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आनंद गिरि : विवादों से रहा है पुराना नाता, जानने के लिए पढ़ें खबर

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Published : Sep 20, 2021, 7:29 PM IST

Updated : Sep 21, 2021, 1:56 PM IST

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों मौत के मामले में लगभग डेढ़ घंटे की पूछताछ के बाद उनके शिष्य आनंद गिरि को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि आनंद गिरि का विवादों से पुराना नाता रहा है. इससे पहले भी आनंद गिरि कारनामों की वजह से चर्चा में रहे हैं. आइए जानते हैं..

narendra giri
narendra giri

प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके शिष्य आनंद गिरि सुर्खियों में हैं. महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में उन पर संदेह जताया जा रहा है. क्योंकि बीते दिनों गुरु और शिष्य अनबन की खबरें आई थीं. महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद पुलिस ने आनंद गिरि के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के शव के पास से लगभग 6-7 पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. पुलिस के मुताबिक, सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि का जिक्र है. सुसाइड नोट के मुताबिक शिष्य पर प्रताड़ना का आरोप है.

विवादों से रहा है पुराना नाता
बता दें कि आनंद गिरि का विवादों से पुराना नाता रहा है. इससे पहले भी आनंद गिरि कारनामों की वजह से चर्चा में रहे हैं. इससे महंत नरेंद्र गिरि और आनंद के बीच दूरी बढ़ती गईं. ऐसा भी कहा जा रहा है कि आनंद लगातार संत समाज के नियमों का उल्लंघन करते थे, जो नरेंद्र गिरि समेत अन्य महंतो के लिए परेशानी का सबब बन गया था.

पंचायती अखाड़ा ने आनंद को किया था निष्कासित
इससे पहले आनंद गिरि को परिवार के संपर्क में रहने के कारण निरंजनी अखाड़े के श्री पंचायती अखाड़ा ने निष्कासित कर दिया था. निरंजनी अखाड़े के श्री पंचायती अखाड़ा ने बताया था कि आनंद 'संन्यास' की परंपराओं के खिलाफ थे, जिसके कारण उन्हें निष्कासित किया गया है. निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने आनंद गिरि पर वित्तीय अनियमितताओं का भी आरोप लगाया था.

गुरु और शिष्य के बीच मतभेद
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद कार्रवाई की गई थी. महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य होने के कारण आनंद गिरि का अपनी बिरादरी के भीतर और भक्तों के बीच बहुत दबदबा था, लेकिन कुछ महीने पहले गुरु और शिष्य के बीच मतभेद पैदा हो गए थे. बता दें कि आनंद गिरि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के एक गांव के रहने वाले हैं.

ऑस्ट्रेलिया में दो महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोप
2019 में ऑस्ट्रेलिया में आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया था. उनपर दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगे थे. उनके खिलाफ महिलाओं ने शिकायत की दर्ज करवाई थी. जिसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इतना ही नहीं उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी थी. इस घटना के बाद उनके खूब आलोचना हुई थी इसके अलावा उनके चरित्र पर भी सवाल उठे थे. हालांकि, उस समय महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि का बचाव किया था.

फोटो पर भी खड़े हुए थे सवाल
2020 में, आनंद गिरि की एक फोटो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुई थी. फोटो में आनंद विमान की बिजनेस क्लास में बैठे हुए थे. उनके सामने होल्डर पर एक ग्लास रखा हुआ था, ऐसा कहा जा रहा था कि उनमें शराब रखी हुई है. इस फोटो के वायरल होने के बाद आनंद को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. हालांकि, आनंद गिरि ने सफाई देते हुए कहा था कि ग्लास में शराब नहीं एप्पल की जूस था, मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है.

18 साल पहले नरेंद्र गिरि से मिले थे आनंद
वह करीब 18 साल पहले नरेंद्र गिरि से मिले थे और उनके शिष्य बने. उन्होंने अखाड़े में अंग्रेजी के साथ संस्कृत, वेद और योग सीखा. महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि 'आनंद गिरि ने अपने पूरे परिवार को नासिक, उज्जैन, प्रयागराज और हरिद्वार कुंभ में बुलाया, जबकि हमारे अखाड़े की परंपरा के मुताबिक पारिवारिक संबंध नहीं बनाए जा सकते.'

उन्होंने कहा था कि 'माता-पिता का सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन अखाड़े की एक परंपरा है. वह कई चेतावनियों के बाद भी नियम तोड़ रहे थे और इस तरह उसे पहले बाघंबरी मठ से हटा दिया गया और फिर अखाड़े से निकाल दिया गया.'

पढ़ेंः अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

हनुमान मंदिर के धन के दुरुपयोग के भी आरोप
आनंद गिरि द्वारा बड़े हनुमान मंदिर में धन के दुरुपयोग की भी शिकायतें थीं. निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर द्वारा शिकायतों की जांच की गई और आरोप सही पाए गए. आनंद गिरि ने कहा कि उनके गुरु नरेंद्र गिरि को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है और वह उनका और उनके शब्दों का सम्मान करते रहेंगे.

हालांकि आनंद गिरि ने यूपी और उत्तराखंड पुलिस को पत्र लिखकर अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि उनकी कभी भी हत्या की जा सकती है. उन्होंने यह भी कहा था कि एक बड़ी साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया है और उनकी सुरक्षा छीन ली गई है. निष्कासन के सवाल पर आनंद गिरि ने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि यह निष्कासन किस आधार पर हुआ है और बोलने के लिए सही समय का इंतजार करेंगे.

आपको बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि ने अपने मठ बाघंबरी गद्दी में सोमवार शाम कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी

(आईएएनएस)

प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके शिष्य आनंद गिरि सुर्खियों में हैं. महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में उन पर संदेह जताया जा रहा है. क्योंकि बीते दिनों गुरु और शिष्य अनबन की खबरें आई थीं. महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद पुलिस ने आनंद गिरि के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के शव के पास से लगभग 6-7 पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. पुलिस के मुताबिक, सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि का जिक्र है. सुसाइड नोट के मुताबिक शिष्य पर प्रताड़ना का आरोप है.

विवादों से रहा है पुराना नाता
बता दें कि आनंद गिरि का विवादों से पुराना नाता रहा है. इससे पहले भी आनंद गिरि कारनामों की वजह से चर्चा में रहे हैं. इससे महंत नरेंद्र गिरि और आनंद के बीच दूरी बढ़ती गईं. ऐसा भी कहा जा रहा है कि आनंद लगातार संत समाज के नियमों का उल्लंघन करते थे, जो नरेंद्र गिरि समेत अन्य महंतो के लिए परेशानी का सबब बन गया था.

पंचायती अखाड़ा ने आनंद को किया था निष्कासित
इससे पहले आनंद गिरि को परिवार के संपर्क में रहने के कारण निरंजनी अखाड़े के श्री पंचायती अखाड़ा ने निष्कासित कर दिया था. निरंजनी अखाड़े के श्री पंचायती अखाड़ा ने बताया था कि आनंद 'संन्यास' की परंपराओं के खिलाफ थे, जिसके कारण उन्हें निष्कासित किया गया है. निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने आनंद गिरि पर वित्तीय अनियमितताओं का भी आरोप लगाया था.

गुरु और शिष्य के बीच मतभेद
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद कार्रवाई की गई थी. महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य होने के कारण आनंद गिरि का अपनी बिरादरी के भीतर और भक्तों के बीच बहुत दबदबा था, लेकिन कुछ महीने पहले गुरु और शिष्य के बीच मतभेद पैदा हो गए थे. बता दें कि आनंद गिरि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के एक गांव के रहने वाले हैं.

ऑस्ट्रेलिया में दो महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोप
2019 में ऑस्ट्रेलिया में आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया था. उनपर दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगे थे. उनके खिलाफ महिलाओं ने शिकायत की दर्ज करवाई थी. जिसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इतना ही नहीं उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी थी. इस घटना के बाद उनके खूब आलोचना हुई थी इसके अलावा उनके चरित्र पर भी सवाल उठे थे. हालांकि, उस समय महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि का बचाव किया था.

फोटो पर भी खड़े हुए थे सवाल
2020 में, आनंद गिरि की एक फोटो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुई थी. फोटो में आनंद विमान की बिजनेस क्लास में बैठे हुए थे. उनके सामने होल्डर पर एक ग्लास रखा हुआ था, ऐसा कहा जा रहा था कि उनमें शराब रखी हुई है. इस फोटो के वायरल होने के बाद आनंद को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. हालांकि, आनंद गिरि ने सफाई देते हुए कहा था कि ग्लास में शराब नहीं एप्पल की जूस था, मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है.

18 साल पहले नरेंद्र गिरि से मिले थे आनंद
वह करीब 18 साल पहले नरेंद्र गिरि से मिले थे और उनके शिष्य बने. उन्होंने अखाड़े में अंग्रेजी के साथ संस्कृत, वेद और योग सीखा. महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि 'आनंद गिरि ने अपने पूरे परिवार को नासिक, उज्जैन, प्रयागराज और हरिद्वार कुंभ में बुलाया, जबकि हमारे अखाड़े की परंपरा के मुताबिक पारिवारिक संबंध नहीं बनाए जा सकते.'

उन्होंने कहा था कि 'माता-पिता का सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन अखाड़े की एक परंपरा है. वह कई चेतावनियों के बाद भी नियम तोड़ रहे थे और इस तरह उसे पहले बाघंबरी मठ से हटा दिया गया और फिर अखाड़े से निकाल दिया गया.'

पढ़ेंः अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

हनुमान मंदिर के धन के दुरुपयोग के भी आरोप
आनंद गिरि द्वारा बड़े हनुमान मंदिर में धन के दुरुपयोग की भी शिकायतें थीं. निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर द्वारा शिकायतों की जांच की गई और आरोप सही पाए गए. आनंद गिरि ने कहा कि उनके गुरु नरेंद्र गिरि को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है और वह उनका और उनके शब्दों का सम्मान करते रहेंगे.

हालांकि आनंद गिरि ने यूपी और उत्तराखंड पुलिस को पत्र लिखकर अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि उनकी कभी भी हत्या की जा सकती है. उन्होंने यह भी कहा था कि एक बड़ी साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया है और उनकी सुरक्षा छीन ली गई है. निष्कासन के सवाल पर आनंद गिरि ने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि यह निष्कासन किस आधार पर हुआ है और बोलने के लिए सही समय का इंतजार करेंगे.

आपको बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि ने अपने मठ बाघंबरी गद्दी में सोमवार शाम कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी

(आईएएनएस)

Last Updated : Sep 21, 2021, 1:56 PM IST
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