चंडीगढ़ : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ( BJP national president JP Nadda) ने बृहस्पतिवार को पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) से बात की और राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के लिए समर्थन मांगा. वहीं देर शाम सुखबीर सिंह बादल ने मुर्मू को अपने दल के समर्थन दिए जाने की घोषणा की.
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We have decided to support NDA's presidential candidate Droupadi Murmu. We will never go with Congress because of the atrocities they have committed on the Sikh community: Shiromani Akali Dal (SAD) chief Sukhbir Singh Badal in Chandigarh pic.twitter.com/x2u3adoo80
— ANI (@ANI) July 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) July 1, 2022We have decided to support NDA's presidential candidate Droupadi Murmu. We will never go with Congress because of the atrocities they have committed on the Sikh community: Shiromani Akali Dal (SAD) chief Sukhbir Singh Badal in Chandigarh pic.twitter.com/x2u3adoo80
— ANI (@ANI) July 1, 2022
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फोन पर हुई इस बातचीत के दौरान बादल ने नड्डा को कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया लेकिन उन्होंने कहा कि अकाली दल के नेताओं से चर्चा करने के बाद उन्हें अपनी राय से अवगत करा देंगे. राष्ट्रपति पद की राजग उम्मीदवार के रूप में मुर्मू द्वारा नामांकन दाखिल करने के बाद से नड्डा विभिन्न गैर-राजग दलों से फोन पर बात कर रहे हैं और उनसे मुर्मू के लिए समर्थन मांग रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि अकाली दल राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू का समर्थन कर सकता है.
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल राजग से बाहर हो गया था और उसकी नेता हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. साथ ही दशकों पुराना दोनों दलों को गठबंधन टूट गया था. इस साल की शुरुआत में पंजाब विधानसभा के चुनाव में अकाली बदल ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था जबकि भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींढसा के नेतृत्व वाले दलों के साथ गठबंधन किया था. हालांकि भाजपा और अकाली दल को इस चुनाव में कोई खास सफलता हासिल नहीं हुई.
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