हैदराबाद : लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के नए प्रमुख नियुक्त किए गए हैं.
पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक पाक प्रधानमंत्री आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति करते हैं, लेकिन वह इसके लिए सेना प्रमुख से सलाह लेते हैं.
पाकिस्तान में आईएसआई प्रमुख को सबसे महत्वपूर्ण पद माना जाता है. 73 साल के पाकिस्तान के इतिहास में आईएसआई ने विदेश नीति और सुरक्षा मामलों पर सभी बड़े निर्णय अपने अनुसार लिए हैं.
कौन हैं नदीम अंजुम
नदीम अंजुम अभी कराची में पाक के वी-कॉर्प्स के कमांडर हैं. वह पाक सेना के पंजाब रेजीमेंट से संबंध रखते हैं. वह कमांडेंट ऑफ कमांड रहने के साथ-साथ क्वेटा स्टाफ कॉलेज में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. नदीम अंजुम को फील्ड का कमांडर माना जाता है. युद्ध का विशेष अनुभव उनके पास है. फ्रंटियर कॉर्प्स के इंस्पेक्टर जनरल के तौर पर ब्लूचिस्तान में काम कर चुके हैं.
ब्लूचिस्तान में फ्रंटियर कमांडर रहते हुए नदीम ने आतंकियों के खिलाफ कई ऑपरेशन को सफल अंजाम दिया है. इन ऑपरेशनों की वजह से नदीम को मोहसीन ए ब्लूचिस्तान भी कहा जाता है. उनके जूनियर उन्हें ठंडे दिमाग वाला, लेकिन तुरंत निर्णय लेने वाला शख्स मानते हैं.
ऐसे समय में जबकि अफगानिस्तान मामले पर पाकिस्तान की पूरी दुनिया में किरकिरी हुई है, नदीम अंजुम की आईएसआई प्रमुख के तौर पर नियुक्ति की गई है. इनसे पहले ले. जन. हमीद को जून 2019 में आईएसआई प्रमुख बनाया गया था. हमीद भी ब्लूच रेजिमेंट से आते हैं. आईएसआई में आंतरिक मामलों को हमीद देख चुके हैं.
मीडिया रिपोर्ट बताते हैं कि जन. हमीद पाकिस्तानी सेना के पसंदीदा व्यक्ति रहे हैं. उन्हें अपनी काबिलियत और पेश के प्रति निष्ठा के लिए जाना जाता है. कहा जाता है कि वह पाक सेना प्रमुख जन. कमर बाजवा के काफी चहेते हैं. सूत्र बताते हैं कि हो सकता है हमीद को अगला सेना प्रमुख भी बनाया जा सकता है.
जन. बाजवा और पाक पीएम इमरान खान के बीच काफी घनिष्ठ संबंध है. बाजवा पिछले साल 29 नवबंर को रिटायर होने वाले थे. लेकिन इमरान ने देश की सुरक्षा और तत्कालीन परिस्थितियों का हवाला देकर उनका कार्यकाल फिर से तीन साल के लिए बढ़ा दिया.
पिछले महीने जन. हमीद ने तालिबान के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी. इस बैठक को लेकर उनकी खूब आलोचना की गई थी. काबुल में तालिबान की जीत के बाद वहां पर कई गुटों में आंतरिक संघर्ष की खबरें आने लगी थीं. स्थिति की नजाकत को भांपते हुए जन. हमीद काबुल पहुंच गए. उसके बाद हमीद ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है. यहां पर जल्द ही सरकार बनेगी, लेकिन पाकिस्तान की इसमें कोई भूमिका नहीं है.
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नवंबर 2022 में जन. बाजवा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. उसके बाद चार ले. जन. का नाम सामने आ रहा है, जिनमें से किसी एक को अगला सैन्य प्रमुख बनाया जा सकता है. इनमें ले.जन. साहिर शमशाद मिर्जा, ले.जन. अजहर अब्बास, ले. जन. नौमान मोहम्मद और ले. जन. हमीद शामिल हैं.