पलक्कड़ (केरल) : 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की आज घोषणा कर दी गई है. इसमें सर्वश्रेष्ठ महिला प्लेबैक गायक का पुरस्कार नंचियाम्मा (Nanchiyamma) को मलयालम फिल्म एके अयप्पनम कोशियुम के लिए दिया गया है. आदिवासी गीत के साथ पार्श्व गायन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली पहली आदिवासी महिला हैं. नंचियाम्मा को अभी भी समझ नहीं आ रहा है कि राष्ट्रीय पुरस्कार उनके लिए क्या मायने रखता है.
बारिश के मौसम में अट्टापदी के गांव में अपनी झोपड़ी में बैठी नंचियाम्मा ने कहा कि उसके पास कहने के लिए केवल एक ही मुख्य बात है कि मैं इस पुरस्कार को सची सर (निर्देशक के आर सच्चिदानंदन, जिन्हें सची के नाम से जाना जाता है) को समर्पित करती हूं. उन्होंने बताया कि मैं यहां पहाड़ियों पर बकरियां और गाय चराती थी. मेरे बारे में या अट्टापदी के गीतों के बारे में कोई नहीं जानता था. सची सर ने मुझे बाहर निकाला और लोगों को मेरे और हमारे संगीत के बारे में पता चला. उन्होंने कहा कि मैं सची सर के लिए यह पुरस्कार सहर्ष स्वीकार करूंगी.
फिल्म अयप्पनम कोशियुम के उद्घाटन से लेकर फिल्म के अंत तक आदिवासी ताल वाद्य यंत्रों के साथ नंचियाम्मा की लयबद्ध आवाज एक प्रभावशाली प्लेबैक थी. नंचियाम्मा का गायन फिल्म के देहाती स्थान को उसके विषय के करीब लाता है. अब जबकि जब नंचियाम्मा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी, तो इससे संभवत: देश की जनजातीय और देहाती संगीत परंपरा को मुख्यधारा के लिए मार्ग प्रशस्त होगा. नंचियाम्मा उन संगीतकारों के लिए एक ट्रेंडसेटर हो सकती हैं जो ऐसी अप्रशिक्षित लेकिन भावपूर्ण प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए देश में लोक संगीत के छिपे हुए खजाने की खोज कर सकते हैं.
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