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नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्‍सीन को आपात स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की अनुमति: सीडीएससीओ - Nasal corona vaccine

केंद्रीय मंत्री डॉक्‍टर जितेन्‍द्र सिंह ने दिल्‍ली में जैवप्रौद्योगिकी विभाग की स्‍वायत्‍त संस्‍थानों की सोसाइटी की बैठक में यह बात कही. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वैक्‍सीन के विकास और क्‍लीनिकल परीक्षण को मिशन कोविड सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत जैवप्रौद्योगिकी विभाग और जैवप्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद–बीआईआरएसी ने वित्‍त पोषित किया था.

Nasal vaccine allowed for restricted use in emergency
नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्‍सीन को आपात स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की अनुमति
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Published : Dec 2, 2022, 8:29 AM IST

नई दिल्ली : भारत द्वारा विकसित विश्‍व की पहली कोविडरोधी नाक से दी जाने वाली वैक्‍सीन को 18 वर्ष और इससे अधिक आयु वर्ग के लिए आपात स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने अनुमति दे दी है. केंद्रीय मंत्री डॉक्‍टर जितेन्‍द्र सिंह ने दिल्‍ली में जैवप्रौद्योगिकी विभाग की स्‍वायत्‍त संस्‍थानों की सोसाइटी की बैठक में यह बात कही. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वैक्‍सीन के विकास और क्‍लीनिकल परीक्षण को मिशन कोविड सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत जैवप्रौद्योगिकी विभाग और जैवप्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद–बीआईआरएसी ने वित्‍त पोषित किया था.

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उन्‍होंने कहा कि मिशन कोविड सुरक्षा के माध्‍यम से भारत के प्रयासों ने न केवल आत्‍मनिर्भर भारत को सशक्‍त बनाया है, बल्कि भारत का वैक्‍सीन विकास और विनिर्माण केंद्र के विश्‍वव्‍यापी दर्जे का आधार बनाया है. केंद्रीय मंत्री ने जैवप्रौद्योगिकी संस्‍थानों की 14 सोसाइटियों के सुविधाजनक काम-काज, लागत में कमी और समेकित कार्य के हित में एक सोसाइटी के रूप में विलय के फैसले की जानकारी भी दी.

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नई दिल्ली : भारत द्वारा विकसित विश्‍व की पहली कोविडरोधी नाक से दी जाने वाली वैक्‍सीन को 18 वर्ष और इससे अधिक आयु वर्ग के लिए आपात स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने अनुमति दे दी है. केंद्रीय मंत्री डॉक्‍टर जितेन्‍द्र सिंह ने दिल्‍ली में जैवप्रौद्योगिकी विभाग की स्‍वायत्‍त संस्‍थानों की सोसाइटी की बैठक में यह बात कही. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वैक्‍सीन के विकास और क्‍लीनिकल परीक्षण को मिशन कोविड सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत जैवप्रौद्योगिकी विभाग और जैवप्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद–बीआईआरएसी ने वित्‍त पोषित किया था.

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उन्‍होंने कहा कि मिशन कोविड सुरक्षा के माध्‍यम से भारत के प्रयासों ने न केवल आत्‍मनिर्भर भारत को सशक्‍त बनाया है, बल्कि भारत का वैक्‍सीन विकास और विनिर्माण केंद्र के विश्‍वव्‍यापी दर्जे का आधार बनाया है. केंद्रीय मंत्री ने जैवप्रौद्योगिकी संस्‍थानों की 14 सोसाइटियों के सुविधाजनक काम-काज, लागत में कमी और समेकित कार्य के हित में एक सोसाइटी के रूप में विलय के फैसले की जानकारी भी दी.

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