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जानें भारत में कब हुई थी वैलेंटाइन डे की शुरुआत, क्या है मसूरी कनेक्शन

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Published : Feb 11, 2021, 9:57 PM IST

दुनिया में हर एक बंधन की डोर प्यार से बंधी है. अगर जीवन में प्यार न हो, तो जिंदगी वीरान हो जाती है. आज के दौरान वैलेंटाइन डे का खास चलन है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि वैलेंटाइन का भारत से क्या कनेक्शन है और इसकी शुरूआत इंडिया में कैसे हुई. इन्हीं जवाबों के लिए देखिए स्पेशल रिपोर्ट.. वैलेंटाइन डे का मसूरी कनेक्शन.

Valentine's Day Mussoorie Connection
जानें कब भारत में शुरुआत हुई थी वैलेंटाइन डे की, क्या है इसका मसूरी से कनेक्शन

मसूरीः लाइफ में प्यार न हो, तो जिंदगी वीरान हो जाती है. फिर चाहे वो प्यार माता-पिता का हो, भाई-बहन का हो, दोस्त का हो, या प्रेमी-प्रेमिका का. प्यार के बिना जीवन अधूरा है. आज के दौर में वैलेंटाइन-डे प्यार के दिन के रूप में मनाया जाने लगा है. हर साल 14 फरवरी को लोग वैलेंटाइन डे मनाते हैं. आजकल वैलेंटाइन वीक का भी खूब चलन है, जिसमें लोग सात दिनों तक अपने प्यार का इजहार करते हैं.

भारत में वैलेंटाइन की शुरुआत
वहीं अगर भारत में वैलेंटाइन डे कि बात करें तो इसका एक इतिहास हैं, इसकी एक कहानी है जिसकी शुरूआत मसूरी से मानी जाती है. मसूरी के मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि 'मसूरी मर्चेंट द इंडियन लैटर्स' पुस्तक में लिखे पत्र से साफ हो जाता है कि देश में वैलेंटाइन की शुरूआत 1843 में हुई होगी.

वैलेंटाइन के दिन मोगर मांक ने लिखा था पत्र
उन्होंने बताया कि इंग्लैंड में जन्मे 'मोगर मॉन्क' उन दिनों मसूरी में जॉन मेकेनन के बार्लोगंज स्थित स्कूल में लैटिन भाषा के शिक्षक थे. इसी दौरान उन्हें 'एलिजाबेथ लुईन' नाम की लड़की से प्यार हो गया. जिसके बाद मोगर मॉन्क ने 14 फरवरी 1843 को मसूरी से एक खत अपनी बहन के नाम इंग्लैंड भेजा था. इस खत में उन्होंने अपनी बहन मारग्रेट को अपनी भावनाओं के बारे में बताया था.

जानें कब भारत में शुरुआत हुई थी वैलेंटाइन डे की, क्या है इसका मसूरी से कनेक्शन

ये भी पढ़ें: वैलेंटाइन डे के लिए सजे नैनीताल के बाजार

मोगर को एलिजाबेथ लुईन से हुआ था प्यार
'मसूरी मर्चेंट द इंडियन लैटर्स' बुक के अनुसार 'मोगर मांक' ने अपनी बहन को पत्र में लिखा- ‘प्रिय बहन, आज वैलेंटाइन डे के दिन मैं यह पत्र लिख रहा हूं. मुझे एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो गया है. मैं उसके साथ बहुत खुश हूं.' वैलेंटाइन डे के दिन लिखे गए पत्र का तब चला जब 150 साल बाद मोगर मॉन्क के रिश्तेदार एंड्रयू मॉर्गन ने 1828 से 1849 के बीच लिखे गए पत्रों का जिक्र 'मसूरी मर्चेंट द इडियंन लैटर्स' पुस्तक में किया. देश में पहली बार प्रेम के इस पत्र का रिकार्ड बुक में दर्ज होने से माना जाता है कि इसी दिन से भारत में वैलेंटाइन डे का आगाज हुआ था.

'कौन हो सकता है वैलेंटाइन स्पेशल'
गोपाल भारद्वाज का मानना है कि वैलेंनटाइन डे महज लड़का-लड़की के बीच प्यार से नहीं है. आपको प्यार किसी से भी हो सकता है, जिसे देखने के बाद पहली नजर में उसके प्रति सम्मान के साथ प्यार झलकता हो वास्तव में वह आपका वैलेंटाइन डे स्पेशल बन सकता है. उन्होंने आज के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि प्यार मात्र संबध बनाने के लिये नहीं होता. युवक-युवतियां वैलेंटाइन मनाने से पहले अपने खास मित्र को समझें, परखें और सम्मान करें.

मसूरीः लाइफ में प्यार न हो, तो जिंदगी वीरान हो जाती है. फिर चाहे वो प्यार माता-पिता का हो, भाई-बहन का हो, दोस्त का हो, या प्रेमी-प्रेमिका का. प्यार के बिना जीवन अधूरा है. आज के दौर में वैलेंटाइन-डे प्यार के दिन के रूप में मनाया जाने लगा है. हर साल 14 फरवरी को लोग वैलेंटाइन डे मनाते हैं. आजकल वैलेंटाइन वीक का भी खूब चलन है, जिसमें लोग सात दिनों तक अपने प्यार का इजहार करते हैं.

भारत में वैलेंटाइन की शुरुआत
वहीं अगर भारत में वैलेंटाइन डे कि बात करें तो इसका एक इतिहास हैं, इसकी एक कहानी है जिसकी शुरूआत मसूरी से मानी जाती है. मसूरी के मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि 'मसूरी मर्चेंट द इंडियन लैटर्स' पुस्तक में लिखे पत्र से साफ हो जाता है कि देश में वैलेंटाइन की शुरूआत 1843 में हुई होगी.

वैलेंटाइन के दिन मोगर मांक ने लिखा था पत्र
उन्होंने बताया कि इंग्लैंड में जन्मे 'मोगर मॉन्क' उन दिनों मसूरी में जॉन मेकेनन के बार्लोगंज स्थित स्कूल में लैटिन भाषा के शिक्षक थे. इसी दौरान उन्हें 'एलिजाबेथ लुईन' नाम की लड़की से प्यार हो गया. जिसके बाद मोगर मॉन्क ने 14 फरवरी 1843 को मसूरी से एक खत अपनी बहन के नाम इंग्लैंड भेजा था. इस खत में उन्होंने अपनी बहन मारग्रेट को अपनी भावनाओं के बारे में बताया था.

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मोगर को एलिजाबेथ लुईन से हुआ था प्यार
'मसूरी मर्चेंट द इंडियन लैटर्स' बुक के अनुसार 'मोगर मांक' ने अपनी बहन को पत्र में लिखा- ‘प्रिय बहन, आज वैलेंटाइन डे के दिन मैं यह पत्र लिख रहा हूं. मुझे एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो गया है. मैं उसके साथ बहुत खुश हूं.' वैलेंटाइन डे के दिन लिखे गए पत्र का तब चला जब 150 साल बाद मोगर मॉन्क के रिश्तेदार एंड्रयू मॉर्गन ने 1828 से 1849 के बीच लिखे गए पत्रों का जिक्र 'मसूरी मर्चेंट द इडियंन लैटर्स' पुस्तक में किया. देश में पहली बार प्रेम के इस पत्र का रिकार्ड बुक में दर्ज होने से माना जाता है कि इसी दिन से भारत में वैलेंटाइन डे का आगाज हुआ था.

'कौन हो सकता है वैलेंटाइन स्पेशल'
गोपाल भारद्वाज का मानना है कि वैलेंनटाइन डे महज लड़का-लड़की के बीच प्यार से नहीं है. आपको प्यार किसी से भी हो सकता है, जिसे देखने के बाद पहली नजर में उसके प्रति सम्मान के साथ प्यार झलकता हो वास्तव में वह आपका वैलेंटाइन डे स्पेशल बन सकता है. उन्होंने आज के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि प्यार मात्र संबध बनाने के लिये नहीं होता. युवक-युवतियां वैलेंटाइन मनाने से पहले अपने खास मित्र को समझें, परखें और सम्मान करें.

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