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ होगा. समापन समारोह के दिन केलो महाआरती और दीपदान का आयोजन भी होगा. कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के बाद हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ होगा. हनुमान चालीसा का पाठ स्थानीय कलाकारों और पुरोहितों के द्वारा किया जाएगा. इस मौके पर विदेशी और अंतरराज्यीय कलाकार मार्च पास्ट भी करेंगे.
ये है तीनों दिन के कल्चरल प्रोग्राम की डिटेल: समारोह के पहले दिन राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इंडियन आइडल कलाकार शण्मुख प्रिया और सारेगामा फेम शरद शर्मा अपनी प्रस्तुति देंगे. कार्यक्रम के दूसरे दिन बाबा हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह लक्खा भजन संध्या की प्रस्तुति करेंगे. समापन समारोह के दिन मैथिली ठाकुर भजन संध्या की प्रस्तुति करेंगी. अंतिम कार्यक्रम कुमार विश्वास का अपने-अपने राम म्यूजिक नाइट होगा.