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राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम तकनीकी शिक्षा को बनाएगा मजबूत : निशंक

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम गठित करने का मकसद देश में तकनीकी शिक्षा को मजबूत बनाने के साथ ही उद्योगों की जरूरतों को पूरा करना है.

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Published : Dec 31, 2020, 3:51 PM IST

रमेश पोखरियाल निशंक
रमेश पोखरियाल निशंक

नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम गठित करने का मकसद देश में तकनीकी शिक्षा को मजबूत बनाने के साथ ही उद्योगों की जरूरतों को पूरा करना है. मोतीलाल नेहरू इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद के दीक्षांत समारोह को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए निशंक ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से देश में शिक्षा के परिदृश्य में आमूलचूल बदलाव किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि अब हमें ऐसी व्यवस्था बनानी है, जहां सिर्फ नौकरी करने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला वर्ग तैयार करना है. उन्होंने कहा कि इसी के अनुरूप राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम गठित किया जा रहा है, ताकि उद्योगों की जरूरतों के अनुसार हम छात्रों को पढ़ाएं और छात्रों को 50 प्रतिशत इंटर्नशिप की सुविधा मिले.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, 'हम नेशनल रिसर्च फाउंडेशन गठित कर शोध और अनुसंधान को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा हम उद्योगों एवं इन प्रौद्योगिकी से जुड़ी शैक्षणिक संस्थानों को साथ जोड़ते हुए इसके आधार पर पाठ्यक्रम तैयार करेंगे. 'निशंक ने साथ ही कहा कि नई नीति के तहत छठी कक्षा से ही व्यवसायिक शिक्षा के साथ इंटर्नशिप को जोड़ रहे हैं, ताकि स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद छात्र कौशल सम्पन्न बन सकें. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति समानता एवं भारत की जरूरतों पर आधारित है और इसकी प्रकृति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत, स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पेश करने वाला पहला देश होगा. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति ऐसी है कि एक छात्र न केवल पढ़ाई करेगा, बल्कि उसे अन्य क्षेत्रों में भी अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि हमने 'स्टडी इन इंडिया' कार्यक्रम शुरू किया है और दुनिया भर से छात्रों को भारत में पढ़ाई करने के लिये आमंत्रित कर रहे हैं. हमारे आईआईटी में छात्र शोध करने के लिये भी आ रहे हैं.

पढ़ें: भारत में रूकें और पढ़ें' के तहत 100 वैश्विक संस्थाओं से गठजोड़ संभव : शिक्षा मंत्री

निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश के युवाओं के बौद्धिक विकास के लिए एक नया खाका पेश करती है, जिससे वे तेजी से बदलते विश्व की चुनौतियों से निपट सकें. उन्होंने उम्मीद जताई कि एनईपी-2020 के लागू होने से विद्यार्थियों को मजबूती मिलेगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सोच देश को 5000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत बनाने की है.

नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम गठित करने का मकसद देश में तकनीकी शिक्षा को मजबूत बनाने के साथ ही उद्योगों की जरूरतों को पूरा करना है. मोतीलाल नेहरू इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद के दीक्षांत समारोह को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए निशंक ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से देश में शिक्षा के परिदृश्य में आमूलचूल बदलाव किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि अब हमें ऐसी व्यवस्था बनानी है, जहां सिर्फ नौकरी करने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला वर्ग तैयार करना है. उन्होंने कहा कि इसी के अनुरूप राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम गठित किया जा रहा है, ताकि उद्योगों की जरूरतों के अनुसार हम छात्रों को पढ़ाएं और छात्रों को 50 प्रतिशत इंटर्नशिप की सुविधा मिले.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, 'हम नेशनल रिसर्च फाउंडेशन गठित कर शोध और अनुसंधान को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा हम उद्योगों एवं इन प्रौद्योगिकी से जुड़ी शैक्षणिक संस्थानों को साथ जोड़ते हुए इसके आधार पर पाठ्यक्रम तैयार करेंगे. 'निशंक ने साथ ही कहा कि नई नीति के तहत छठी कक्षा से ही व्यवसायिक शिक्षा के साथ इंटर्नशिप को जोड़ रहे हैं, ताकि स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद छात्र कौशल सम्पन्न बन सकें. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति समानता एवं भारत की जरूरतों पर आधारित है और इसकी प्रकृति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत, स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पेश करने वाला पहला देश होगा. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति ऐसी है कि एक छात्र न केवल पढ़ाई करेगा, बल्कि उसे अन्य क्षेत्रों में भी अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि हमने 'स्टडी इन इंडिया' कार्यक्रम शुरू किया है और दुनिया भर से छात्रों को भारत में पढ़ाई करने के लिये आमंत्रित कर रहे हैं. हमारे आईआईटी में छात्र शोध करने के लिये भी आ रहे हैं.

पढ़ें: भारत में रूकें और पढ़ें' के तहत 100 वैश्विक संस्थाओं से गठजोड़ संभव : शिक्षा मंत्री

निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश के युवाओं के बौद्धिक विकास के लिए एक नया खाका पेश करती है, जिससे वे तेजी से बदलते विश्व की चुनौतियों से निपट सकें. उन्होंने उम्मीद जताई कि एनईपी-2020 के लागू होने से विद्यार्थियों को मजबूती मिलेगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सोच देश को 5000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत बनाने की है.

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