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चीनी नागरिकों के वतन वापसी मामले में स्थिति स्पष्ट करे सरकार : हाईकोर्ट - नैनीताल हाई कोर्ट लेटेस्ट न्यूज

चीनी नागरिकों की याचिका पर कोर्ट ने फिलहाल उनको कोई राहत न देते हुए अगली सुनवाई की तिथि एक सप्ताह बाद तय की है. साथ ही इस मामले में सरकार को सोमवार तक अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

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Published : Dec 21, 2021, 8:47 PM IST

नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चार चीनी नागरिकों के अपने वतन वापसी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मामले में सरकार को सोमवार तक अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

बता दें कि चार चीनी नागरिक वांग गुवांग, शू जेन, निहेपैंग, और लियोजीनकांग साल 2018 में भारत घूमने के लिए आये थे. जिन्हें मुम्बई पुलिस ने सोने की तस्करी के आरोप में बंदी बना लिया था. जिसके बाद इन लोगों को महाराष्ट्र हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया था.

वहीं, साल 2019 में उत्तराखंड पुलिस ने इन्हें बनबसा में गिरफ्तार कर लिया. साथ ही इन पर आरोप लगाया कि ये बनबसा के रास्ते नेपाल जा रहे थे और इनके पास भारत की फर्जी वोटर आईडी है. ऐसे में उत्तराखंड पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 120बी 467 में फर्जी वोटर आईडी बनाने के आरोप में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. जिसके बाद निचली अदालत ने भी इस मामले में इनकी जमानत याचिका निरस्त कर दी थी.

इसके बाद चीनी नागरिकों ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में जमानत हेतु प्रार्थना पत्र दिया था. पूर्व में हाईकोर्ट ने इनकी जमानत मंजूर कर कहा था कि चारों अभियुक्त हर सप्ताह बनबसा थाने में अपनी हाजिरी देंगे. ऐसे में अब चारों अभियुक्तों ने अपने वतन वापसी को लेकर याचिका दायर की है. जिसको सुनने के बाद कोर्ट ने फिलहाल उनको कोई राहत न देते हुए अगली सुनवाई की तिथि एक सप्ताह बाद तय की है. साथ ही इस मामले में सरकार को सोमवार तक अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

पढ़ेंः बीएसएफ के बर्खास्त जवान ने अजय मिश्रा टेनी और डिप्टी सीएम मौर्य पर FIR दर्ज करने की मांग की, SC में याचिका

नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चार चीनी नागरिकों के अपने वतन वापसी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मामले में सरकार को सोमवार तक अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

बता दें कि चार चीनी नागरिक वांग गुवांग, शू जेन, निहेपैंग, और लियोजीनकांग साल 2018 में भारत घूमने के लिए आये थे. जिन्हें मुम्बई पुलिस ने सोने की तस्करी के आरोप में बंदी बना लिया था. जिसके बाद इन लोगों को महाराष्ट्र हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया था.

वहीं, साल 2019 में उत्तराखंड पुलिस ने इन्हें बनबसा में गिरफ्तार कर लिया. साथ ही इन पर आरोप लगाया कि ये बनबसा के रास्ते नेपाल जा रहे थे और इनके पास भारत की फर्जी वोटर आईडी है. ऐसे में उत्तराखंड पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 120बी 467 में फर्जी वोटर आईडी बनाने के आरोप में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. जिसके बाद निचली अदालत ने भी इस मामले में इनकी जमानत याचिका निरस्त कर दी थी.

इसके बाद चीनी नागरिकों ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में जमानत हेतु प्रार्थना पत्र दिया था. पूर्व में हाईकोर्ट ने इनकी जमानत मंजूर कर कहा था कि चारों अभियुक्त हर सप्ताह बनबसा थाने में अपनी हाजिरी देंगे. ऐसे में अब चारों अभियुक्तों ने अपने वतन वापसी को लेकर याचिका दायर की है. जिसको सुनने के बाद कोर्ट ने फिलहाल उनको कोई राहत न देते हुए अगली सुनवाई की तिथि एक सप्ताह बाद तय की है. साथ ही इस मामले में सरकार को सोमवार तक अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

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